कर्नाटक के परिणामों ने 2024 की पहेली को जटिल बना दिया, सारे दल अपनी बिसात बिछा रहे हैं, लेकिन भाजपा के खिलाफ नामुमकिन नहीं, तो आसान भी नहीं घेराबंदी, नई रणनीतियों का हुआ आगाज
पचास साल पहले गढ़े गए किरदार ने सिस्टम को स्थायित्व प्रदान करने वाली फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल ला दिया और ऐसे किरदार गढ़ने के कारण लेखकों की तूती बोलने लगी
समाज में वृद्धों के बढ़ते उत्पीड़न की खबरें व्यापक समस्या की ओर इशारा करती हैं, जिसकी जड़ें मुक्त बाजार और निरंकुश सत्ता तक जाती हैं
सोशल मीडिया पर शेर-ओ-शायरी युवाओं के सिर चढ़कर बोलने लगी, तो कई नामचीन शायरों और नए शायरों के प्रति दीवानगी में हुआ इजाफा, लेकिन गंभीर शायरी की चिंताएं भी बढ़ी और यह सवाल भी कि क्या फिजा बदल रही
अगले साल तय लोकसभा चुनाव की बेला करीब आने लगी तो ओबीसी राजनीति पर फोकस तेज हुआ, विपक्ष जाति जनगणना और आर्थिक गैर-बराबरी के मुद्दे पर हमलावर तो भाजपा नेताओं को घेरने में लगी