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मैगज़ीन डिटेल

लॉकडाउन का लंबा सिलसिला

घाटी के लोगों के मुताबिक कश्मीर के लॉकडाउन से कोविड-19 की दहशत में देशव्यापी लॉकडाउन की तुलना बेमानी और शर्मसार करने वाली

भारत और इंडिया

बिना व्यापक योजना के महज चार घंटे की मोहलत पर 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान से जो तसवीर उभरी वह देश की गलत प्राथमिकताओं को दर्शाती है

महामारी की तालाबंदी और बंटवारा

महामारी से निपटने के तरीकों से देश में गरीब-अमीर की खाई की हकीकत खुली, पुलिसिया राज बढ़ने के खतरे बढ़े और दुनिया बंटी

खतरा बढ़ रहा है, अब मौका गंवाने का समय नहीं बचा

सरकार रैश ड्राइविंग कर रही है, रेस जीतने के लिए फिनिशिंग लाइन तक पहुंचना जरूरी होता है

रोकथाम के दूसरे कदम भी बेहद जरूरी

कोविड-19 के संकट से निपटने के लिए सरकार को दूसरे विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए

लगातार करें समीक्षा

सरकार को लक्षित लॉकडाउन जैसे कदम उठाने होंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को भी बचाया जा सके

सरकार के उपाय नाकाफी

कोविड-19 को लेकर सरकार के राहत पैकेज के दायरे से अनौपचारिक क्षेत्र के बहुत से श्रमिक बाहर

मंदी की तीखी ढलान

पूरे विश्व में आर्थिक गतिविधियां पूर्ण या आंशिक रूप से बंद, करोड़ों बेरोजगार, देश में हालात बुरे

पशुधन वाले किसानों पर पड़ी बुरी मार

महामारी के साए में अफवाहों से मुर्गी पालक और पशुधन वाले किसानों पर पड़ी भारी मार, सबसे हलकान घुमंतू चरवाहा, गड़रिया समुदाय और गरीब पशुपालक, जिन्हें सरकार से भी कोई मदद नहीं मिल रही

फिर नक्सली आतंक बना बड़ी चुनौती

कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को शायद करना पड़े नीतियों में बदलाव

घर और बाहर की चुनौती

चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान को अपनी पार्टी के नेताओं से भी जूझना पड़ेगा

कांग्रेस की नई डगर की रणनीति

कांग्रेस में जान फूंकने की तैयारी मगर पुरानों की उपेक्षा और बाहर से आने वालों की बढ़ती धमक पार्टी के लिए बड़ी चुनौती

“हम फिर बैठेंगे”

सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी हताश नहीं, उन्हें उम्मीद कि वे पूरी ताकत से दोबारा मोर्चा संभालेंगे

सरकार को प्लान-2 लाना होगा

इस समय आर्थिक मंदी की बात करना जल्दबाजी होगी, लेकिन हमें स्लोडाउन के लिए तैयार रहना चाहिए

ग्लैमरस देवियां

सप्‍तरंग

यह राजनैतिक परंपरा तो गलत

हर नागरिक को शांतिपूर्ण ढंग से विरोध का अधिकार लेकिन आम लोगों को परेशान करना और अराजकता का माहौल पैदा करना मान्य राजनैतिक मर्यादाओं के विपरीत

यह राष्ट्रीय भावना के तो विपरीत

नया नागरिकता कानून न संविधान की भावना के अनुरूप है, न हमारी राष्ट्रीयता के अनुरूप, यह नागरिकता कानून, 1955 की भी बुनियाद पर चोट करता है

लक्ष्मण रेखा लांघने का वक्त

मुसलमानों का धर्मनिरपेक्ष पार्टियों से भरोसा उठा, अब उन्हें खुद का राजनैतिक संगठन खड़ा करना चाहिए

हमारा अन्यायी समाज

बलात्कार के जघन्य अपराध बार-बार क्यों? न्याय और मृत्युदंड के बाद समाज में बड़े बदलाव की दरकार

राहत पैकेज के हकदार किसान भी

किसानों को राहत पैकेज की दरकार है। मध्य वर्ग के लिए ईएमआइ में छूट दी जा सकती है तो किसान तो उससे ज्यादा के हकदार हैं

रेणु और जयप्रकाश का बिगुल

सत्ता जब-जब बर्बर हुई, रेणु उसके प्रतिकार में अगले दस्ते में दिखे, उनके लेखन में आम जन की ऊष्मा है

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