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मैगज़ीन डिटेल

राजनीति/नजरियाः सरासर असंवैधानिक

बुलडोजर बाबा या बुलडोजर मामा कहलाना गर्व नहीं, शर्मिंदगी का प्रतीक

बिहारः इफ्तार के बहाने

राज्य में भाजपा की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं के बीच नीतीश ने तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में पहुंचकर नया संदेश दिया

महाराष्ट्र/नजरिया: उद्धव की अग्निपरीक्षा

हनुमान चालीसा के पाठ के बहाने मातोश्री की ताकत को चुनौती देने की कोशिश, तो शिवसेना ताकत बरकरार रखने की जुगत में

मध्य प्रदेश: आदिवासी वोट पर नजर

शिवराज सरकार ने विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आदिवासियों को लुभाने का अभियान छेड़ा

झारखंड: हेमंत पर मुकदमों की फांस

केंद्रीय एजेंसियों का शिकंजा कसा तो मुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ़ सकती हैं

गुजरातः ‘आप’ के कदम

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता रोजाना जनहित के मुद्दों पर सड़कों पर प्रदर्शन करते, पोस्टर और पैंफलेट वितरित करते नजर आ जाते हैं, लेकिन क्याक यह आसन्न चुनावों को तितरफा बनाने के लिए काफी है?

आवरण कथा/पंकज त्रिपाठी: कालीन भइया की देसज कथा

मायानगरी में अनूठे कलाकार पंकज त्रिपाठी की बिहार के दूर देहात से परदे पर छाने की अभिनव यात्रा

आवरण कथा/इंटरव्यू/पंकज त्रिपाठीः “मुझे हर रोज दो फिल्मों के ऑफर आते हैं’’

बिहार के एक छोटे-से गांव से निकलकर मुंबई मायानगरी में बुलंद मुकाम हासिल करने के इस सफर के बारे बातचीत

आवरण कथा/पंकज त्रिपाठीः प्रयोगधर्मी अभिनेता की पेशकदमी

अभिनय की भारतीय और पाश्चात्य विधियों में दक्ष देसज पंकज जैसा कुशल अभिनेता जब किसी किरदार को निभाता है तो वह चमत्कार पैदा करता है, यही एक बेहतर अभिनेता का अपना गढ़ा हुआ क्राफ्ट कहलाता है

आवरण कथा/पंकज त्रिपाठीः असल जीवन में भी मिसाल

पंकज मंच पर रहते तो हैं बड़े स्टार के रूप में, लेकिन परिचित दिख जाए तो नाम लेकर दुआ-सलाम भी कर लेते हैं, परिचितों को यह मौका नहीं देते कि कभी रिकॉल कराकर पहचान बतानी पड़े, इंतजार करना पड़े

आवरण कथा/पंकज त्रिपाठीः बेकरी से बंबइया बाबू का सफर

मगर खूबी यह कि पंकज त्रिपाठी जरा भी बदले नहीं दिखते, पटना के होटल मौर्या में अपने पुराने साथियों से उनकी बतकही पर एक नजर

आवरण कथा/नजरियाः बेशुमार किस्सों में भीगा अभिनेता

आस-पड़ोस में चलती-फिरती, टहलती कहानियों के बीच उन्होंने सीखी सहजता

आवरण कथा/इंटरव्यू/अमित रायः ‘वे एकदम मोम की तरह हैं’

गंभीर किरदार निभाने के लिए मेरे दिमाग में पहला ख्याल पंकज त्रिपाठी का ही आएगा

पंकज त्रिपाठी का सफरनामा

पंकज त्रिपाठी की अभिनय यात्रा कठिन जरूर रही लेकिन आखिरकार उन्होंने वह मुकाम पा ही लिया जिसके वे हकदार हैं

क्रिकेटः आइपीएल के फ्लॉप स्टार

आइपीएल में कई खिलाड़ियों के लिए फ्रेंचाइजी ने बढ़-चढ़कर बोली लगाई लेकिन खिलाड़ी अपनी ऊंची कीमत को सार्थक न कर सके, एक नजर ऐसे खिलाड़ियों पर

राजनीतिः दफा बुलडोजर

अतिक्रमण हटाने में बुराई नहीं लेकिन नियम-कायदे ताक पर रख देना चिंताजनक, इसकी सियासत पर उठे सवाल

अर्थव्यवस्थाः बर्दाश्त के बाहर महंगाई

सरकारी बेफिक्री ने महंगाई को बेकाबू किया, आगे हालात और विकट होने के आसार

इंटरव्यू/शत्रुघ्न सिन्हाः ‘दिस फार, नो फर्दर’

जब पीएम वाराणसी से चुनाव लड़ सकते हैं तो मैं आसनसोल में बाहरी कैसे हो गया

पुस्तक समीक्षाः आजादी का तार्किक पाठ

वर्मा अपने अगाध अध्ययन और पांडित्यपूर्ण विश्लेषण से पाठकों को विवेक और तार्किकता से इन समस्याओं के प्रति विचार करना सिखाते हैं

प्रथम दृष्टि: चुनावी गुरु

चुनावी गुरुओं की पूछ और महत्ता तब तक बनी रहेगी जब तक हर राजनीतिक दल फिर से यह नहीं समझ लेता कि अंततः जनता से जुड़ना और उनकी आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप काम करके ही चुनाव जीता जा सकता है

संपादक के नाम पत्र

भारत भर से आई पाठको की चिट्ठियां

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की हलचल

शहरनामा/मनाली

महर्षि मनु की नगरी

नजरियाः गरीब बढ़ रहे, आंकड़े सच नहीं

कोविड-19 के दौरान अनेक मध्यवर्गीय परिवार कंगाल हो गए, परिवारों की जीवन भर की बचत चली गई, इसलिए यह कहना गलत कि गरीबी कम हुई है

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