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मैगज़ीन डिटेल

कैद और बंदी की सियासत

निराधार आरोपों के तहत कश्मीरी नेताओं को कैद करके विरोध के दमन की ऐसी मिसाल मिलनी मुश्किल

पुलिस की साख

इन दिनों विरोध को दबाने लिए जिस तरह पुलिस बल का इस्तेमाल हो रहा है, वह चिंताजनक है। अगर प्रशासन दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई नहीं करता है, तो न्यायालय को संज्ञान लेना चाहिए

सन्नाटे में शिकारे की सैर

विदेशी प्रतिनिधियों के प्रति घाटी के लोगों ने तो बेरुखी ही बरती फिर भी हकीकत नहीं छुप पाई

गुटबाजी से बेहाल भाजपा

भगवा पार्टी के लिए प्रदेश अध्यक्ष चुनना ही बना बड़ी चुनौती

सिंधिया के नए तेवर

अहमियत न मिलने से खफा सिंधिया पार्टी की सरकार के खिलाफ मुखर

मुट्ठी में आया महामनोरंजन

दर्शकों के लिए सहज उपलब्‍ध वेब सीरीज ने बदल दी मनोरंजन की दुनिया, सिनेमा और टीवी उद्योग के सामने पेश की बड़ी चुनौती

सितारों के डूबते करिअर का सहारा

सैफ अली खान और विवेक ओबेरॉय जैसे सितारों को नया जीवन मिलने के बाद अभिषेक बच्चन को भी वेब सीरीज से बड़ी उम्मीदें

सच्ची घटना का डिजिटल वर्ल्ड

चौंकाने वाली घटनाओं पर काल्पनिक सीरियल बनाने का नया ट्रेंड, फैशन तेजी से परवान चढ़ रहा

सेंसरशिप की संवेदनशीलता

इस नए माध्यम को पहले ठीक से समझना जरूरी, उसके बाद ही रेगुलेशन की बात करना उचित होगा

लोकतंत्र का लाजिम मंजर

सुप्रीम कोर्ट ने वार्ता की पहल तो की, मगर मूल सवाल जहां के तहां, इससे नई सियासी राह खुलेगी या मौजूदा सत्ता-तंत्र हावी रहेगा

इस संचार से तो दूर तक संकट

आने वाले समय में टेलीकॉम सेक्टर में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ने की आशंका, आम ग्राहकों पर महंगे टैरिफ का भी पड़ेगा बोझ

“वेब सीरीज के असली नायक तो लेखक हैं”

आपके पास ठोस कंटेंट होने चाहिए और पात्रों के रिश्तों के आयाम यूनिवर्सल होने चाहिए, जो दुनिया भर के दर्शकों को लुभा सके

स्टार सिस्टम के दिन तो समझिए लद गए

1999 में मैंने आजाद हिंद फौज के कर्नल गुरबक्श सिंह ढिल्लों और कैप्टन लक्ष्मी सहगल के साथ सिंगापुर से भारत की सरहद तक यात्रा की थी

किसानों की आय बढ़ाना ही लक्ष्य

किसानों के बेटे खेती से दूर हो रहे हैं, उन्हें खेती से जोड़ने के लिए बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण योजना ला रहे हैं, जो क्लस्टर आधारित होगा

लीजेंड का सम्मान

सप्‍तरंग

प्रतिगामी शक्तियों का प्रभुत्व

गुजरात में मासिक धर्म वाली छात्राओं को अलग रखना, प्रेम विवाह से दूर रहने की शपथ प्रगति है या दुर्गति

दिल्ली तो पास लेकिन तख्त दूर

राष्ट्रीय विकल्प बनने के लिए केजरीवाल के सामने कठिन चुनौती, अहम मुद्दों पर रुख साफ करने का दबाव

दोराहे पर खड़ी बसपा

बदलते राजनैतिक परिदृश्य में पहले वाली मायावती कहीं नहीं दिखतीं, केंद्र सरकार की नीतियों पर भी उनका विरोध सतही

रास्ता तो सही, मंजिल जरूरी

सरकार ने कुछ बदलाव ऐसे किए हैं जिससे एफपीओ बनाना आसान होगा, लेकिन सबसे जरूरी बात किसानों में भरोसा पैदा करना है

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