लगातार बदहाल होती आर्थिक स्थिति और सरकारी वादों से नाउम्मीद किसान आखिर उठ खड़ा हुआ
करीब दो माह पहले जब केंद्र की मोदी सरकार तीन साल पूरे होने के जश्न की तैयारी कर रही थी तो सब कुछ ठीक लग रहा था। नोटबंदी के आलोचकों को उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में भाजपा को मिली सत्ता के जरिये जनता का जवाब बताया जा रहा था।
नासिक से निकली चिंगारी मंदसौर में पहुंची तो आंदोलन की आग ऐसी भड़की कि पूरे देश में उसकी आंच महसूस होने लगी, लेकिन बड़ा सवाल यही कि क्या यह आंदोलन देश में किसानों के हक में नीतियों में बदलाव का झंडाबरदार बनेगा?
कर्ज माफी के वादे पर अमल नहीं होने पर 25 जुलाई से फिर आंदोलन करेंगे महाराष्ट्र के किसान
सस्ते आयात और नोटबंदी ने किसानों की कमर तोड़ दी, कम कीमत पर फसल बेचना बनी मजबूरी
एक-चौथाई किसानों को ही मिल पाएगा कर्ज माफी का लाभ, किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए किए जाने चाहिए जरूरी उपाय
रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद पिछले तीन-चार साल से किसान गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं
यूपीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश, पूर्व सरकारों की कई योजनाओं पर सरकार की निगाह
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कान फेस्टिवल वाला फ्रांस भले ही अंग्रेजी न जानता हो पर इस समारोह से खुलती हैं कई राहें
बांसुरी और शहनाई वादन में निपुण एक संगीतकार जिसके सिर कामयाबी का ‘सेहरा’ मुश्किल से बंधा
युद्ध की फिजां बरकरार पर हम कितने तैयार, भारतीय सेना की ताकत पाकिस्तानी फौज से दोगुनी, पर आधुनिकीकरण के धीमे प्रयासों से मारक क्षमता थोड़ी कमतर। परमाणु युद्ध का खतरा भी मौजूद
नई आमफहम रवायत का विरोध किस्सागोई में उतरा तो कतरा-कतरा बिखरी जिंदगियां लहलहा उठीं
इप्टा से बड़े-बड़े कलाकार जुड़े और इस प्रगतिशील आंदोलन ने बड़ा रूप ले लिया जो आज तक कायम है
हिंदी रंगमंच पर अंतरराष्ट्रीय कृतियों का प्रभाव है लेकिन कुछ युवा निर्देशकों की प्रयोगधर्मिता ने स्वरूप भी बदला
विकास दर बरकरार रखने पर उठ रहे हैं सवाल, हर क्षेत्र में कम हो रही है नौकरियों की संख्या