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संसद सत्र की शुरुआत से पहले बोले पीएम मोदी, चाहते हैं सभी मुद्दों पर हो खुलकर चर्चा

संसद में आज से यानी 18 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने...
संसद सत्र की शुरुआत से पहले बोले पीएम मोदी, चाहते हैं सभी मुद्दों पर हो खुलकर चर्चा

संसद में आज से यानी 18 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहते हैं कि सभी मुद्दों पर इस दौरान खुलकर चर्चा हो। उन्होंने कहा कि यह 2019 का आखिरी सत्र है और बहुत महत्वपूर्ण सत्र है। यह राज्यसभा का 250वां सत्र है। 26 नवंबर को संविधान दिवस है। संविधान देश की एकता, अखंडता और सौंदर्य को अपने में समेटे हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सकारात्मक भूमिका के लिए सभी सांसदों का आभार करता हूं। हम सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहते हैं। वाद-विवाद, संवाद हो। इन सभी सांसदों को शुभकामनाएं देता हूं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दिनों सभी दलों के नेताओं से मिलने का मौका मिला। पिछला सत्र अभूतपूर्व सिद्धियों से भरा रहा, यह सिद्धी पूरे सदन की होती है। सभी सांसद इसके हकदार होते हैं। यह सत्र देश के विकास को गति देगा।

कांग्रेस ने कहा- विपक्ष को सही ढंग से विचार रखने का मौका मिले

कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री और सत्तासीन भाजपा आम लोगों से जुड़े मुद्दों को चर्चा के लिए बढ़ाएंगे। संसद चर्चा, वाद-विवाद और बातचीत के लिए ही बनी है। यह सरकार पर निर्भर करता है कि वे सदन को सुचारू रूप से चलाएं, ताकि विपक्षी पार्टियां अपने विचार और राय सही ढंग से प्रकट कर सकें। यही संसदीय लोकतंत्र की महक है।

एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का मुद्दा उठाएंगे- कांग्रेस

 

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा- हम सदन में अपनी पार्टी के नेताओं से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का मुद्दा उठाएंगे। मोदी सरकार का गांधी परिवार समेत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा कम करना राजनीतिक बदले से प्रेरित है। केंद्र सरकार ने उन्हें सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला लिया था।

 

इसके अलावा कांग्रेस संसद में जम्मू-कश्मीर के हालात और नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला समेत अन्य नेताओं को हिरासत में रखे जाने को लेकर सरकार से जवाब मांगेगी। सभी नेता 5 अगस्त के बाद से ही नागरिक सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद हैं।

'चिदंबरम को संसदीय कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति'

 

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मांग की है कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को संसदीय कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी जाए। आजाद ने कहा- पहले भी सांसदों पर मामले लंबित होने के दौरान उन्हें संसद आने की इजाजत मिलती रही है। चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया घोटाले में फिलहाल तिहाड़ में बंद हैं।

नागरिकता संशोधन बिल समेत कई अहम विधेयक को पास कराने की कोशिश

संसद के इस सत्र में सरकार नागरिकता संशोधन बिल समेत कई अहम विधेयकों को पास कराने की कोशिश करेगी। आपदा प्रबंधन (पहला संशोधन) विधेयक, औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, गर्भ का चिकित्सीय समापन (संशोधन) विधेयक समेत 27 बिल संसद में पेश किए जाएंगे। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा।

नागरिकता संशोधन बिल का विरोध

इस सत्र में सरकार कई अहम बिल पेश करेगी, जिसमें नागरिकता संशोधन बिल भी होगा। इस बिल का काफी विरोध होता रहा है। इस विधेयक के कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल की बजाय महज छह साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी।

पूर्वोत्तर के लोगों का विरोध है कि यदि यह बिल पास होता है तो इससे राज्यों की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत के साथ खिलवाड़ होगा।

यह बिल भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाता है

नागरिकता संशोधन बिल हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाइयों को जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से बिना वैध यात्रा दस्तावेजों के भारत आए हैं या जिनके वैध दस्तावेजों की समय सीमा हाल के सालों में खत्म हो गई है, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाता है। यह बिल बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के छह गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के लोगों को भारतीय नागरिकता हासिल करने में आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रावधान करता है।

नागरिकता बिल को लेकर पिछले सत्र में विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर किया था विरोध

इस बिल के खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन हुए हैं। संसद के पिछले सत्र में विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया था। उत्तर-पूर्व के कई राज्य इस विधेयक के विरोध में हैं। इसे देखते हुए सरकार ने इसमें संशोधन का वादा किया है। शीत सत्र में संसद पटल पर इसे रखा जाएगा और सरकार इसे आसानी से पास करा लेने की उम्मीद में है।

आज सत्र में ये बिल होंगे पेश

सहयोग के लिए बुलाई थी सर्वदलीय बैठक

सरकार की ओर से रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इसमें 27 दलों के नेता शामिल हुए। शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी संसद भवन में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने सभी दलों से सदन को सुचारु रूप से चलाने में सहयोग करने की अपील की। ओम बिरला ने नेताओं को आश्वस्त किया कि सभी को बात रखने और उनके उठाए मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने का पूरा प्रयत्न किया जाएगा।

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