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दसवीं में जब बेटे के फेल होने पर परिवार ने ढोल बजाकर मनाया जश्न

अक्सर ऐसा देखा गया है कि कक्षा में कम नंबर आने पर बच्चों को मां-बाप से खूब डांट मिलती है और अगर बच्चा फेल...
दसवीं में जब बेटे के फेल होने पर परिवार ने ढोल बजाकर मनाया जश्न

अक्सर ऐसा देखा गया है कि कक्षा में कम नंबर आने पर बच्चों को मां-बाप से खूब डांट मिलती है और अगर बच्चा फेल हो गया, तब तो क्या कहना। बच्चे के फेल होने पर जहां मां-बाप खूब डांट-फटकार लगाते हैं, वहीं एक ऐसा पिता भी है जिसने बेटे के फेल होने पर शानदार पार्टी दी। सुरेंद्र कुमार व्यास नाम के शख्स का बेटा आशु 6 में से 4 सब्जेक्ट्स में फेल हो गया, जिसके बाद पिता ने खूब शानदार पार्टी दी।  

ऐसा हैरान कर देने वाला वाकया है मध्य प्रदेश के सागर शहर का, जहां के लोग उस समय हैरान रह गए, जब एक परिवार ने अपने बेटे के 10वीं क्लास में फेल होने पर मिठाई बांटी और ढोल नगाड़े बजवाए। हालांकि परिवार ने जब जश्न मनाने का कारण लोगों को सही तरह से समझाया तो हर किसी ने उनकी तारीफ की।

हाल ही में आया है मध्य प्रदेश का रिजल्ट

हाल ही में मध्य प्रदेश बोर्ड का 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी किया गया। दोनों ही कक्षाओं में कई बच्चे फेल हुए और उन्हें मां-बाप से जमकर डांट भी मिली, लेकिन सागर के रहने वाले आशु को फेल होने पर शानदार पार्टी मिली। आशु के पिता सुरेंद्र कुमार व्यास शिवाजी वॉर्ड में रहते हैं और बेटे के रिजल्ट आने पर उन्होंने पार्टी आयोजित की। व्यास के पार्टी देने से हर कोई हैरान था लेकिन इसके पीछे उनका बड़ा ही नेक मकसद है। व्यास अपने बेटे को ये बताना चाहते हैं कि पास-फेल होना ही जीवन में सबकुछ नहीं होता।

फेल होने पर बच्चों के मनोबल को कुचलना नहीं चाहिए: परिवार

परिवार का कहना था कि शुरुआती उम्र में फेल होने पर बच्चों के मनोबल को कुचलना नहीं चाहिए। यह पेपर जिंदगी के आखिरी पेपर नहीं थे। परिवार के एक सदस्य का कहना है कि हम नहीं चाहते कि कुछ पेपर्स में फेल होने के बाद हमारा बच्चा कोई गलत कदम उठाने के बारे में सोचे।

परिवार द्वारा जश्न मनाने पर बच्चे को भी हुई हैरानी

परिवार का लड़का चार सब्जेक्ट्स में फेल था। बच्चे को भी उस वक्त हैरानी हुई जब उसके पिता सुरेन्द्र ने रिजल्ट जानने के बाद उसे गले लगा लिया और उसके दोस्तों और रिश्तेदारों को बुलाकर मिठाई बांटी। उसके बाद ढोल और नगाड़ों के साथ जुलूस निकला।

एक जगह फेल हो जाने से जीवन के सभी रास्ते बंद नहीं हो जाते: पिता

छात्र के पिता सुरेन्द्र का कहना है कि केवल एक जगह फेल हो जाने से जीवन के सभी रास्ते बंद नहीं हो जाते. मेरे बच्चे को सकारात्मकता के साथ जीवन के अन्य रास्तों का पता लगाना चाहिए, और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।

सभी परिवारों को अपने बच्चों के साथ ऐसा करना चाहिए: छात्र

छात्र का कहना है कि जिस तरह का व्यवहार मेरे साथ मेरे दोस्तों, परिवार और रिश्तेदारों ने किया है, उसी तरह का व्यवहार सभी परिवारों को अपने बच्चों के साथ करना चाहिए। उसका कहना है कि वह अब और नहीं पढ़ना चाहता। वह अपने पिता के ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में करियर बनाना चाहता है।

रिजल्ट आने के बाद मध्य प्रदेश में 11 बच्चों ने की आत्महत्या करने की कोशिश 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को बोर्ड के रिजल्ट आने के बाद मध्य प्रदेश में 11 बच्चों ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी। इनमें से छह की मौत हो गई थी।10 वीं क्लास में इस बार मध्य प्रदेश में 34% बच्चे फेल हुए हैं और कक्षा 12 वीं में 32% बच्चे फेल हुए हैं।

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