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मैगज़ीन डिटेल

संपादक के नाम पत्र

पिछले अंक पर आई प्रतिक्रियाएं

आवरण कथा/अफगानिस्तान: फिर तख्त पर तालिबान

अमेरिका हटा तो बिना विरोध के देश को कब्जे में लेने वाले लड़ाके अब उदार दिखने की कोशिश कर रहे लेकिन लोगों को भरोसा नहीं, आशंकाएं कई

आवरण कथा/ग्राउंड जीरो: गुम है रोशनी कहीं

दुनिया के सामने तालिबान की पेश हुई उदार छवि उसके सत्ता कब्जाने के तरीके से कैसे हवा हुई और अफगानी समाज के विभिन्न तबकों का नजरिया क्या

आवरण कथा/नजरिया: टकराव की गुंजाइश कम

अमेरिकी वापसी के बाद चीन के पैर फैलाने की चर्चा लेकिन बीजिंग के लिए ऐसा करना आसान नहीं

आवरण कथा/नजरिया: सुलह-सफाई की दरकार

भारत अपने हितों की रक्षा के लिए तालिबान और वहां अपने अनेक दोस्तों से कूटनयिक बातचीत जारी रखे

आवरण कथा/पाकिस्तान में भी धड़कनें तेज

अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता में पाकिस्तान की भूमिका खास थी।

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की हलचल

स्वतंत्रता दिवस विशेष/ 75वर्ष: ‘ लोक’ के नाम, मगर ‘ लोक’ से दूर

तीन दशक में सात वित्त मंत्रियों से क्या हासिल, खेती में क्रांतिकारी बदलाव का दावा खोखला, बेरोजगार और गैर-बराबरी बढ़ी

प्रथम दृष्टि: किसका अफगानिस्तान?

तालिबान की हुकूमत की वापसी भारत या किसी अन्य देश के लिए नहीं, बल्कि अफगानिस्तान की अवाम के हित में भी नहीं है

अंदरखाने

सियासी दुनिया की हलचल

शहरनामा/वड़ोदरा

रास गरबा वाला शहर

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