Advertisement
मैगज़ीन डिटेल

आधार पर अभी भी सवाल

आधार के खिलाफ लड़ाई भी आइपीसी की धारा 377 जैसी है, आखिर में लोकतंत्र और लोग ही जीतेंगे

खाकी-स्वच्छता की भी दरकार

बात केवल किसी एक राज्य की नहीं है, पूरे देश में पुलिस सुधार की जरूरत है, इसके लिए कई समितियां तो बनीं, लेकिन उनकी रिपोर्ट पूरी तरह लागू नहीं हो पाई

बे‌हतर बनो तो दुनिया है खुली

शीर्ष बिजनेस स्कूलों की आउटलुक की सालाना रैंकिंग के साथ जानें कैसे बदल रहा ग्लोबल एमबीए, ललित कला और भाषाओं का संसार

आउटलुक-दृष्टि बी-स्कूल 2018 सर्वे की पद्धति

इस सर्वेक्षण में शामिल होने वाले संस्थानों के लिए तीन बैच का पास होने के साथ-साथ पांच साल पुराना होने की भी थी शर्त

बदलो वरना नहीं बदलेगी तस्वीर

सही पाठ्यक्रम के चुनाव के लिए बिजनेस एजुकेशन के क्षेत्र में उभरते रुझानों की सटीक जानकारी जरूरी

जितनी जानो भाषा, उतनी बढ़े आशा

हेलो, हालो, होला...बहुभाषी पेशेवरों के लिए बेहतर नौकरियां और वेतन पाने की संभावनाएं अधिक

देस हो या परदेस, बेकरी वाला बादशाह

मैनेजमेंट गुरु एम. महादेवन के नुस्खों ने बाजार में जमाई ऐसी धाक कि दुनिया भर के दो सौ रेस्तरां से जुड़ गया हॉट ब्रेड्स का नाम

नई पीढ़ी की बदलती पसंद ने खड़ा कर दिया है नया बाजार

वेंचर कैपिटलिस्ट अब एफएमसीजी स्टार्टअप में कर रहे हैं ज्यादा निवेश

नए विचार, नया व्यापार, विरासत के नए सूत्रधार

विदेशी डिग्री और वैश्विक दृ‌ष्टिकोण के साथ बदल रहा पारंपरिक व्यापार

परदेस में पढ़ाई

विदेशी विश्वविद्यालयों और बिजनेस स्कूल में क्या, कहां और क्यों पढ़ें

किसान यूनियन की ‘वापसी’

हरिद्वार से चली किसान यात्रा पर सरकार की सख्ती से उपजी नाराजगी लोकसभा चुनावों के पहले किसान एजेंडे की भी जोरदार वापसी के संकेत

प्रधान फलसफा

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा रिटायर हुए मगर आखिरी वक्त में सुनाए फैसलों के सामाजिक-राजनैतिक संदेश क्या

आस्था न्यायालय का मसला नहीं

सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले आपस में टकरा रहे हैं, उन पर उसे स्पष्टीकरण देने की जरूरत

गांधी का मतलब

डेढ़सौवीं जयंती वर्ष में हम महात्मा की पूजा न करें, उनके बताए रास्तों को समझें और चलें

आज के दौर में गांधी और आंबेडकर की प्रासंगिकता

गांधी और भीमराव आंबेडकर के आदर्शों में कोई अंतर था? क्या दोनों ही दलितों के उत्थान, जाति पर आधारित भेदभाव की समाप्ति और मनुष्य की समानता के लक्ष्यों के प्रति ईमानदारी के साथ समर्पित नहीं थे?

सर्वोदय चिंतन और स्वच्छता

हिंसा-विहीन मानस और प्रदूषण रहित पर्यावरण के बिना समाज के अंतिम जन तक नहीं पहुंचेगा विकास

बदलाव के लिए नहीं कोई बेचैनी

मौजूदा और भविष्य के शासकों से राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मूल्यों में परिवर्तन की उम्मीद नहीं

चंपारण शताब्दी वर्ष के बहाने गांधी से साक्षात्कार

गांधी को याद करना तभी कुछ काम का होगा जब हम उनके आंदोलन खड़ा करने और संगठन बनाने के तरीकों पर गौर करें, इसके लिए चंपारण में उनके प्रयोग डालते हैं नई रोशनी

असत्य के साथ प्रयोग

असत्य के साथ प्रयोग करने का एक फायदा यह है कि जब आप असत्य का प्रयोग करने लगते हैं तो सत्य भी अनेक असत्यों में से एक असत्य बन जाता है

आम आदमी के हक में बेमिसाल गठबंधन सरकारें

यह गठबंधनों का देश है, पुराना रिकॉर्ड देखेंगे तो केंद्र सरकारों के स्तर पर भी गठबंधन के दौर में ही बेस्ट काम हुए

आखिरी मूर्तिभंजक

विष्णु खरे ने हिंदी कविता के स्वरूप को बुनियादी ढंग से बदला और विश्व साहित्य-सिनेमा से परिचय कराया

Advertisement
Advertisement
Advertisement