Advertisement
मैगज़ीन डिटेल

विकास पीछे, समाज आगे

गुजरात के रण में इस बार मुद्दे, मसले, जाति गणित सब बदले-बदले से, भाजपा के स्थानीय नेतृत्व को अब भी मोदी मैजिक का इंतजार

छंटना चाहिए नीतियों का कोहरा

किसानों को फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए वित्तीय मदद सबसे कारगर कदम है। किसानों को दो हजार रुपये प्रति एकड़ की मदद चाहिए। इससे करीब दो हजार करोड़ रुपये का बोझ ऐसा नहीं है जिसे वहन नहीं किया जा सकता है।

धुआं-धुआं-सी हवा, सियासी कोहरा घना

दिल्ली ही नहीं समूचे उत्तर भारत में अटकने लगी सांस मगर केंद्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा की सरकारें बस एक-दूसरे पर आरोप लगाने में ही व्यस्त

कल लंदन, आज दिल्ली सीखा क्या?

गाड़ियों, उद्योगों, निर्माण कार्यों और खेतों में पराली जलाने से सांस लेना हुआ मुश्किल, फौरी उपाय जरूरी

इंडिया@ 2057

साल-दर-साल विकराल होता हवा, पानी, मिट्टी का प्रदूषण और उपायों से हाथ खाली रहे तो चालीस साल बाद की कल्पना कीजिए

बढ़ती नाराजगी पर भावनाओं का मरहम

किसान आंदोलन के बाद बढ़ा राष्ट्रवाद जैसे भावनात्मक मुद्दों का शोर

नौकरशाहों पर दरियादिली

रमन सरकार ने एक अफसर को रिटायरमेंट के पहले कुछ घंटे के लिए प्रमुख सचिव बनाया, कई को प्रमोशन

कौन मजबूत, कौन मजबूर?

नीतीश कुमार और लालू यादव के राजनैतिक भविष्य को लेकर लग रहीं अटकलें

पल-पल मरता झरिया

पुनर्वास की सुस्त रफ्तार से किसी भी वक्त पाताल की आग में समा सकती हैं लाखों जिंदगियां

लीग की गुगली से बोर्ड पस्त

अनधिकृत टी-20 की बाढ़ से दहशत में क्रिकेट बोर्ड, खिलाड़ियों और राज्य संघों को दूर रहने की दी चेतावनी, फिर भी खिलाड़ियों पर डोरे डाल रहे आयोजक

कव्वाली पर कितने फिदा

‘मेरे रश्के-कमर...’ तीस साल बाद भी लोगों को झुमा रहा है, कव्वाली की दुनिया पर एक नजर

कपिल का लौटेगा करिश्मा?

अपने मूड, साथियों से दुर्व्यवहार और शराब की लत से ध्वस्त कपिल शर्मा पुराने दिन वापस लाने में जुटे

ठुमरी का अनूठा ठाट

ठुमरी की परंपरा लोक और शास्त्रा के बीच आवाजाही का प्रमाण और परिणाम है

तुम जो आओ तो प्यार आ जाए

संगीत की दुनिया में रॉबिन बनर्जी को पहला मौका सुनील दत्त के कारण मिला था

एटीएम से पेटीएम तक

नए जमाने में बदल रहा है लेन-देन का गणित

जांच एजेंसियां गुत्थी सुलझाने में तो फिसड्डी

आदम जमाने के फोरेंसिक जांच उपकरणों और कमजोर जांच के कारण कानून की गिरफ्त से बच जाते हैं गुनहगार

लंदन में प्रीतिनामा

भारतीय मूल की ब्रितानी मंत्री ने गुपचुप इजरायली मुलाकातों से राजनैतिक कॅरिअर को लगाया पलीता

शाही साजिशों का गहरा फंदा

मोहम्मद बिन सलमान मर्यादाओं को ताक पर रखकर सत्ता पर काबिज, सऊदी अरब की लंबी शाही परंपरा को रसातल में धकेला

चंपारण के बीज ही फूटे नक्सलबाड़ी में

नक्सलबाड़ी आंदोलन खेती-किसानी के न्यायपूर्ण संबंधों की दिशा में चंपारण सत्याग्रह का ही अगला कदम था, जिसे सत्ता-प्रतिष्ठान दुःस्वप्न जैसा मानता है

लोकतंत्र पर खतरनाक पहरेदारी

क्या आपकी सोच, आचार-व्यवहार और राजनीति पर फेसबुक और ट्विटर का मायाजाल कसता जा रहा है? कभी सहज लोक अभिव्यक्ति का मंच बनने लगा, अब लोकतंत्र पर अंकुश का नया औजार

डेटा के किडनैपर

इस डिजिटल संपर्क युग में फिरौती ने नई शक्ल ले ली है, नाम है रैन्सगमवेयर, इस तरह के हमलों को रोकने के उपायों पर नहीं है ध्यान

अतीत से भविष्य तक मुक्तिबोध

मुक्तिबोध की जन्मशती मनाने का अर्थ यही हो सकता है कि हम हिंदी में प्रचलित प्रतिमा-पूजन और कर्मकांडी आडंबर से अलग हटकर उनकी कविता और गद्य के तकलीफदेह वन-प्रांतर में जाएं और खुद को उस कसौटी पर तौलें

इंटरनेट का एकांत

नासिरा शर्मा ने ज्वलंत विषयों को समेटा है अपनी किस्सागोई में

पहले तौलो, फिर आगे बढ़ो

नीतिगत उपायों से पहले लक्ष्यों का स्पष्ट होना और फायदे-नुकसान का पूरी तरह से आकलन बेहद जरूरी

राष्ट्रवाद और लेखक बिरादरी

आजकल जारी राष्ट्रवाद पर अनेक गोष्ठियों-सेमिनारों से वाकई समाज को क्या हासिल

जिन्ना की विरासत

दीना वाडिया के निधन के बाद जिन्ना और उनके बारे में मिथक फिर दुहराए जाने लगे हैं

Advertisement
Advertisement
Advertisement