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राष्ट्रपति पद पर लगी हैं ग्वालियर के इस चाय वाले की निगाहें

ग्वालियर, मध्यप्रदेश के रहने वाले एक ‘चाय वाले’ की निगाहें राष्ट्रपति पद पर लगी हैं। इन जनाब का कहना है कि जब एक चाय बेचेने वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो राष्ट्रपति क्यों नहीं।
राष्ट्रपति पद पर लगी हैं ग्वालियर के इस चाय वाले की निगाहें

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने दलित कार्ड खेलते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया है। पर इस बीच मध्य प्रदेश ग्वालियर के एक चाय वाले की नजर राष्ट्रपति के पद पर अभी तक है। आनंद सिंह कुशवाह कहते है, “अगर एक ‘चाय वाला’  हमारे देश का प्रधानमंत्री हो सकता है तो दूसरा चाय वाला राष्ट्रपति भी तो हो सकता है।” 

पेशे से समाधिया कॉलोनी ग्वालियर में चाय बेचने वाले आनंद सिंह कुशवाह का कहना है कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को चुनाव लड़ने का अधिकार है। उन्हें भी चुनाव लड़ने का हक है, लिहाजा ऐसा क्यों न करें।

वह साबित करना चाहते हैं कि आम आदमी कुछ भी कर सकता है। दूसरों को चाय पिलाकर अपने परिवार का जीवन यापन करने वाले आनंद की राजनीति में गहरी दिलचस्पी है और वह आने वाले ग्राहकों से चाय की चुस्की के बीच देश और राजनीति के मुद्दों पर चर्चा करते नजर आ जाते हैं। आनंद ग्वालियर से लोकसभा व विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।

अगर बात आनंद कि संपत्ति कि की जाये तो उनके पास महज कुछ हजार रुपये की संपत्ति है, जिसकी घोषणा उन्होंने नामाकंन भरते समय की है। घोषणा के मुताबिक उनके पास पांच हजार रुपये नकद, पत्नी के पास मंगलसूत्र, एक साइकिल और खुद का मकान है। इसके अलावा उन पर 12 हजार रुपये का बैंक कर्ज और 60 हजार रुपये का दीगर कर्ज है। बहरहाल राष्ट्रपति कोई भी बने मगर आनंद सिंह कुशवाह में चुनाव लड़ने का जुनून कूट कूट कर भरा है। 

लड़ चुके हैं कई चुनाव 

आनंद सिंह कुशवाह अभी तक तीन बार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा दो बार उपराष्ट्रपति, तीन बार सांसद, दो बार विधायक और चार बार पार्षद का चुनाव लड़ चुके हैं।

 

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