भारत ने गुरुवार को आईआरएनएसएस-1जी उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया। इस के साथ ही भारत ने भी अमेरिका के जीपीएस की तर्ज पर क्षेत्रीय दिशासूचक प्रणाली का अपना ऐतिहासिक अभियान पूरा कर लिया।
लगातार दो वर्ष के सूखे के बाद इस वर्ष मानसून के सामान्य से बेहतर होने और देश भर में समान बारिश होने की भारत मौसम विज्ञान विभाग की सूचना किसानों के लिए राहत की खबर लेकर आई है। विभाग ने आज इस वर्ष के पूर्वानुमानों की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून के लिहाज से यह साल अच्छा रहेगा।
आम लोगों के बीच रहने वाले पक्षी इंसान के बीच भेद करने में सक्षम होते हैं यह बात सभी को पता है लेकिन वैज्ञानिकों ने पाया है कि सुदूर ध्रुवीय इलाके अंटार्कटिक में रहने वाले समुद्री पक्षी भी अलग-अलग इंसानों को पहचानने की क्षमता रखते हैं जो पहले कभी उनके घोंसले तक गए होते हैं।
भारत ने चांदीपुर स्थित एक परीक्षण केंद्र से सेना के प्रायोगिक परीक्षण के तहत देश में निर्मित पृथ्वी-2 मिसाइल का मंगलवार को प्रक्षेपण किया जो 500 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम तक का आयुध ले जाने में सक्षम है।
बीते दौर में हुए एक विस्फोट को सुनकर दो अमेरिकी संसूचकों (detectors) ने एक इतिहास रच दिया है और यदि चीजें योजना के अनुरूप चलती हैं तो एेसी ही आवाजें सुनने वाला तीसरा संसूचक भारत में हो सकता है। इन संसूचकों पर सुनी जाने वाली ये आवाजें ब्रह्मांड के गहरे रहस्यों से पर्दा उठा सकती हैं।
भारत में खतरनाक जीका वायरस के संक्रमण का कोई मामला भले ही सामने नहीं आया है लेकिन यह दुनिया का एेसा पहला देश जरूर बन गया है, जो अमेरिकी महाद्वीपों में भयावह सपना बन चुके वायरस के खिलाफ एक नहीं बल्कि दो-दो टीकों के परीक्षण के लिए तैयार है।
अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा करते हुए भारत ने आज लड़ाकू विमानों और क्रूज मिसाइलों को हवा में भेदकर गिराने की क्षमता वाले 'आकाश' मिसाइल का परिक्षण किया। यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेश में विकसित है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के विशेषज्ञों का दावा है कि मोबाइल टावरों के विद्युत चुंबकीय क्षेत्राें (ईएमएफ) से निकलने वाला विकिरण देश के बच्चों या व्यस्कों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव डालते हुए नहीं प्रतीत होते।
अमेरिका आधारित जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) जैसी क्षमता हासिल करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए बुधवार को भारत ने अपने पांचवे दिशासूचक उपग्रह आईआरएनएसएस-।ई का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर दिया। भारत ने यह प्रक्षेपण अपने विश्वसनीय पीएसएलवी-सी31 के माध्यम से किया।