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बिहार महागठबंधन में सब कुछ सही नहीं, सीटों के बंटवारे का तेजस्वी ने नहीं किया ऐलान

20 मार्च यानी की होली से एक दिन पहले बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा दिल्ली से पटना पहुंचे।...
बिहार महागठबंधन में सब कुछ सही नहीं, सीटों के बंटवारे का तेजस्वी ने नहीं किया ऐलान

20 मार्च यानी की होली से एक दिन पहले बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा दिल्ली से पटना पहुंचे। एयरपोर्ट के बाहर पत्रकारों को बताया, “महागठबंधन में सीटों का बंटवारा फाइनल हो गया है। इसके आधिकारिक ऐलान की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव को दी गई है। पटना लौटते ही वे महागठबंधन के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में घोषणा करेंगे।” उसी दिन पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी दिल्ली से पटना लौट गए। उन्होंने कहा, “महागठबंधन में चिंता की कोई बात नहीं है। सीटों का ऐलान होली के बाद किया जाएगा।”

कुशवाहा और मांझी भी नहीं आए नजर

22 मार्च यानी होली के अगले दिन पटना में महागठबंधन ने सीट शेयरिंग फॉर्मूले और लोकसभा के पहले चरण तथा विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों का भी ऐलान कर दिया। लेकिन, इस मौके पर तेजस्वी यादव, शरद यादव, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी की गैर मौजूदगी ने महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होने के कयासों को फिर से बल दिया है। हालांकि सीटों के बंटवारे के आधिकारिक ऐलान से पहले पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हुई बैठक में ये नेता मौजूद थे।

प्रदेश अध्यक्षों ने किया ऐलान

बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की मौजूदगी में राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा और राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने सीटों के बंटवारे की घोषणा की। इस बार लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 20 और कांग्रेस नौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी  (रालोसपा) पांच और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) तथा मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) तीन-तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव राजद के चुनाव चिह्न पर मधेपुरा से चुनाव लड़ेंगे। राजद ने अपने कोटे की एक सीट भाकपा-माले को भी दी है। 

राजद के सपनों जैसा नहीं महागठबंधन

महागठबंधन में सब कुछ दुरुस्त नहीं होने के कयास पिछले कई दिनों से लग रहे थे। बिहार कांग्रेस चुनाव समिति के अध्यक्ष अखिलेश सिंह की ओर से कांग्रेस के 11 सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के चंद घंटों के भीतर ही तेजस्वी ने कांग्रेस को अल्टीमेटम दे दिया था। राजद कांग्रेस को आठ से ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं थी। बताया जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद महागठबंधन टूटने से बचा और कांग्रेस को नौ सीटें मिलीं। महागठबंधन भले बच गया हो, लेकिन सीटों के बंटवारे से जाहिर है कि राजद के हिसाब से इसका स्वरूप व्यापक नहीं हो पाया है। सपा, बसपा और भाकपा को महागठबंधन में जगह नहीं मिल पाई है।

बगावत की आशंका 

सीटों के बंटवारे के आधिकारिक ऐलान के लिए बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस से महागठबंधन के शीर्ष नेताओं की दूरी के राजनीतिक हल्कों में मायने ‌निकालने शुरू हो गए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि महागठबंधन के दल बगावत की आशंका से घबराए हुए हैं। इसके लक्षण दिखने भी शुरू हो गए हैं। पूर्व सांसद निखिल कुमार के समर्थकों ने शुक्रवार को पटना में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नारेबाजी की। औरंगाबाद से निखिल कुमार का टिकट तय माना जा रहा था, लेकिन यह सीट हम को मिल गई है।

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