Advertisement

नई टैगलाइन ‘यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा’ के साथ ‘कुंभ’ का लोगो जारी

`यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा` कुछ यही संदेश देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ और गर्वनर राम नाईक ने...
नई टैगलाइन ‘यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा’ के साथ ‘कुंभ’ का लोगो जारी

`यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा` कुछ यही संदेश देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ और गर्वनर राम नाईक ने यूपी टूरिज्म की टैग लाइन और कुंभ के लोगो का अनावरण किया।

राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि कुम्भ में लोगों की असीम आस्था है,यह आस्था पर आधारित विश्व का सबसे बड़ा श्रद्धालुओं का समागम है। कुम्भ की इस महत्ता के मद्देनजर यूनेस्को ने भी इसे ‘इन्टैन्जिबिल कल्चरल हेरिटेज’ का दर्जा दिया है। इससे भारत का सांस्कृतिक संदेश दुनिया तक पहुंचेगा। राज्यपाल ने यह बात मंगलवार शाम यूपी राजभवन में आयोजित कुम्भ लोगो लॉन्च, यूपी टूरिज्म की टैगलाइन ‘यूपी नहीं देखा तो इण्डिया नहीं देखा’ के अनावरण तथा ओएसटीएस पोर्टल के शुभारम्भ के अवसर पर कही।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कुम्भ को सफल बनाने और पर्यटन के उद्देश्य से इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए सतत प्रयास कर रही है। इसके दृष्टिगत कुम्भ मेला प्राधिकरण की स्थापना की गई। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रयाग (इलाहाबाद) में होने वाला कुम्भ-2019 अत्यन्त सफल आयोजन होगा और इससे उत्तर प्रदेश की एक नई पहचान बनेगी।

कुंभ यूनीक ईवेंट

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम कुम्भ 2019 को दुनिया भर में ‘यूनीक ईवेंट’ के रूप में प्रस्तुत करने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। कुम्भ-2019 के लोगो के लॉन्च से श्रद्धालुओं को इससे जुड़ने में आसानी होगी। साथ ही, पोर्टल से उन्हें पर्यटन सम्बन्धी सभी प्रकार की सूचनाएं आसानी से मिल सकेंगी। यूनेस्को द्वारा कुम्भ को मान्यता देने के सम्बन्ध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनके अथक प्रयासों से ही सम्भव हो सका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में आयोजित होने वाले कुम्भ को पूरी भव्यता और दिव्यता से आयोजित करने का अवसर ‘उत्तर प्रदेश’ को मिला है और राज्य सरकार इसमें कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति पूर्ण है और वह पूर्णता से ही सम्पूर्ण सृष्टि को देखती है। इसीलिए 6 वर्ष पर आयोजित होने वाले आयोजन को ‘कुम्भ’ और 12 वर्ष पर आयोजित होने वाले आयोजन को ‘महाकुम्भ’ का नाम दिया गया है। कुम्भ का आयोजन प्रयागराज में संगम के तट पर होता है। संगम को त्रिवेणी भी कहा जाता है। इसका ऐतिहासिक महत्व है।

राज्य सरकार कुम्भ-2019 की ब्राण्डिंग का कर रही प्रयास

योगी ने कहा कि राज्य सरकार कुम्भ-2019 को सफल बनाने और इसकी ब्राण्डिंग के लिए सारे प्रयास कर रही है। इसकी सभी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कुम्भ-2019 में लगभग 12 करोड़ श्रद्धालुओं का संगम नगरी में आगमन अनुमानित है। ऐसे में उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता होगी और इस दिशा में सारे प्रयास किये जा रहे हैं।

सीएम ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा लॉन्च किया गया पोर्टल पर्यटकों के लिए बहुत ही सुविधाजनक होगा। इस पोर्टल पर यूपी के सभी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को सूचीबद्ध करके डाला जाएगा। उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीमित सम्भावनाएं हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटक पुलिस का गठन किया जाएगा।

प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। प्रयाग (इलाहाबाद) में आयोजित होने वाला कुम्भ मेला विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इस मेले की गणना विश्व के विशालतम श्रद्धा समागम के रूप में होती है। कुम्भ आयोजन की रूप रेखा तैयार करना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad