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इसरो ने रचा इतिहास, अपना 100वां सैटेलाइट लॉन्च कर कहा- ये देश को नए साल का तोहफा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को इतिहास रचते हुए अपना 100वां सैटेलाइट लॉन्च कर दिया...
इसरो ने रचा इतिहास, अपना 100वां सैटेलाइट लॉन्च कर कहा- ये देश को नए साल का तोहफा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को इतिहास रचते हुए अपना 100वां सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है। सैटेलाइट के प्रक्षेपण के लिए 28 घंटों की उलटी गिनती गुरुवार से शुरू हो गई थी।

पीएसएलवी श्रृंखला के इस सैटेलाइट का नाम कार्टोसैट-2 है। इस सैटेलाइन को ‘आई इन द स्काइ’ के नाम से भी जाना जा रहा है, क्योंकि ये अतंरिक्ष से तस्वीरें लेने के लिए ही बनाया गया है। खास बात यह है कि ये पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर पैनी नजर बनाए रखेगा।

पीएम मोदी ने इसरो को दी बधाई 

सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग पर पीएम मोदी ने इसरो को बधाई दी है। पीएम ने इसे नए साल की  बड़ी सफलता करार देते हुए कहा कि अंत‌रिक्ष्‍ा तकनीकी में ये बदलाव देश के नागरिकों, किसानों और मछुआरों के ‌लिए ख्‍ाासा मददगार सा‌बित होगा


चेन्नै से 110 किलोमीटर दूर स्थित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से इस 100वें उपग्रह के साथ 30 अन्य उपग्रह भी अंतरिक्ष में लॉन्च किए गए। अपने इस 42वें मिशन के लिए इसरो ने अपने भरोसेमंद कार्योपयोगी ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी40 को भेजा जिसने कार्टोसेट-2 श्रृंखला के उपग्रह और 30 सह-यात्रियों (जिनका कुल वजन करीब 613 किलोग्राम है) को लेकर शुक्रवार को सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर उड़ान भरी।

यह देश को नए साल का तोहफा है

सैटेलाइट लॉन्च के बाद इसरो के चीफ एएस किरण ने कहा कि पिछले पीएसएलवी के  दौरान कुछ समस्याएं आई थीं, लेकिन आज हुए लॉन्च ने साबित कर दिया कि उन समस्याओं को पूरी तरह सुलझा लिया गया है। यह देश को नए साल का तोहफा है।


गुरुवार को मिशन तैयारी समीक्षा समिति और प्रक्षेपण प्राधिकरण बोर्ड द्वारा तय किए गए समय पर मुहर लगाए जाने के बाद इसरो ने कहा, “पीएसएलवी-सी40 कार्टोसेट2 श्रृंखला के उपग्रह मिशन की 28 घंटे की उलटी गिनती आज सुबह पांच बजकर 29 मिनट (भारतीय समयानुसार) पर शुरू हो गई। संस्थान ने बताया थ्‍ाा कि वैज्ञानिक फिलहाल उड़ान के विभिन्न चरणों के लिए प्रोपलेंट भराव के कार्य में लगे हुए हैं।

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से प्रक्षेपित इस 44.4 मीटर लंबे रॉकेट के सह-यात्री उपग्रहों में भारत का एक माइक्रो और एक नैनो उपग्रह शामिल है जबकि छह अन्य देशों- कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के तीन माइक्रो और 25 नैनो उपग्रह शामिल किए गए हैं।

इसरो और एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच हुए व्यापारिक समझौतों के तहत प्रक्षेपित इन 28 अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों से युक्‍त यह 100वां उपग्रह कार्टोसेट-2 श्रृंखला का तीसरा उपग्रह होगा।

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