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मैगज़ीन डिटेल

बीता सुधार का वक्त

यह बजट फिस्कल, मॉनेटरी और पॉलिटिकल तीनों मोर्चों पर सरकार के लिए बड़ी परीक्षा साबित होने वाला है। अगर सरकार सुधारों से जुड़े फैसले पहले तीन साल में कर लेती तो राजनीतिक मोर्चे पर हालात सरकार के हक में ज्यादा दिखते

कर्जदार होती बेरोजगार पीढ़ी

नौकरियों का संकट बढ़ा तो एजुकेशन लोन बनाने लगा छात्रों को डिफॉल्टर, तीन साल में 51 फीसदी तक बढ़ गया एनपीए, अभिभावक और छात्र करने लगे कर्ज लेने से तौबा, लिहाजा देश के युवाओं को उच्च शिक्षा के प्रति आकर्षित करके बेहतर जिंदगी का सपना दिखाने के लिए धूम-धड़ाके से प्रचारित योजना सरकारी अदूरदर्शिता और कामचलाऊ रवैए की भेंट चढ़ गई

यह तो होना ही था

नए कॉलेज खोलने पर अंकुश, गुणवत्तापूर्ण कौशल विकास और गैर-कृषि रोजगार बढ़ाने से बदलेंगे हालात

सरकारी उपेक्षा ने किया शिक्षा का बेड़ा गर्क

उच्च शिक्षा पर ध्यान दिए बिना नहीं दूर होगी शैक्षणिक बदहाली, रोजगार के अनुरूप शिक्षा विश्वविद्यालयों का काम नहीं, हुनर का पूरा विमर्श ही नालायकीकरण की ओर धकेलता है

पुरानी लड़ाई पर छिड़ी नई सियासत

200 साल पुराने युद्ध स्मातरक पर महाराष्ट्र में कोहराम, दलित उभार की संभावना से हिंदुत्ववादी ताकतें भी सक्रिय पर मुख्यधारा के दल दुविधा में

रजनीकांत का जलवा कितना दमदार

बगैर जयललिता एआइएडीएमके में बिखराव की आशंका और उपचुनाव में डीएमके के निराशाजनक प्रदर्शन से रजनीकांत के लिए राजनीति में कदम रखने का मौका तो माकूल पर चुनौती बड़ी

बदलेंगी मंडियां टूटेगी मनमानी

कृषि विपणन में निजी निवेश को बढ़ावा देने की तैयारी में योगी सरकार

तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट

विधायक हनुमान बेनीवाल और किरोड़ी लाल मीणा की रैली से शुरू हुई सक्रियता क्या भाजपा-कांग्रेस को दे पाएगी चुनौती

तिकोनी जंग के आसार

क्या अजीत जोगी के मैदान में रहने से भाजपा को मिलेगा फायदा, कांग्रेस भी कर रही है पूरी कोशिश

अपना-अपना सियासी गणित

चारा घोटाले में लालू यादव की सजा के बाद राजद के बिखराव की अटकलें मगर मुस्लिम-यादव एकजुटता से इसकी संभावना कम

फिल्मी किस्सागो की नई जमात

नए रंग-ढंग की बेहद जमीनी कहानियां कहने की प्रतिभा और नए सौंदर्यबोध वाले फिल्मकारों ने बदली बॉलीवुड की दुनिया और बिना किसी विरासत के जमाई धाक

बीता हुआ कल न बने कला बाजार

नए साल में युवाओं को जूझना न पड़े बाजार के कला बिक्री तंत्र से

डॉ. नगेंद्र एक बहुआयामी व्यक्तित्व

अथक परिश्रम, सूझबूझ और संघर्षशीलता से अंग्रेजियत के माहौल वाले दिल्‍ली विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग को दी अनोखी गरिमा और नई दिशा

छोटे वाक्यों में बड़ी बातें

जीवन के अकेलेपन की अक्कासी सादगी, सहजता को सुंदर ढंग से कहते थे त्रिलोचन

नाटकों का शास्त्रीय संगीतकार

झंडे खां ने अपना संगीत कॅरिअर नाटकों से शुरू किया और फिल्मी पटल पर भी छा गए

वेडिंग प्लानिंग में फूफाजी

वेडिंग प्लानर सब कुछ प्लान कर सकता है, बस यह प्लान नहीं कर सकता है कि टिपिकल फूफाजी और जीजाजी कब और क्यों रूठेंगे

सियासी उतावली की वेला

मुकाबले की घड़ी करीब आने लगी तो राजनीति तल्ख उकताहटों और झुंझलाहटों में बदली

न प्लानिंग, न पेशकदमी, सिर्फ नाम का सिक्का

संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी करके महज राजनैतिक मकसद हासिल करने का फंडा बन गया है एनसीआर प्लानिंग बोर्ड

कमाई पहले, भलाई पीछे

स्वास्थ्य सेवाओं को निजी क्षेत्र को सौंपकर कमाई में जुटे हैं जाने-माने चैरिटेबल हॉस्पिटल

एफ्रोएशियाई साहित्‍य का विशाल फलक

नासिरा शर्मा ने इस किताब जरिए साहित्य में ऐसे काम को अंजाम दिया है जो बड़ी संस्थाओं के वश का भी नहीं है

वंदे मातरम् और भारतीयता

वंदे मातरम् थोपने की प्रवृत्ति और कट्टरपंथी संगठन का विरोधपरक रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है

2018 में अंकों का करिश्मा

निजी वर्ष में बदलाव से ऊर्जा का स्तर भी होता है प्रभावित

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