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मधुबनी नरसंहार: नीतीश ने 'गृहमंत्री' से झाड़ा पल्ला!, आखिर कहना क्या चाहते हैं 'सुशासन' बाबू

मधुबनी नरसंहार कांड पीड़ित परिवार से मिलने के लिए राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया और नेता प्रतिपक्ष...
मधुबनी नरसंहार: नीतीश ने 'गृहमंत्री' से झाड़ा पल्ला!, आखिर कहना क्या चाहते हैं 'सुशासन' बाबू

मधुबनी नरसंहार कांड पीड़ित परिवार से मिलने के लिए राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मंगलवार को मधुबनी पहुंचें। जिसके बाद उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और पीड़ित परिवार के हवाले से कहा है कि इसमें वहीं अधिकारी जांच कर रहे हैं जिनका उठना-बैठना मुख्य अपराधी प्रवीण झा के साथ है। ये आरोप तेजस्वी ने डीएसपी अरूण कुमार सिंह पर लगाए हैं। हालांकि, सिंह ने आउटलुक से बातचीत में कहा था, "जांच जारी है। जो भी इस घटना में शामिल होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा।" हालांकि, उन्होंने बेनीपट्टी विधायक विनोद नारायण झा और पुलिस से अपराधी प्रवीण झा की सांठगांठ के सवाल पर कहा था कि कोई भी पीड़ित परिवार आवेश में बहुत-कुछ बोल जाते हैं। इसमें कितनी सच्चाई है पता नहीं। लेकिन, इस एंगल से जांच किए जाने की बात पर उन्होंने कहा था ऐसा मालुम नहीं होता है।

गौरतलब है कि प्रवीण झा को आज बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन, सीएम नीतीश के उन बयानों पर तेजस्वी ने सवाल उठाए जिसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस की ये जिम्मेदारी है। प्रशासन के जिम्मे लॉ एंड ऑर्डर आता है। तेजस्वी ने कहा, "नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के गृहमंत्री भी हैं। क्या वो इस चीज को भूल चुके हैं। पुलिस विभाग किसके अंदर आता है। नीतीश कुमार पूरी तरह से थक चुके हैं और तीसरी नंबर की पार्टी बनने की वजह से वो अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।"

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नीतीश कुमार ने मधुबनी नरसंहार कांड के सवाल पूछे जाने पर कहा था, “अगर कोई क्राइम की घटना होती है तो उसकी ज़िम्मेवारी पुलिस की होती है। इस पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है।” जिसपर तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा था, "सीएम साहब, हमें लगा बिहार पुलिस किम जोंग के अधीन है इसलिए आप क्यों खामखां ज़िम्मेवारी ले नरसंहार पर प्रतिक्रिया देंगे। है ना?

तेजस्वी यादव ने पुलिस प्रशासन की लापरवाही का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ये बिहार पुलिस अब जेडीयू पुलिस हो गई है। किसी भी मामले में पुलिस निष्पक्ष रूप से जांच करने और न्याय दिलाने में असफल है।

मधुबनी नरसंहार कांड में बीते मार्च महीने में होली के दिन करीब 35 लोगों ने बेनीपट्टी के महमदपुर गांव के पांच लोगों की हत्या कर दी थी जबकि एक अभी जिंदगी और मौत के बीच जुझ रहा है। पूर्व रिटार्यड आर्मी सुरेंद्र सिंह के तीन बेटे और उनके दो भतीजे को गोलियों से अपराधियों ने भून दिया।

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