Advertisement

मध्यप्रदेश में स्कूल का टॉयलेट बना इन छात्रों का क्लासरुम

क्या कभी आपने सुना है कि छात्रों को स्कूल की क्लासरुम की जगह टॉयलेट में शिक्षा दी जा रहा हो... जी हां यह घटना सच है, जो मध्यप्रदेश में नीमच के एक प्राइमरी स्कूल की है।
मध्यप्रदेश में स्कूल का टॉयलेट बना इन छात्रों का क्लासरुम

दरअसल, एमपी में नीमच के एक प्राइमेरी स्कूल में बच्चों को शौचालय में पढ़ाया जा रहा है। स्कूल में कोई इमारत ना होने के कारण एक टॉयलेट में ही बैठकर बच्चे पढ़ रहे हैं। साल 2012 में शुरू किए गए इस स्कूल में सिर्फ एक अध्यापक है। 2012 में स्कूल के लिए एक किराये के कमरे का व्यवस्था की गई थी, लेकिन एक साल बाद 2013  वो भी वापस ले लिया गया। यह स्कूल नीमच मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर है।

स्कूल के टीचर कैलाश चंद्र का कहना है कि स्कूल में कोई कमरा ना होने के कारण वह एक बंद पड़े शौचालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि बरसात में इस जगह पर भी गांव के लोग बकरियां बांध देते हैं, जिससे उनकी परेशानी बढ़ जाती है।

इस मामले पर मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय शाह ने गुरुवार को कहा कि राज्य में 1.25 लाख स्कूल हैं। साधनों के सीमित होने के चलते और स्कूल नहीं बनाए जा सकते हां किराए की इमारत की व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस बात की कोशिश की जाएगी कि स्कूल के लिए किराए की जगह ढूंढ़ने में कोई दिक्कत ना हो।

एएनआई के मुताबिक, शाह ने कहा कि अभी तक इस तरह के जो भी मामले सामने आए हैं, उनसे संबंधित कोई भी इमारत नहीं बनाई गई है। उन्होंने बताया कि हमने कलेक्टर और विभाग से बात की है हमारे पास लगभग 1.25 लाख स्कूल हैं और सीमित संसाधनों में स्कूलों का निर्माण संभव नहीं है, लेकिन हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किराये की जगह खोजने में कोई समस्या नहीं होगी।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad