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11 सितम्बर 2017 | Aug-28-2017

हंसी की बलैया लेता बाजार

वक्त बदल रहा है, तंज और व्यंग्य सिमट रहा है तो स्टैंड-अप कॉमेडियन की वनलाइनर का बाजार बेतहाशा उछाल ले रहा है और चांदी काटने का धंधा बन रहा

आलोक पुराणिक

आउटलुक 28 अगस्त 2017 | Aug-14-2017

आदर्शवाद, विचारधारा और सर्वसत्तावादी राजनीति

आदर्शवाद और विचारधारा चचेरे भाई जैसे हैं। सामान्य दौर में वे एक-दूसरे की अतियों पर अंकुश रखते हैं लेकिन फिलहाल भारत में यह सामान्य समय नहीं है, इस दौर में आदर्शों को झुठलाने के लिए राजनीति विचारधारा का इस्तेमाल करने लगी है

आशीष नंदी

आउटलुक 14 अगस्त 2017 | Jul-31-2017

पिछड़े नेतृत्व से हारा पिछड़ा वर्ग

पिछड़े नेताओं की आकांक्षा अमूमन एक प्रदेश की जाति-विशेष के नेता बने रहने से आगे बढ़ ही नहीं पाई, ऐसे नेतृत्व के चलते देश में पिछड़ी जातियों के उभार की क्रांतिकारी संभावनाएं छीज गईं

योगेन्द्र यादव

आउटलुक 31 जुलाई 2017 | Jul-17-2017

मिल पाएगी मोदी को चुनौती

लुंजपुंज विपक्ष मोदी को चुनौती दे पाएगा, फिलहाल इसकी संभावना क्षीण, लेकिन राजनीति 'संभावना की कला’ है और कल को उठ खड़ा हो सकता है विपक्ष भी

कुलदीप कुमार

आउटलुक17 जुलाई 2017 | Jul-03-2017

बुद्धिहीनता के 'विश्वविद्यालय’

वाट्सऐप और आभासी दुनिया के दूसरे 'विश्वविद्यालयों’ में जिस 'ज्ञान’ का निर्माण और वितरण हो रहा है, वह समाज में तेजी से वायरल हो रही बुद्धिहीनता का ही प्रमाण

पुरुषोत्तम अग्रवाल

आउटलुक हिंदी 3 जुलाई 2017 | Jun-19-2017

बदल रहा है किसान

लगातार बदहाल होती आर्थिक स्थिति और सरकारी वादों से नाउम्मीद किसान आखिर उठ खड़ा हुआ

हरवीर सिंह

आउटलुक 19 जून 2017 | Jun-05-2017

करवट बदलती दलित राजनीति

दलित नौजवानों में समान अवसर हासिल करने की तीव्र आकांक्षा से पुराने दलित नेताओं के प्रति मोहभंग को सहारनपुर के जाति टकराव ने नया मोड़ दिया

सहारनपुर से अजीत सिंह और दिल्ली से हरिमोहन मिश्र

आउटलुक 5 जून 2017 | May-22-2017

वादों की जवाबदेही की बारी

अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं के बूते गरीबों के दिलों पर सियासी फतेह का हाईवे बनाने में सफल दिख रहे प्रधानमंत्री के लिए बेरोजगारों की बढ़ती फौज और किसानों की घटती आय बड़ी चुनौती

अजीत सिंह

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