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मैगज़ीन डिटेल

गजा समझौता: आखिर अमन की आस

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीस-सूत्री शांति समझौते पर हमास की कुछ शर्तों और बंधकों की रिहाई पर रजामंदी से गजा में कत्लेआम पर रोक लगने की आस बंधी, नेतन्याहू न चाहते हुए भी मानने को फिलहाल मजबूर

लद्दाख: मांगा हक, मिली गोली, राजद्रोह!

राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 24 सितंबर को प्रदर्शन में तोड़फोड़, पुलिस गोलीबारी, गिरफ्तारियों और सोनम वांगचुक पर राजद्रोह के आरोप पर उभरे कई सवाल

तमिलनाडु: नेतागीरी की भगदड़ में मौत

अभिनेता विजय की करूर रैली में भगदड़ में लोगों की मौत और उनके रवैए से राजनैतिक आकांक्षाओं पर संकट, हाइकोर्ट के सख्त रुख और हमलावर विपक्ष से टीवीके के वजूद पर खतरा

आवरण कथा /हिंदी रॉयल्टी: एक कलम दो बाजार

अपेक्षाकृत एक नए प्रकाशक ने विनोद कुमार शुक्ल के एक उपन्यास की महज छह महीने की बिक्री से तीस लाख रुपये रॉयल्टी देकर नई बहस छेड़ी, इससे लेखक-प्रकाशक संबंधों से लेकर हिंदी-अंग्रेजी की दुनिया के फर्क पर भी रोशनी पड़ी

आवरण कथा/नजरिया: रॉयल्टी की बाबत दो टूक

सम्मानजनक रॉयल्टी की कहानी पर ऐसी खरी-खरी कि हिंदी प्रकाशन जगत की पूरी बखिया ही उधड़ गई

आवरण कथा/नजरिया: रॉयल्टी बजरिये बाजार

स्थायी महत्व के दीर्घजीवी साहित्य की पहुंच गंभीर पाठकों तक बनाने और नए माध्यमों से प्रचार-प्रसार का दायित्व प्रकाशक पर, और हां रॉयल्टी का भी

आवरण कथा/विवाद की जड़: हिंदी प्रकाशन का नया अध्याय

एक पुराने उपन्यास ने बताया कि नए पाठक भी पुराने लिखे हुए पर हुए दोबारा मुग्ध हो सकते हैं

आवरण कथा/नजरिया: पाठक नहीं घटे, तरीका बदले

सामूहिक दबाव प्रकाशकों के रवैये में बदलाव ला सकता है और लेखक तथा प्रकाशक के बीच रिश्ते को बराबरी के स्तर पर ला सकता है

आवरण कथा/इंटरव्यू: यह किताब ने अर्जित की

जब दीवार में एक खिड़की रहती थी दिसंबर 2023 में हिंद युग्म से प्रकाशित हुई, तो हिंद युग्म ने अपने इन्हीं लाखों पाठकों के बीच इस किताब को पुश करना शुरू किया

आवरण कथा /इंटरव्यू: हिंदी में भी तय मानक हैं

हिंदी पुस्तकों की बिक्री के दृष्टिकोण से एक यह नया मोड़ है।

आवरण कथा/इंटरव्यू: दोष हिंदी समाज का

मुझे यह प्रसंग पारदर्शिता का नहीं, बल्कि प्रदर्शन का लगता है।

एशिया कप: बिन ट्रॉफी भी धूम

पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में भारतीय टीम ने पाकिस्तान के मंत्री से एशिया कप लेने से किया इनकार

फिल्म: परदे पर अमर बगावत

भगत सिंह की 118वीं जयंती पर यह याद करना मौजू है कि क्यों आजादी की लड़ाई का यह महानायक परदे, रंगमंच, नुक्कड़ नाटकों, प्रदर्शनों, गीतों और गली-कूचों में अपने अलग-अलग रूपों और वैचारिक आग्रहों के साथ जगाता रहता है दिलचस्पी

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की खबरें

प्रथम दृष्टि: चुनावी रेवड़ियां

पिछले कुछ चुनावों में रेवड़ियां बांटने का सिलसिला बढ़ा है और लाभ उठाने वाला एक बड़ा वर्ग भी तैयार हुआ है। फिर भी ज्यादातर लोग अपने विवेक से सरकारें चुनते हैं

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पाठको की चिट्ठियां

शहरनामा: झांसी

झांसी की रानी यहां के लोगों की स्मृतियों में नहीं, संस्कृति और विरासत में जीवित हैं

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