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राहुल के ‘सवालों’ पर भाजपा नेताओं के ‘सवाल’

सियासत की अजब माया है। गुजरात में होने वाले चुनाव से पहले कई सियासी चालों से हर रोज आमना-सामना हो रहा...
राहुल के ‘सवालों’ पर भाजपा नेताओं के ‘सवाल’

सियासत की अजब माया है। गुजरात में होने वाले चुनाव से पहले कई सियासी चालों से हर रोज आमना-सामना हो रहा है। 22 सालों से गुजरात की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार को गद्दी से उतारने की मंशा के साथ कांग्रेस कई रणनीतियों पर दिन-रात एक की हुई है। वहीं भाजपा भी हर रणनीतियों के काउंटर करने के लिए दल-बल के साथ मैदान पर मुस्तैद है।

सियासी रण में हो रहे घमासान के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी राजनीतिक गोल को हासिल करने तमाम अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी गुजरात चुनाव के मद्देनजर भाजपा को घेरने की नई रणनीति पर काम कर रही है। हालांकि राहुल प्रधानमंत्री मोदी को सोशल मीडिया के जरिए घेरते ही रहते हैं। लेकिन गुजरात में होने वाले चुनाव को लेकर सोशल मीडिया रणनीति के तहत काम करते दिखाई दे रहे हैं। दरअसल गुजरात चुनाव तक राहुल रोज सुबह पीएम मोदी से एक सवाल पूछेंगे। इस दौरान वे गुजरात के अधिकतर अहम मुद्दों पर प्रश्नों के बाण चला रहे हैं। #गुजरात_मांगे_जवाब हैशटैग के साथ वे अपना तेवर दिखा रहे हैं।


 

राहुल गांधी अब तक प्रधानमंत्री मोदी से सिलसिलेवार पांच प्रश्न पूछ चुके हैं। हालांकि प्रधानमंत्री की ओर से इन सवालों का कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन भाजपा के कई बड़े नेता और केन्द्रीय मंत्री इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने से नहीं चूके। प्रतिक्रिया भी कोई जवाब की तरह नही बल्कि सवाल की तरह। यानी राहुल के सवालों पर भाजपा मंत्रियो के सवाल....

इसे लेकर राहुल पर सबसे पहला हमला केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ओर से बोला गया। ईरानी ने कहा, “जो व्यक्ति जवाबों का सवाल पूछता था, वो कम से कम  सवाल करना सीख गया है।”

दरअसल ईरानी ने दो घटनाओं को एक में मिलाकर तंज कसने का प्रयास किया है। हालफिलहाल जहां राहुल गांधी पीएम पर सवालों की बौछार कर रहे हैं। वहीं माह भर पहले एक सभा में उन्होंने, ‘मैं जवाब का सवाल चाहता हूं’ बोल गए थे।

केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी राहुल पर प्रहार किया। उन्होंने कहा, “इन्हें बैगन और बर्गर का फर्क नहीं पता और सवाल कर रहे हैं। पहले वो देश की सियासत और संस्कृति की एबीसीडी बताएं, जिस दिन उन्हें पता चल जाएगा उस दिन सब जवाब खुद मिल जाएंगे।”

इधर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विकास को पागल बताए जाने को लेकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “राहुल कहते हैं विकास पागल हो गया है। मुझे उनके दिमाग पर तरस आता है। विकास कभी धीमा हो सकता है, कभी तेज हो सकता है, कभी रूक सकता है, पर विकास कभी पागल भी होता है?”

उन्होंने आगे कहा कि कोई यह कह दे कि ये पागल है तो ये कहने वाले को क्या कहेंगे?

कुलमिलाकर भाजपा सरकार प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के किसी सवाल के सामने जवाब देने के मूड में नहीं है। बल्कि पलटकर सवाल पूछने की तरकीब से अपने दुश्मन को ढेर करना ही बेहतर समझ रही है। अब इसे सवालों से भागना कहें या इन पचड़ों से बचने की बुद्धिमता, सही मायनों में इस सवाल का जवाब जनादेश की ओर से ही मिल पाएगा।

 

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