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मैगज़ीन डिटेल

आउटलुक-टोलुना जनमत सर्वेक्षण 2022: फिल्मी आईने में आजादी

आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश जब अमृत महोत्सव मना रहा है, स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति बरबस हमारे दिलोदिमाग पर छाने लगती है

75 बरस आजादी/हिंदी फिल्में/आवरण कथा: लोकशाही का बाइस्कोप

आजादी के बाद बीते साढ़े सात दशक के दौरान हिंदी सिनेमा देश के राजनीतिक-सामाजिक सफर का हमकदम रहा है, उसकी दास्तां में इस देश का अक्स दिखता है, इतिहास, उत्थान-पतन और तकनीक से हासिल सहूलियतों पर एक नजर

75 बरस आजादी/75 फिल्में: रुपहले परदे के जादुई एहसास

कुछेक चुनिंदा फिल्में जिन्होंने निर्देशन, अभिनय, गीत-संगीत या अपनी प्रयोगधर्मिता के लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अमिट छाप छोड़ी

75 बरस आजादी/75 अभिनेता: अदाकारी से जिन्होंने किया कायल

नायकों के बिना न समाज का गुजारा है, न फिल्मों का

75 बरस आजादी/75 अभिनेत्रियाः जिन्हें सितारों ने भी झुक झुक के देखा

सुनहरे परदे की परियां, जिन्होंने अपनी अदाकारी से सिने जगत को और सुनहरा, चकाचौंध भरा कर दिया

75 बरस आजादी/75 फिल्मकारः लाइट, कैमरा, ऐक्शन के जादूगर

कई निर्देशक हुए, जिन्होंने कलाकार को कालजयी अदाकार में तब्दील कर दिया

75 बरस आजादी/75 संगीत शख्सियतेंः सात सुरों के साधक

गीतकार, संगीतकार, गायक और गायिकाएं, जिन्होंने फिल्मों को सुरीला बनाया

प्रथम दृष्टि: और भी हैं सितारे फलक पे!

इस अंक को तैयार करने में जो पहलू सबसे खास बनकर उभरा, वह है हिंदी सिनेमा में उन हजारों कलाकारों का योगदान जिनकी चर्चा शायद ही होती है। उनमें अधिकतर गुमनाम ही रह गए। हमारा यह अंक उन्हीं कलाकारों को समर्पित है

संपादक के नाम पत्र

भारत भर से आई पाठको की चिट्ठियां

शहरनामा/मुंबई

आज भी हर रोज हजारों लोग आखों में सुनहरे ख्वाब लिए यहां तशरीफ लाते हैं

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