Advertisement

लोकसभा में सेरोगेसी बिल पारित, केवल भारतीय निसंतान दंपत्ति ही ले पाएंगे लाभ

सेरोगेसी के व्यावसायिक उपयोग को बंद करते हुए सेरोगेसी (रेगुलेशन) बिल 2016 आज लोकसभा में ध्वनिमत से पारित...
लोकसभा में सेरोगेसी बिल पारित,  केवल भारतीय निसंतान दंपत्ति ही ले पाएंगे लाभ

सेरोगेसी के व्यावसायिक उपयोग को बंद करते हुए सेरोगेसी (रेगुलेशन) बिल 2016 आज लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। यह बिल सेरोगेसी के व्यावसायिक इस्तेमाल को रोकेगा। अब केवल भारतीय निसंतान दंपति ही सेरोगेसी का लाभ ले पाएंगे।

संतानहीन दंपति जो किसी भी कारणवश इनफर्टिलिटी से जूझ रहे हैं, सेरोगेसी के लिए उन्हीं जोड़ों को इजाजत मिलेगी। पहले विदेश से बड़ी संख्या में लोग आकर भारत में सेरोगेसी कराते थे। भारत में गुजरात का आणंद जिला एक तरह से सेरोगेसी का हब बन गया था।

भारत में धीरे-धीरे सेरोगेसी का प्रचलन बढ़ने के बाद बच्चे के जन्म के बाद कई बार विवाद सामने आए। कुछ विदेशी दंपति बच्चे के जन्म के बाद बच्चे भारत में छोड़ कर चले जाते थे। कई मामलों में सेरोगेट मदर को उचित मानदेय भी नहीं मिल पाता था।

अब इस बिल के पास होने से सेरोगेट मदर और दंपती दोनों को ही एक सर्टिफिकेट देना होगा कि दंपती किसी भी कारणवश संतानउत्पति में अक्षम है और सेरोगेसी कराना चाहता है। यह सर्टिफिकेट किसी मान्यता प्राप्त डॉक्टर से लेना जरूरी होगा। इस बिल के पास होने के बाद अब दंपती की करीबी रिश्तेदार महिला ही सेरोगेट मदर बन सकती है। पहले किसी भी महिला को सेरोगेट मदर बनाया जा सकता था।  

यह विधेयक राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड, राज्य सरोगेसी बोर्डों के संविधान और सरोगेसी के अभ्यास और प्रक्रिया के विनियमन के लिए उपयुक्त प्राधिकरणों की नियुक्ति के लिए भी होगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement