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बुलेट ट्रेन पर बोले आशुतोष राणा, 'उधार की 'घी' चुपड़ी रोटी से बेहतर है स्वयं की बनाई सूखी रोटी'

जाने-माने अभिनेता आशुतोष राणा ने बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने फेसबुक पर लिखे...
बुलेट ट्रेन पर बोले आशुतोष राणा, 'उधार की 'घी' चुपड़ी रोटी से बेहतर है स्वयं की बनाई सूखी रोटी'

जाने-माने अभिनेता आशुतोष राणा ने बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में इस परियोजना के लिए जापान से उधार लिए जाने को गलत ठहराया है। दरअसल, राणा ने अपनी टिप्पणी में बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध नहीं किया है बल्कि उधार लिए जाने की मानसिकता के खिलाफ उन्होंने ने अपनी बात रखी है। 

गौरतलब है कि 14 सितंबर के दिन पीएम मोदी ने बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ रखी। इसके लिए जापान ने भारत को 88 हजार करोड़ का लोन भी दिया है।

बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर आशुतोष राणा ने लिखा है, “हम भारतियों के पास ट्रेन भी है और ब्रेन भी है। हमारे लिए बुलेट ट्रेन से अधिक उपयोगी बुलेट ब्रेन है। हमें चाहिए कि हम अपनी सम्पत्ति का उपयोग भारतीय ट्रेनों को और भारतीय ब्रेनों को बुलेट के जैसा बनाने में खर्च करें, जिससे हम स्वयं की क्षमता पर अपने भारत का नवनिर्माण कर सकें।

उधार की 'घी' चुपड़ी रोटी से कहीं अधिक सुखद और स्वास्थवर्धक, स्वयं के श्रम से अर्जित की हुई सूखी रोटी होती है। क्योंकि उधार लिया गया ज्ञान हो या मान, शक्ति हो या सम्पत्ति ये कालान्तर में कल्याणकारी नहीं होते।

यह सर्वविदित व्याहारिक सत्य है कि उधार, कभी भी उद्धारक नहीं होता।

यदि हम चाहते हैं की हमारा देश मात्र सुविधाओं का नहीं शक्ति का केंद्र बने, तब हमें अपनी संचित सम्पत्ति का उपयोग भारतीय संतति को सबल सक्षम बनाने में करना चाहिए, जिससे युवा भारत सुविधाओं का ग्राहक नहीं सुविधाओं का सृजक बनें।”

बता दें कि  कि पीएम मोदी की इस बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर विपक्षी दलों ने भी निशाना साधा था। हालांकि सरकार की ओर से इसे विकास और उपलब्धि के तौर पेश किया जा रहा है। 

बेबाकी के साथ लिखते हैं राणा

आशुतोष राणा ना केवल शानदार अभिनय बल्कि अपने बेबाक लेखन का भी लोहा मनवा चुके हैं।  विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार फेसबुक के जरिए साझा करने के साथ-साथ वे कविताएं भी लिखते हैं। हिन्दी, साहित्य और भारतीय संस्कृति-दर्शन को लेकर उनकी समझ के लोग कायल हैं।

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