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रसगुल्ला का टेस्ट लग रहा नमकीन, पोस्ट-कोविड बाद शुगर, बालों का झड़ना जैसी गंभीर समस्या; एक्सपर्ट से जानिए क्या है वजहें

कोई आपसे पूछे कि रसगुल्ला का स्वाद कैसा होता है? मीठा,स्वादिष्ट या नमकीन,कड़वा। स्पष्ट है कि आपका...
रसगुल्ला का टेस्ट लग रहा नमकीन, पोस्ट-कोविड बाद शुगर, बालों का झड़ना जैसी गंभीर समस्या; एक्सपर्ट से जानिए क्या है वजहें

कोई आपसे पूछे कि रसगुल्ला का स्वाद कैसा होता है? मीठा,स्वादिष्ट या नमकीन,कड़वा। स्पष्ट है कि आपका उत्तर पहला होगा। लेकिन, रांची की रहने वाली गुड्डू से आप पूछेंगे तो वो कहेंगी- नमकीन, कड़वा। 30 साल की गुड्डू अप्रैल-मई महीने में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमित हो गईं थीं। इस वायरस से उबरने के करीब तीन महीने बाद भी गुड्डू अपने स्वाद को लेकर परेशान हैं। वो आश्चर्य जताते हुए आउटलुक से कहती हैं, “कोई भी खाद्य पदार्थ खाने पर नमकीन लगता है। जैसे समुद्र का खारा पानी हो। यहां तक की मीठा खाना- खीर, दूध, मिठाई जैसी चीजों को भी खाने पर नमकीन लगता है।“ आगे गुड्डू बताती हैं, “कई डॉक्टरों से हमने सलाह ली है। लेकिन, उनका कहना है कि इसका कोई इलाज नहीं है। ये खुद-ब-खुद ठीक हो जाएगा।“

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली प्रियम जैन भी इसी तरह की दिक्कतों का सामना कर रही हैं। कोविड से रिकवर होने के बाद अब जैन को खाने में खास तौर से प्याज और लहसून जैसी चीजों के गंध से काफी परेशानी हो रही है।

कोरोना महामारी से कोई व्यक्ति संक्रमित है या नहीं, इसको लेकर स्टडी में कुछ लक्षण बताए गए हैं। इसमें सर्दी, खांसी, बुखार, दस्त, स्वाद का पता ना चलना, गंध महसूस ना होना। अब आशंका जताई जा रही है कि देश में अगस्त-अक्टूबर में इस वायरस की तीसरी लहर आएगी।

वहीं, वायरस से संक्रमित लोगों में कोरोना से ठीक होने के लंबे समय बाद तक सामान्यत: कमजोरी देखी जा रहे हैं। लेकिन, इससे इतर कई अन्य बीमारियां हैं,जो उस व्यक्ति में संक्रमण से पहले नहीं थी या कोरोना से पहले बीमारी का स्तर कम अथवा सामान्य था। लेकिन, अब वो उससे जकड़ चुके हैं। जिनमें शुगर-डायबिटीज, लीवर की समस्या, बालों का झड़ना, स्वाद का पता ना चलना, सर के पीछले हिस्से में लगातार दर्द होना शामिल है।

डॉक्टरों कहना है कि दूसरी लहर के बाद कई तरह की अजीबोगरीब बीमारियां निकल के सामने आई हैं, जो पहली लहर में नहीं आई थी। आउटलुक से देश के जाने-माने अस्पतालों में से एक सर गंगाराम अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. धीरेन गुप्ता कहते हैं, "दूसरी लहर ने लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक (इम्यूनिटी) को खत्म कर दिया है। जिस व्यक्ति में शुगर या अन्य बीमारियां पांच-दस साल बाद होती, वो संक्रमण से ठीक होने के बाद जकड़ गया है।" बदले स्वाद को लेकर धीरेन कहते हैं, "इसे हाइपोगेसिया के नाम से जाना जाता है। इसमें स्वाद खराब हो जाता है। कई लोगों में दो-तीन महीने बाद स्वाद लौट आता है। बहुतों में 6-6 महीने बाद भी ये परेशानी बनी हुई है। इन्हें धैर्य रखने की जरूरत हैं।"

गुड्डू के भाई यश अग्रवाल कोरोना की पहली और दूसरी- दोनों लहरों में संक्रमित हुए थे। लेकिन, इस बार उन्हें कई तरह की पेट संबंधी समस्या हो गई हैं। वो बताते हैं, "पहली वेब में कुछ ज्यादा परेशानी नहीं हुई थी। लेकिन, इस लहर में संक्रमित होने के बाद कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ये पोस्ट कोविड के लक्षण हैं, जो कुछ महीने रहेंगे।"

यश की सोसाइटी में रहने वाले एक मनोज (45) नाम के व्यक्ति हैं, जिन्हें खाने-पीने की चीजों में से सड़े अण्डे की दुर्गंध आती रहती है। डॉक्टर धीरेन कहते हैं, "मेरे पास एक बच्ची आई थी, जिसे खाना खाने के दौरान मुंह कड़वा हो जा रहा था। बहुत मामले सामने आ रहे हैं।"

महिला एवं पुरूषों में कोरोना से संक्रमण होने के बाद बालों के झड़ने की समस्या भी तेजी से बढ़ने लगी है। दिल्ली की रहने वाली इशिता बताती हैं, "पूरे परिवार कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हो गया था। अब मेरे बाल लगातार झड़ रहे हैं। अब ये डर बना हुआ है कि कहीं पूरे बाल ना झड़ जाएं।" इसी तरह की दिक्कतें मुजफ्फरपुर, बिहार की रहने वाली रुपम गुप्ता को भी हो रही है। मई के पहले सप्ताह में इनके परिवार के एक सदस्य की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई थी। इसी दौरान रूपम भी संक्रमित हो चुकी हैं। आउटलुक से वो कहती हैं, "कोरोना से पहले सिर्फ थायराइड की दिक्कतें थी। लेकिन, अब शुगर बॉर्डर (118) पर पहुंच गया है। लगातार बाल झड़ रहे हैं। आलम ये है कि माथे के कई हिस्से अब खाली हो गए हैं।" रुपम गुप्ता इस वक्त भी बुखार से ग्रसित हैं। वो बताती हैं, "संक्रमण के बाद से मन में डर बैठा हुआ है। खराब मौसम में गरजती बिजली से खौफ महसूस होने लगता है।"

 

डॉक्टर के मुताबिक कोरोना के दौरान तनाव लेने और अनियमिताओं की वजह से बालों की जड़े कमजोर हो गई हैं, जिसका असर अब दिख रहा है।

 

कुछ इसी तरह की दिक्कतों का सामना बनारस के रहने वाले सुजीत कर रहे हैं। दूसरी लहर में संक्रमित होने के बाद अब उन्हें शुगर हो गई है। वो बताते हैं, “क्या करें। अब डॉक्टरों ने बोला है कि मुझे हर दिन इसकी दवा लेनी होगी।“

 

बेंगलुरु के एक बीटेक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ. जयंती मिश्रा भी कोरोना की दूसरी लहर में महामारी से संक्रमित हो चुकी हैं। लेकिन, कई महीने बाद भी उनके सर के पिछले हिस्से में दर्द होता रहता है। अब डॉक्टरों ने बोला है कि यदि दवा से ठीक नहीं होता है तो उन्हें एमआरआई करवाना पड़ सकता है।

 

सर गंगाराम के डॉक्टर धीरेन कहते हैं, “बड़ी तादात में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। जिनमें कोरोना से पहले ये बीमारियां नहीं थी या कम थी, अब वह बढ़ चुकीं हैं। अभी इससे उबरने में लोगों को लंबा वक्त लगेगा। लोगों को खान-पान पर ध्यान और बेहतर पोषक तत्व लेने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्हें हल्का योग करना चाहिए।“

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