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जूस में है खूबसूरती का राज

आंतरिक स्वास्थ्य और बाहरी सौंदर्य एक सिक्के के दो पहलू हैं। आंतरिक स्वास्थ्य का प्रभाव शरीर की त्वचा और बालों पर साफ तौर पर देखा जा सकता है। निखरी त्वचा और घने चमकीले बाल अच्छे आंतरिक सौंदर्य का सूचक होते हैं। शरीर को आवश्यक पोषक तत्व पहुंचाने का सरल तरीका है ताजा फल और सब्जियां। वे हमें विटामिन, मिनरल, एंजाईंम देते हैं।
जूस में है खूबसूरती का राज

इन्हें हम जूस के जरिये भी ले सकते हैं। जूस शरीर में आसानी और तेजी से घुलमिल जाता है क्योंकि यह रक्त धमनियों में सबसे ज्यादा समाहित होने वालों में से है।

 

पोषक तत्वों से संपन्न होने की वजह से जूस शरीर के रक्त अंगों और  ग्रंथियों में नए प्राण का संचार करता है। इनका नसों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैताजा फलों के जूस के सेवन से शरीर की प्रतिरोघात्मक शक्ति सुदृढ़ होने में मदद मिलती है। जिससे आप हमेशा जवान दिखेंगे और बुढ़ापे के प्रभाव को कम किया जा सकता है। जूसों को शक्तिशाली क्लींजिंग और औषधीय शक्ति की वजह से यह प्राचीन समय से प्राकृतिक उपचार का अभिन्न अंग रहे हैं। जूस शरीर के जहरीले पदार्थों को बाहर करने में मदद करते हैं। खून को साफ रखते हैं। इससे शरीर के आंतरिक अंगों तथा ग्रंथियों को सुदृढ़ करने में मदद मिलती है। इससे त्वचा, बाल, आंखे और नाखूनों के सौंदर्य में जबरदस्त निखार आता है। शरीर की त्वचा तथा बालों के सौंदर्य का सीधा प्रभाव शरीर द्वारा ग्रहण करने वाले पोषक तत्वों से सीधे तौर पर जुड़ा है। प्राकृतिक भोजन से परिपूर्ण संतुलित आहार आवश्यक पोषाहार का सबसे उत्तम स्त्रोत है। 

 

शरीर में प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने के लिए ताजा फलों एवं सब्जियों के जूस के साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी भी ग्रहण करना चाहिए। वास्तव में यह शरीर को पर्याप्त पोषाहार प्रदान करने का सर्वाधिक बेहतर तरीका है। इससे शरीर को रसायनिक तत्वों से मुक्त करने और साफ रखने में मदद मिलती है। यदि शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल और एंजाइम प्राप्त होते हैं तो यह  सर्वाधिक महंगे सौंदर्य प्रसाधनों से भी ज्यादा आकर्षक दिखने में मदद कर सकते हैं। विटामिन ‘सी’ कोलाजेन टिशू के स्वास्थ्य में अहम भूमिका अदा करते हैं जोकि त्वचा की मजबूती तथा लचक के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।

 

जूस सभी फलों और सब्जियों से निकाले जा सकते हैं। आपको सेब, अंगूर, संतरा, गाजर, खीरा, टमाटर, बंद गोभी तथा पालक के ताजे जूस का उपयोग करना चाहिए। शुरूआत में हल्की मात्रा में जूस का उपयोग करना शुरू कीजिए तथा इसकी मात्रा को धीरे से बढ़ाते जाइए। जब आपके शरीर को आदत पड़ जाए तो प्रतिदिन जूस का उपयोग करना शुरू कर दीजिए। यह जरूर याद रखिए की जूस को पानी में मिलाकर पतला कर लेना चाहिए तथा उन्हें हमेशा निकालने के बाद ताजा ही लेना चाहिए ताकि उनमें पोषक तत्वों का उपयोग किया जा सके। फल और सब्जियां भी ताजी ही होनी चाहिए। इनमें नींबू और संतरे का जूस मिलाया जा सकता है। जूस में नमक और चीनी का उपयोग न ही करें तो अच्छा है। 

 

वास्तव में वजन घटाने के लिए चीनी के बगैर जूसों को कम कैलोरी पेय बनाकर अच्छी तरह उपयोग किया जा सकता है। यदि आप बीमार हैं तो आप पर भोजन  संबंधी पाबंदी लगाई गई है तो आप फल तथा सब्जियों के जूस के उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। हाल ही भारत में एलोवेरा, आंवला, वनीला आदि पदार्थों के जूस का प्रचलन बढ़ रहा है। इन जूसों में गर्मियों में खीरे का जूस, अजवाईन, नींबू आदि मिला कर ले सकते हैं। इनमें मिनरल भी शामिल होते हैं जो शरीर को साफ करने में मददगार साबित होते हैं। गर्मियों में लौकी, तुरई, कद्दू जैसी पर्याप्त पानी वाली सब्जियां उपलब्ध होती है। लौकी को टमाटर तथा गाजर के साथ मिश्रित करके स्वादिष्ट स्वास्थ्य वर्धक  जूस बना सकते हैं।

शहनाज हुसैन

लेखिका अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ हैं।

 

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