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तीर्थ और एडवेंचर एक साथ

अगर आपको भीड़ से घबराहट होती है लेकिन आप किसी तीर्थ पर भी जाना चाहते हैं और यह भी सोचते हों कि वहां बच्चे बोर न हो जाएं तो ज्यादा सोचें नहीं। चंडीगढ़ से 125 किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश में शांत पहाड़ों के बीच एकांत में सिमटा एक तीर्थ है। अपने आप में इतिहास समेटे हुए। अहम बात यह है कि यहां पूरे परिवार के साथ आएं। बच्चे हों या नौजवान यहां सभी के लिए भरपूर रोमांच और मस्ती है।
तीर्थ और एडवेंचर एक साथ

यह है हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी झील रेणुका झील जो नाहन से 40 किलोमीटर की दूरी पर है। समुद्र तल से लगभग 2200 फुट की ऊंचाई पर और लगभग 672 मीटर लंबी रेणुका झील चारों ओर से सिरमौर के पहाड़ों के बीच बेहद शांत और एकांत वातावरण में है। पौराणिक कथा के अनुसार, बहुत गुस्से वाले ऋषि जमदग्नी ने एक बार अपने बेटे  परशुराम को अपनी मां रेणुका को मारने का आदेश दिया। परशुराम ने अपनी मां को मार डाला। बाद में जब पिता ने उनसे वरदान मांगने को कहा तो उन्होंने माता को पुनर्जीवित करने का वरदान मांगा। रेणुका पुनर्जीवित हुईं तो उन्होंने पुत्र को आशीर्वाद देकर एक जलराशि का रूप ले लिया। यही कारण है कि झील को माता रेणुका का प्रतिरूप मान लोग उनकी पूजा करते हैं।

हर साल यहां नवंबर में बड़ा मेला लगता है। यहां परिवार के हर सदस्य के लिए कुछ न कुछ है। बाइकिंग के शौकीनों के लिए दिल्ली से यहां आना खासकर रोमांचकारी है। दिल्ली से चंडीगढ़ और वहां से लगभग 30 किलोमीटर दूर धर्मपुर से नाहन के लिए एक सड़क मुड़ती है। बाइक और कार से जाने वालों के लिए पूरा रास्ता बहुत खूबसूरत है।

झील में कहीं मंदिरों का तो कहीं अडिग पहाड़ों का प्रतिबिंब दिखाई देता है। मां रेणुका के दर्शन करने के बाद दोनों ओर पहाड़ों से घिरी झील में बोटिंग कर सकते हैं। पर्वतों से घिरी इस झील का सौंदर्य अद्भुत है। एकांत और सुकून के बाद एडवेंचर का मजा भी लिया जा सकता है। यह झील रेणुका वाइल्ड लाइफ सेचुंरी में है। आसपास के जंगल में घूमना किसी एडवेंचर से कम नहीं। बर्डवाचिंग के शौकीन हैं तो यह सेचुंरी एक बर्डवाचर पैराडाइज भी कही जाती है। यहां उन्हें कठफोड़वा, चकोर, लाल मुर्गी, जंगली उल्लू , रामचिरैया आदि खासतौर पर देखने को मिल जाएंगे। पक्षियों की आवाज से सेंचुरी हमेशा गुलजार रहती है। रेणुका जाकर पोंटा साहिब होते हुए देहरादून से वापसी का विकल्प भी अपना सकते हैं।

कैसे जाएं

दिल्ली से जा रहे हैं तो अपनी गाड़ी से जा सकते हैं। बस में जाना हो तो दिल्ली से शिमला वाली कोई भी बस पकड़ लें और धर्मपुर उतर जाएं। बेहतर होगा कि वहां से टैक्सी ले लें। दिल्ली से चंडीगढ़ बस या ट्रेन से भी जा सकते हैं और चंडीगढ़ से भी टैक्सी ले सकते हैं। रेणुका झील के लिए अगर रात में दिल्ली से निकलें तो सुबह वहां पहुंच जाएंगे और दिन भर वहां रुकने के बाद रात को चंडीगढ़ आकर वापस दिल्ली पहुंच सकते हैं। रुकना चाहें तो राज्य सरकार का एक होटल और कुछ अन्य होटल भी हैं। नाहन में रुकने की ज्यादा अच्छी जगहें हैं। 

कब जाएं

रेणुका सिरमौर के पहाड़ों में नीचे जाकर घाटी में है। यहां के पहाड़ भी हरे-भरे नहीं हैं। पठार है, इसलिए दिन के समय गर्मी होती है। यहां किसी भी मौसम में जाया जा सकता है। बरसातों में जाने से परहेज करें क्योंकि फिसल कर चट्टानें कब गिर जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता।  

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