महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के संकट, रोजी-रोटी के सवालों को छोड़कर सत्तारूढ़ और सभी विपक्षी पार्टियां जाति गोलबंदी और ध्रुवीकरण पर उतरीं, लेकिन लोगों का मूड हालात बदलने की दिशा में
पटना के शेल्टर होम में लड़कियों के यौन उत्पीड़न के संगीन आरोपों से मुजफ्फरपुर कांड की यादें ताजा, लेकिन प्रशासन लीपापोती में जुटा
राजनीतिक दलों और नेताओं के वादों पर शायद ही कोई एतबार करता हो। फिर भी हर चुनाव से पहले वादों की झड़ी लग जाती है
चुनाव के दौरान फिर धार्मिक मुद्दे भड़काने की कोशिश, कर्नाटक सरकार के आदेश से बढ़ा तनाव
पहली बार सूबे में चुनावी मुकाबला पंचकोणीय होने से दिलचस्प हो गया है। लेकिन हर पार्टी ने जाति और समुदायों पर फोकस किया तो किसानी के मुद्दे पीछे छूट गए
लोगों ने सांप्रदायिक वैमनस्य के ऊपर भाईचारे और विकास की हवाई बातों के ऊपर ठोस मुद्दों को तरजीह दी
राज्य में चुनावी चर्चा के बीच कुछ ऐसे मिथक हैं, जो टूटने के बजाय और पुख्ता होते जाते हैं
जनता के मुद्दे घोषणा पत्र तक सीमित, नतीजों से पहले ही दलबदल की अटकलें
त्रिशंकु विधानसभा की आशंका से गठबंधन की संभावनाएं तलाशती पार्टियां
अंडर-19 खिलाड़ियों के लिए टीम इंडिया में जगह पाना हुआ मुश्किल तो वे विकल्प तलाशने में जुटे
रोमांस के सफर में हिंदी सिनेमा कई मुकाम से गुजरा और अपने वैभवशाली रूप में विकसित हुआ
लता मंगेशकर को जीवन में वे तमाम उपलब्धियां हासिल हुईं जिनकी वह हकदार थीं
13 साल की उम्र से जिस लड़की ने हमारे मन को छूना शुरू किया था, उसने कब हमारा मन गढ़ना शुरू कर दिया, पता ही नहीं चला
मधुर संगीत की सबसे विश्वसनीय और विशुद्ध छवि, उनके जैसा न कोई था न होगा
लता मंगेशकर की आवाज आधी सदी तक भारत के साथ दूसरे देशों में भी मिठास की पहचान बनी रही
लता के गाए गाने 1950 के दशक से चीनवासियों को दीवाना बनाते आ रहे हैं
कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में चन्नी को ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया है
क्या सर्वांगीण विकास, महंगाई, बेरोजगारी, पलायन व कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे की इन चुनावों में कोई भूमिका होगी या ये चुनाव भी जातिवाद, क्षेत्रवाद और सांप्रदायिकता की भेंट चढ़ जाएंगे?
चौखम्भा चोटी सूरज की पहली किरण से दमकती है तब अल्मोड़ा में सुहानी सुबह का आगाज होता है
राहुल उन विरले उद्योगपतियों में भी थे जिन्होंने अपने बच्चों को उसी स्कूल में भेजा जहां कर्मचारियों के बच्चे पढ़ते थे