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कौन थे टायरस वोंग, जिनके बर्थडे पर आज गूगल ने बनाया Doogle, क्यों कहलाए ये 'डिज्नी लीजेंड'

सर्च इंजन गूगल ने आज यानी गुरुवार को चीनी-अमेरिकी आर्टिस्ट टाइरस वोंग के 108वें जन्मदिन पर रंगीन और...
कौन थे टायरस वोंग, जिनके बर्थडे पर आज गूगल ने बनाया Doogle, क्यों कहलाए ये 'डिज्नी लीजेंड'

सर्च इंजन गूगल ने आज यानी गुरुवार को चीनी-अमेरिकी आर्टिस्ट टाइरस वोंग के 108वें जन्मदिन पर रंगीन और दिलचस्प डूडल बनाया है। इस डूडल में टाइरस वोंग की जीवन यात्रा को बड़ी खूबसूरती से दिखाया गया है। बचपन से लेकर उनके बुढ़ापे तक टाइरस वोंग के काम को शानदार तरीके से वीडियो में दर्शाया गया है।

वोंग को मिली 'डिज्नी लेजेंड' की उपाधि

वोंग एक प्रतिभाशाली पेंटर, एनिमेटर, कॉलिग्राफर, सेट डिजाइनर, म्यूरलिस्ट, सेट डिजाइनर और स्टोरीबोर्ड आर्टिस्ट के तौर पर मशहूर हुए। उन्हें 'डिज्नी लेजेंड' की उपाधि मिली।

टायरल वोंग का असली नाम लोंग जेन यो है

टायरल वोंग का जन्म 25 अक्टूबर, 1910 को चीन में हुआ था। उनका असली नाम लोंग जेन यो है। 9 साल की उम्र में उनके पिता अमेरिका आ गए। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत हॉलीवुड प्रोडक्शन कंपनी 'वार्नर ब्रादर्स' में बतौर ग्रीटिंग कार्ड डिजाइनर के तौर पर की थी। उन्होंने 'डिज्नी' के साथ फिल्म प्रोडक्शन इलस्ट्रेटर (1942-1968), सेट डिजाइनर, स्टोरी बोर्ड और स्केच आर्टिस्ट (1938-1941) के तौर पर काम किया।

फिल्म 'बांमी (1942)' ने वोंग को सफलता दिलाई

वोंग 1938 में इंटर्न बन 'वाल्ट डिज्नी' में नियुक्त हुए और चित्रकार, एनिमेटर स्केच के तौर पर काम किया। डिज्नी की फिल्म 'बांमी (1942)' ने उन्हें सफलता दिलाई। उस समय टायरस वोंग को केवल बैकग्राउंड आर्टिस्ट के रूप में श्रेय दिया गया था। उनका योगदान कई सालों तक अपिचित रहा. साल 2001 में हॉलीवुड में उनके कामों को सराहा गया और उन्हें 'डिज्नी लीजेंड' की उपाधि मिली।

1932 में शिकागो में हुए एग्जीबिशन के बाद से लोगों के बीच पॉपुलर होने लगे वोंग

 

साल 1932 में शिकागो में एक एग्जीबिशन हुआ था, जहां उनकी बनाई हुई एक से बढ़कर एक पेंटिग्स दिखाई गई थी। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने उनकी पेंटिग्स की खूब तारीफ की। वो देखते ही देखते ही लोगों के बीच पॉपुलर होने लगे। जानकारी के मुताबिक, जहां उनकी आर्ट दिखाई जा रही थी वहां पिकासो, मेटिसी और पॉल ली जैसे दिग्गजों की पेंटिग्स लगी थी।

कई फिल्मों के आर्ट डिपार्टमेंट में भी काम किया

वोंग ने कई फिल्मों के आर्ट डिपार्टमेंट में भी काम किया। 'रीबेल विद ए कॉज (1955)', 'अराउंड द वर्ल्ड इन एटी डेज (1956)', 'रियो ब्रावो (1959)', 'द म्यूजिक मैन (1962)', 'द ग्रेट रेस (1962)', 'पीटी 109 (1963)', 'द ग्रीन बेरेट्स (1968)' और 'द वाइल्ड बंच (1969) जैसी फिल्मों से वोंग सेट डिजाइनर या स्टोरीबोर्ड कलाकार बनकर जुड़ें।

साल 2016 में 106 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए वोंग

 

अपने शानदार काम के चलते वॉग को 2001 में डिजनी लीजेंड अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था, जिसके बाद साल 2015 में उन्हें 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया गया। साल 2016 में 106 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा। उनका निधन 30 दिसंबर, 2016 को हुआ था।

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