Advertisement
मैगजीन
1 सितंबर 2025 | Sep-01-2025

50 वर्ष मील के पत्थर/आवरण कथा: 1975 के रजत पटल

पचास साल बाद 1975 की मील के पत्थर जैसी घटनाओं को इस नजरिए से याद करें कि उसने क्या कुछ बदला और उससे हम क्या सबक लें

हरिमोहन मिश्र

18 अगस्त 2025 | Aug-18-2025

आवरण कथा/बिहार: पेचीदा चुनाव की पेशकदमी

अचानक विधानसभा चुनावों के पहले राज्य में नए मुद्दे और समीकरण उभरे, बढ़ती हिंसा और नई वोटर लिस्ट बनाने की कवायद से हालात उलझे, क्या है संभावना और क्या हैं आशंकाएं

हरिमोहन मिश्र

4 अगस्त 2025 | Aug-04-2025

आवरण कथा/एंटी एजिंग: सदाबहार जवानी की ख्वाहिशें

उम्र को धोखा देकर किशोरवय उम्र जैसी चमक और मौज-मस्ती की ऊफान लेती चाहत से ब्यूटी ब्रांड, ट्रीटमेंट बाजार की चांदी, मगर अब यह जुनून असमय मौत का बुलावा बनने लगी

राजीव नयन चतुर्वेदी

21 जुलाई 2025 | Jul-21-2025

आवरण कथा/ट्रम्प नीतिः मैं, मध्यस्थ!

अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी अहमियत जताने और हर देश के साथ नए रिश्ते बनाने के खातिर कहीं लड़ाई रुकवा रहे तो किसी से सौदा पटा रहे हैं और दुनिया को कई ध्रुवों में बांट रहे है, क्या है नजारा

हरिमोहन मिश्र

7 जुलाई 2025 | Jul-07-2025

आवरण कथा/विमान हादसाः बचाओ...बचाओ...सब स्वाहा

नई नवेली दुल्हन से लेकर, नई नौकरी के साथ जिंदगी शुरू करने तक, विमान हादसे में ऐसी कई कहानियां हैं, जो आंखें नम करती है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल क्या उड़ान से पहले गड़बड़ियों की अनदेखी की गई, आखिर इसका जिम्मेदार कौन

हरिमोहन मिश्र

23 जून 2025 | Jun-23-2025

आवरण कथा/भारत-अमेरिका रिश्तेः ट्रम्प बाजीगरी का जाला

पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदले माहौल और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प पर बाहर और घर में बढ़ते दबाव के मद्देनजर भारत-अमेरिका रिश्तों की नई राह पर सबकी नजर, इसलिए भी कि 2 जुलाई से ट्रम्प की कथित टैरिफ नीति होगी लागू

हरिमोहन मिश्र

9 जून 2025 | Jun-09-2025

आवरण कथा/ऑपरेशन सिंदूरः फतह और नए मोर्चे

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब देकर साबित किया कि उसे रणनीति और सामरिक क्षेत्र में बढ़त हासिल, लेकिन विदेश मोर्चे पर बहुत कुछ करने की दरकार

हरिमोहन मिश्र

26 मई 2025 | May-26-2025

आवरण कथा/पहलगाम हमलाः वादी बोली दहशतगर्दी से तौबा

पहलगाम में आतंकी करतूत से समूचे देश के साथ सिहर उठे कश्मीर के लोग सड़कों पर उतर आए, 35 वर्षों में पहली बार कश्मीरी अवाम और हर रंग-पांत के नेता एक आवाज में बोल उठे, यह इंसानियत और कश्मीरियत पर हमला

हरिमोहन मिश्र और श्रीनगर से तौफीक रशीद