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पीएसएलवी सी31 का प्रक्षेपण, जीपीएस निर्भरता दूर होगी

अमेरिका आधारित जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) जैसी क्षमता हासिल करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए बुधवार को भारत ने अपने पांचवे दिशासूचक उपग्रह आईआरएनएसएस-।ई का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर दिया। भारत ने यह प्रक्षेपण अपने विश्वसनीय पीएसएलवी-सी31 के माध्यम से किया।
पीएसएलवी सी31 का प्रक्षेपण, जीपीएस निर्भरता दूर होगी

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी31 ने अपने सफर का आगाज बिल्कुल सटीक तरह से करते हुए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह नौ बजकर 31 मिनट पर उड़ान भरी और फिर 19 मिनट 20 सेकेंड के बाद इसने उपग्रह को कक्षा में डाल दिया। यह अंतरिक्ष केंद्र चेन्नई से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

कुल 48 घंटे तक चली उल्टी गिनती के बाद जब राॅकेट एकदम साफ नीले आकाश में उड़ा तो पीएसएलवी के चारों चरणों को प्रोग्रामिंग के हिसाब से ही काम करते देख मिशन नियंत्रण केंद्र पर मौजूद इसरो के वैज्ञानिकों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई। आईआरएनएसएस-।ई के दो सौर पैनल भूस्थैतिक कक्षा में उपग्रह को भेजे जाने के बाद एक-एक करके स्वत: ही क्रियाशील हो जाएंगे।

इसके बाद कर्नाटक के हासन स्थित मास्टर कंटोल फैसिलिटी कक्षा उत्थान अभियानों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेगी। आईआरएनएसएस-।ई आईआरएनएसएस अंतरिक्ष प्रणाली का पांचवा दिशासूचक उपग्रह है। इस प्रणाली के तहत कुल सात उपग्रह हैं और इन सभी का प्रक्षेपण हो जाने के बाद यह प्रणाली अमेरिका आधारित जीपीएस के समकक्ष हो जाएगा।

आईआरएनएसएस प्रणाली का संचालन शुरू करने के लिए वैसे तो चार ही उपग्रह काफी होंगे लेकिन बाकी के तीन उपग्रह इसे ज्यादा सटीक और दक्ष बनाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सफल प्रक्षेपण पर वैज्ञानिक समुदाय को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया, पीएसएलवी सी31 के सफल प्रक्षेपण और आईआरएनएसएस।ई को सटीकता के साथ कक्षा में स्थापित किए जाने के अवसर पर इसरो और हमारे वैग्यानिकों को उनके उत्साह और दृढ़संकल्प के लिए बधाई।

इसरो टीम को बधाई देते हुए इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने कहा, ‘आज इस नए साल में हम भारतीय क्षेत्रीय दिशासूचक उपग्रह के पांचवें प्रक्षेपण के साथ शुरुआत कर रहे हैं। यह सात उपग्रहों के समूह में से पांचवा उपग्रह है। इस उपग्रह को प्रक्षेपित करके हमारे देश के भीतर हम प्रतिदिन 24 घंटे किसी की भौगोलिक स्थिति से जुड़ी सटीक जानकारी हासिल कर सकेंगे।

किरण कुमार ने मिशन कंटोल सेंटर में कहा, आज आपके द्वारा अंजाम दिए गए काम के लिए मैं पूरी इसरो टीम को बधाई देना चाहता हूं और हमें अभी बहुत आगे जाना है। हमें इस समूह के दो और उपग्रह प्रक्षेपित करने हैं। इनका प्रक्षेपण अगले कुछ माह में होगा। भविष्य के प्रक्षेपणों के बारे में उन्होंने कहा, हमें अभी लंबा सफर तय करना है। इस साल हम पृथ्वी का पर्यवेक्षण करने वाले उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बना रहे हैं।

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