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आवरण कथा : मुंबई में मनोज बा

ओटीटी के दौर में सबसे व्यस्त अभिनेता बाजपेयी की गिनती चोटी के कलाकारों में, आखिर हर बार कुछ नया करने की भूख जो उनमें है

आवरण कथा/नजरिया: 360 डिग्री की किरदारी

मनोज बाजपेयी महज अभिनय नहीं करते, पात्रों में पूरी तरह रच-बस जाते हैं

आवरण कथा/इंटरव्यू/मनोज बाजपेयी: ‘सिर्फ और सिर्फ एक्टर हूं, न किंग,न सुपरस्टार’

खुद को सिर्फ एक्टर मानने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म के सुपर स्टार से बातचीत

आवरण कथा/ओटीटी: प्रतिभा की पनाहगाह

पारंपरिक बॉलीवुड फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाएं पाने वाले, नए और भुला दिए गए कलाकारों के लिए ओटीटी लोकतांत्रिक प्लेटफॉर्म साबित हुआ, जहां वे बेहद सफल हो रहे

आवरण कथा/नजरिया: बारीकियों में बेजोड़

उनका सफर बताता है कि सफलता और स्टारडम हासिल करने के बावजूद सामान्य रहा जा सकता है

आवरण कथा/नजरिया: मेरा दोस्त, मेरा उस्ताद

मनोज में वह खासियत है कि रिश्ते को एक्टर-डायरेक्टर के दायरे से आगे ले जाते हैं

आवरण कथा/नजरिया: श्रीकांत तिवारी का जादू

बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता मनोज बाजपेयी में हर चरित्र की तह तक पहुंचने की क्षमता

कांग्रेस: अपनों में ही उलझने का माद्दा

देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेतृत्व में अब कलह दूर करने की ताकत की तलाश

महाराष्ट्र: राणे के रार ठानने के संकेत

अगले साल बीएमसी चुनाव को देखते हुए भाजपा उन्हें राज्य में प्रोजेक्ट कर सकती है

बिहार: पीएम मैटेरियल के इशारे

जद-यू के पेगासस, जाति जनगणना पर रुख की अगली कड़ी है नीतीश संबंधी बयान

झारखंड: चुनौतियों से जूझते हेमंत

मुख्यमंत्री को सियासी चुनौतियां कई मगर अपने कामकाज और व्यवहार से चर्चा के केंद्र में

खेल-खिलाड़ी: गोल्डन ब्वॉय मगर नजर अब भी पेरिस पर

बेमतलब विवादों को छोड़ दें तो टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता अब हजारों युवाओं के सपनों की प्रेरणा बने

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की हलचल

अफगानिस्तान : अब तालिब ही उस्ताद

अमेरिका विदा हुआ, अब आम लोगा फिक्रमंद कि क्या दो दशक पुराने बर्बर राज की वापसी होगी होगी

मौद्रीकरण: सवाल कई

जब अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं तो सार्वजनिक संपत्ति की वैलुएशन भी कम होगी, अर्थव्यवस्था में सुधार के बाद सरकार वही संपत्ति निजी क्षेत्र को दे तो ज्यादा वैलुएशन मिलेगी

जाति जनगणना: मंडल 2.0 की सियासत

सामाजिक न्याय और पिछड़ी जातियों की राजनीति करने वाले दलों के लिए यह अमोघ अस्त्र, भाजपा दुविधा में लेकिन सोशल इंजीनियरिंग की ओर भी नजर

साहित्य/इंटरव्यू/वंशी माहेश्वरी: “अभिव्यक्ति के खतरे तो उठाने ही होंगे”

तनाव पत्रिका के जरिए लोगों ने विश्व भर के मशहूर को जाना

पुस्तक समीक्षा: हर उत्कृष्ट कविता संसार की थाती

कविता के अनुवाद के बारे में बहुत तरह के संकोच हैं

प्रथम दृष्टि : ओटीटी का गणतंत्र

अब यह जरूरी नहीं कि ओटीटी का सुपरस्टार बांद्रा से ही आए, वह बिहार के बेलवा से भी आ सकता है

संपादक के नाम पत्र

पिछले अंक पर आई प्रतिक्रियाएं

अंदरखाने

सियासी दुनिया की हलचल

शहरनामा/बक्सर

गंगा के तट पर बसा अलसाया, शांत शहर

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