गुणवत्तापरक नवाचारयुक्त शिक्षा ही भारत को आर्थिक महाशक्ति और विश्वगुरु बनाने की आधारशिला, अंतरराष्ट्रीय मानकों को भी ध्यान में रखना जरूरी
इस साल बजट में पिछली नीतियों को उलट दिया गया। नीतिगत अनिश्चितता का यह माहौल आर्थिक नीतियों तक ही सीमित नहीं, लगातार नीतिगत झटके जारी हैं, जिससे अर्थव्यवस्था तो उबरने से रही
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि दिल्ली की जनता ने केजरीवाल की राजनीति को पसंद किया है।
मुख्यधारा के नेताओं की सीआरपीसी की धारा 107 और पीएसए के तहत हिरासत के छह महीने पूरे हुए, तो सरकार के सामने नई चुनौती
प्रशांत किशोर चाहे अपनी अलग पार्टी बनाएं या कांग्रेस के साथ जाएं, मगर देंगे महागठबंधन का साथ
हेमंत सोरेन के सामने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना, नौकरशाही का असर कम करना और सामाजिक अस्थिरता जैसी कई समस्याएं
आधे-अधूरे राज्य के तख्त से भी ऊंचे दांव लगे, तो भाषणवीरों ने सारी मर्यादाएं ताक पर रख दीं और अजीब-सी फिजा तैयार की
सभी पार्टियों ने पड़ोसी राज्य के नेताओं को यहां प्रचार में उतारा है
संत समाज मंदिर निर्माण जल्दी शुरू करने के पक्ष में, विश्व हिंदू परिषद के मंदिर मॉडल पर बन सकती है सहमति
भाषण तो पौने तीन घंटे का रिकॉर्ड-तोड़ मगर अर्थव्यवस्था की सुस्त पड़ती रफ्तार के लिए बजट ईंधन का काम करेगा, इसकी उम्मीद कम
बजट से अर्थव्यवस्था को गति मिलना मुश्किल, इसमें न तो शहरों के लिए कोई बड़ी घोषणा है, न ग्रामीण खर्च बढ़ाने के उपाय
वित्त मंत्री ने मौजूदा टैक्स स्लैब को जारी रखते हुए नए स्लैब विकल्प के तौर पर पेश किए हैं। सवाल है कि आपके लिए दोनों में से कौन सा विकल्प बेहतर रहेगा
केंद्र के साथ राज्यों के नए टकराव के कई मुद्दों से संघीय व्यवस्था के सामने नई चुनौतियां
नंदुरबार जिले के इस आदिवासी बहुल इलाके में कई रोचक परंपराएं हैं
मनरेगा से दो तरह से फायदा है। एक तो लोगों को इससे रोजगार मिलता है। दूसरे संरचना निर्माण भी होता है। इसका फायदा ग्रामीण वासियों को मिल रहा है
यह आयोजन लोगों को उनकी धरोहर से भी रूबरू कराता है
संक्रमण तो जानलेवा मगर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता दुरुस्त रखें, तो बचाव मुश्किल नहीं
हिंदुत्ववादी शक्तियां हमेशा से महात्मा गांधी और नेहरू को भारत-विभाजन के लिए दोषी बताती रही हैं
कार्यकारिणी में हरीश रावत गुट के नेता नहीं, प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ उठी आवाज
कागजों में दिव्यांगों का इलाज दिखाकर एक हजार करोड़ का घोटाला
हर विधा में, हर विषय पर लिख रही हैं स्त्रियां, राजनैतिक घटनाक्रमों, जीवनी, आलोचना, यात्रा संस्मरण जैसे विषयों में नई लेखिकाएं कर रहीं सार्थक हस्तक्षेप