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मैगज़ीन डिटेल

स्टार किड्स की नई खेप/आवरण कथा : अब ‘पैदाइशी सितारों’ की चमक तो देखिए

मुंबइया फिल्म उद्योग में अंदरूनी और बाहरी की बहस के बीच नए साल में लॉन्च हो रहे ‘स्टार-किड’ क्या कोई चमक बिखेर पाएंगे, क्या फीके पड़ते बॉलीवुड को फिर बुलंद बना पाएंगे

स्टार किड्स की नई खेप/ 50 स्टार किड्स: कुछ चमके कुछ बुझ गए

सितारों के पुत्र-पुत्रियों की लंबी फेहरिस्त है जिन्होंने सिनेमाई पर्दे को अपने रंगोआब और प्रतिभा से कायल करना चाहा।

स्टार किड्स की नई खेप/ इंटरव्यू: “किसी की भी पहचान रेडीमेड नहीं होती”

लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994) और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशक से बातचीत

स्टार किड्स की नई खेप/ नजरिया: परदे पर बेमानी रहा नेपोटिज्म

आज की तारीख में न तो कोई चेहरा सफलता की गारंटी रहा, न ही कोई बैनर

जो स्टार किड्स नहीं: बपौती की मोहताज नहीं होती प्रतिभा

बॉलीवुड में कई शीर्ष के नायक-नायिका ऐसे हुए जिनके मां-बाप फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े तो थे लेकिन हीरो-हीरोइन नहीं थे।

पंजाब : धर्मांतरण पर धमाल

पगड़ीधारी पादरियों और उनके अनुयायियों की बढ़ती संख्या को लेकर कट्टरपंथी सिखों और भाजपा ने धर्मांतरण के विरुद्ध आवाज उठाई

झारखंड : सुलगता सम्मेद शिखर

प्रसिद्ध जैन तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित करने संबंधी पिछली भाजपा सरकार के फैसले पर गहराया विरोध

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की हलचल

नेपाल: प्रचंड सत्ता परिक्रमा

नई सरकार का टिके रहना सकारात्मक होगा लेकिन प्रचंड की छवि से भविष्य पर सवाल

‘बिकनी किलर’ : फिर खुले जेल दरवाजे

कुख्यात ठग, सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को बुढ़ापे और जेल में अच्छे व्यवहार के चलते नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने रिहा किया

इंटरव्यू/सुखविंदर सिंह सुक्खू: “कलह भाजपा में, कांग्रेस में नहीं”

। छात्र राजनीति में एनएसयूआइ के अध्यक्ष से लेकर प्रदेश युवा कांग्रेस प्रमुख और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पदों पर रहते हुए सुक्खू का सांगठनिक तजुर्बा काफी लंबा रहा है

पुस्तक समीक्षा : अशोक वाजपेयी का संपूर्ण रचना संसार

रचनावाली देखने से पता चलता है कि अशोक वाजपेयी का रचना- संसार विपुल और वैविध्यपूर्ण है

पुस्तक समीक्षा : जब आंचल बन गया था परचम

नागरिकता कानून में प्रस्तावित संशोधन (सीएए) और नागरिकों के राष्ट्रीय पंजीयक (एनआरसी) के खिलाफ दिल्ली से शुरू होकर पूरे देश में फैली इस चिंगारी का नाम पड़ा शाहीन बाग आंदोलन

कोरोना वायरस: नई लहर का इंतजार या राहत

कोरोना वायरस के नए सब वेरिएन्ट के वैश्विक खतरे के बीच भारत में विकसित इम्यूनिटी राहत का सबब, लेकिन खतरा टला नहीं

प्रथम दृष्टि : सिर्फ खानदान नाकाफी

सफलता की आखिरी कसौटी सिर्फ और सिर्फ योग्यता ही है। खानदान का ठप्पा परदे तक तो पहुंचा सकता है लेकिन उसके आगे की तकदीर का फैसला सिर्फ दर्शकों के हाथ होता है। वे किस खानदान के जानशीन हैं, यह मायने नहीं रखता

पत्र संपादक के नाम

भारत भर से आई पाठको को चिट्ठियां

शहरनामा/गाज़ीपुर

बनारस के मन-मिज़ाज से मेल खाते ‘लहुरी काशी’ की कहानी

स्मृति: ध्रुव तारे की तरह चमकता श्यामल मोती

पेले ने किशोरवय में ही अपने खेल, हुनर और जादुई प्रदर्शन से न सिर्फ दुनिया भर के लोगों को चमत्कृत किया बल्कि फुटबॉल को हमेशा के लिए बदल दिया। उन्होंने इसे लैटिन अमेरिका का औजार बना दिया

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