
यात्रा चलती जा रही है और यात्री जुड़ते जा रहे हैं, इस सफर में राहुल गांधी कितने बदलते हैं, उनके सोच-समझ में कितना परिष्कार होता है और लोगों में वे कैसी छवि बना पाते हैं, इसकी परीक्षा जल्दी ही होगी, यकीनन 2024 के आम चुनावों में
चार दशक में पहली बार बिना किसी बड़े चेहरे के चुनावी मैदान में उतरी कांग्रेस और पांच साल के फायदे गिनवाते हुए सियासी परंपरा को तोड़ने का आह्वान करती भाजपा के बीच सीधी होड़, तीसरा कोई नहीं
मुख्यमंत्री सोरेन को ईडी के समन से खुले लड़ाई के अलग मोर्चे
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री 2023 के विधानसभा चुनावों की चुनौतियों से निपटने के लिए सहानुभूति बटोरने की डगर पर
जेल में कैदियों को जीवन साथी से मिलने की अलग व्यवस्था करने वाला पहला राज्य बना पंजाब
पदयात्रा ने राहुल गांधी को बदल दिया है, जनता में देश की राजनीति बदलने के सपने को फिर जगा दिया है, कांग्रेस बदलेगी, विपक्ष भी बदलेगा और 2024 मोदी बनाम राहुल होगा
। भारत जोड़ो यात्रा आए दिन चलने वाला राजनैतिक तमाशा नहीं है- ऐसा मानने के कई कारण हैं
सत्ता के लिए जिस तरह से देश में ध्रुवीकरण किया जा रहा है, उसके विपरीत यह यात्रा समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में पिरोने की कोशिश है
बीसीसीआइ ने महिला क्रिकेटरों के लिए पुरुष खिलाड़ियों के समान फीस देने का ऐलान कर नए दौर का आगाज किया
सुप्रीम कोर्ट की फटकार से सिनेमा खासकर ओटीटी और दूसरे दृश्य माध्यमों पर कामुक सामग्रियों पर अंकुश लगाने की बहस फिर उठी
ब्राजील में पूर्व राष्ट्रपति की चुनावी जीत से विश्व राजनीति में बदलाव के संकेत, गुटनिरपेक्षता बन सकती है नया मंत्र
इलॉन मस्क के अस्थिर मिजाज और फैसलों पर यू-टर्न करने की आदत से ट्विटर के भविष्य को लेकर संशय
हिमाचल की राजनीति में अब तक की परिपाटी रही है कि सत्तारूढ़ पार्टी कभी भी खुद को अगले चुनाव में दोहराती नहीं है
सुक्खू पार्टी संगठन के ऊपर अपनी मजबूत पकड़़ से वीरभद्र सिंह जैसे कद्दावर नेताओं को असहज कर चुके हैं
प्रतिगामी और विचार-शून्यता के इस दौर में, जब तमाम प्रगतिशील आंदोलनों के आवेग मंद पड़ गए हैं
यह पिछले दो दशक से देखा जा रहा है कि बहुजन समाज के लेखकों और पत्रकारों के साथ शोधार्थियों की रुचि उनके अपने इतिहास में तेजी से बढ़ती जा रही है
किसी को ब्लू टिक मिले न मिले, ट्विटर को यह तो आश्वस्त करना ही चाहिए कि कोई अकाउंट नकली न हो। व्यावसायिक लक्ष्यों से इतर मस्क अगर ट्विटर को विचार आदान-प्रदान का प्रभावी और पारदर्शी वैश्विक मंच बना दें तो बेहतर होगा
चुनावी विश्लेषक अब तक सदमे में हैं कि एक पक्ष का हथियार दूसरे का ब्रह्मास्त्र कैसे बन गया
वे एकाकी पड़ गईं तो उन्होंने जीवन से त्यागपत्र देने से पहले अध्यक्षता से त्यागपत्र दे दिया। किसी को लगा होगा कि वे गईं लेकिन दरअसल तो हम सब गए!
मैनेजर पांडे हिंदी के योग्यतम अध्यापकों में थे