Advertisement
मैगज़ीन डिटेल

इन उपायों से दूर हो सकता है रोजगार का अकाल

प्रतिकूल शुल्क ढांचे और आयात पर अत्यधिक जोर के कारण तबाह हो चुके मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और छोटे उद्योगों को बढ़ावा, श्रम सघन उद्योगों को विशेष पैकेज और शिक्षा तथा स्वास्थ्यो क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय बढ़ाने की दरकार

बहुत कुछ लगा है दांव पर

गुजरात के चुनाव में किसी भी दूसरे मुद्दे से ज्यादा अहम आर्थिक मुद्दे हैं। नोटबंदी के बाद जीएसटी का लागू होना देश भर में आर्थिक मुद्दों पर नई बहस लेकर आया है

सरलता के मिथक में पेंच बेहिसाब

तथाकथित दूसरी आजादी कहे जाने वाले जीएसटी का यूटोपिया सौ दिन में ही ध्वस्त होने लगा, त्योहारी सीजन में बाजार सूने और अर्थव्यवस्थाू ने लगाया गोता

यह राहत तो किसी काम की नहीं

छोटे निर्यातकों के काम ठप होने से उत्तर भारत के प्रमुख केंद में सन्नाटा

व्यापारी हलकान, नहीं हो रहा समाधान

खेल का सामान बनाने वाले से लेकर कपड़ा और चमड़ा उद्योग से जुड़े कारोबारियों समेत कामगारों की बढ़ती जा रही है परेशानी। रोजगार के अवसर भी हो सकते हैं कम

कारोबारी और कारीगर हैरान

कभी ग्रोथ से अर्थशास्त्रियों को अचंभित करने वाले एक्सपोर्टर्स के पास चंदा देने के भी पैसे नहीं, जीएसटी के प्रावधानों से कारोबारियों में भ्रम

‘‘नई व्यवस्था में कुछ दिक्कतें तो स्वाभाविक’’

अगर आप एक करोड़ रुपये से ऊपर टर्नओवर वाले कारोबार को भी इनफॉर्मल मानना चाहते हैं तो हां, उन पर बोझ बढ़ा है

किक कमाल पर सिस्टकम कंगाल

राज्य फुटबॉल संघ की गतिविधियों की मॉनीटरिंग का नहीं है तंत्र

‘‘मजा तो ट्रेंड के उलट हिट होने में है’’

दर्शक स्क्रीन पर आदर्शवाद का अतिरेक देखना नहीं चाहते। आज के नायक सच्चाई के करीब हैं, जैसे दर्शकों को जो उन्हें देख रहे हैं, उन्हें ऐसा हीरो चाहिए जिससे वे खुद को जोड़ सकें

ताजमहल गायब हो सकता है

नेता ले सकते हैं किसी भी बात का श्रेय

जमाया प्रयोगधर्मिता का सिक्का

जेपी को संगीत में परिवेश के यथार्थ और बिंबों को उभारने में महारत हासिल थी

हवा बदली, रुख बदलना बाकी

दो दशकों में पहली बार भाजपा गुजरात में नर्वस दिख रही है तो कांग्रेस के आक्रामक तेवर उसे शुरुआती बढ़त दिला सकते हैं

कलह के भंवर में दोनों

बदलते समीकरण से दिलचस्प हुई भाजपा-कांग्रेस की लड़ाई

संघ की दखल से संशय में सरकार

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले घाटी में सभी पक्षों से बिनाशर्त बातचीत की केंद्र की कोशिशों पर भागवत ने डाला पानी, भाजपा में उभरे दो तरह के बोल

युवा आकांक्षा पर महती मार

कम होने लगीं अच्छे वेतन वाली नौकरियां, आइटी कंपनियों से लेकर दूसरे क्षेत्रों का बुरा हाल, खाड़ी देशों में भी कम हो रहे हैं अवसर

अम्मा की मौत की उलझी गुत्थी्

वन मंत्री के माफी मांगने के बाद गरम हुई तमिलनाडु की राजनीति, जयललिता की मौत के हालात की जांच करेंगे हाइकोर्ट के पूर्व जज

भरोसेमंद चिकित्सा तंत्र की जरूरत

अनुभवों से सीख मिलती है कि मुख्यमंत्रियों की सेहत के लिए डॉक्टरों का लाव-लश्कर होना ही पर्याप्त नहीं

सीकी से जमा मिथिला का सिक्का

लुप्तप्राय हस्त कला को आधुनिक रूप देकर मधुबनी के धीरेंद्र कुमार ने दिलाई वै‌श्वि‍क पहचान, गांव की गरीब और अशिक्षित महिलाओं की बदली जिंदगी

बोनस के भरोसे चुनाव की फसल

रमन सिंह ने धान और तेंदूपत्ता बोनस से मैदानी और आदिवासी इलाके के मतदाताओं को साधने की बनाई रणनीति, अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव

जनतंत्र का जंतर छू मंतर!

असहमति की आवाजों की अभिव्यक्ति देने की जगहों को लगातार सत्ता-प्रतिष्ठान से दूर करना अलोकतांत्रिक

टर्निंग प्वाइंट होगा गुजरात का चुनाव

राहुल पूरी तरह से देश को समर्पित हैं। उनसे पूछा गया कि उनका धर्म क्या है तो उन्होंने कहा, तिरंगा मेरा धर्म है। वह हमेशा देश और पार्टी के भले की सोचते हैं

स्वास्थ्य क्षेत्र में लाएंगे पीपीपी मॉडल

डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए हमने डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष से 62 कर दिया, जिसे 65 वर्ष करने की योजना है

विद्रोह का उद्घोष

पुस्तक का हर भाग विचारोत्तेजक, विरोधात्मक और खोजात्मक भाव लिए हुए है

एक विरल गायक का स्मरण

शरच्चंद्र आरोलकर जितने बड़े गायक थे, उतने ही बड़े ताल-विद्वान भी थे

गुमराह सुधारों से बेहाल हुई अर्थव्यवस्थाध

एफडीआइ और पश्चिम के नाकाम पूंजीवादी मॉडल पर फोकस से खेती-बाड़ी, छोटे उद्योग और काम-धंधे तबाह, फौरन सरकार रवैया बदले वरना संकट विकट

चुप्पी तोड़ना बेहद जरूरी

करोड़ों बच्चे भोग रहे हैं यौन उत्पीड़न का संताप, करीबी ही बना रहे हैं बच्चियों को निशाना

Advertisement
Advertisement
Advertisement