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दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 15 भारत में, दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी

भारत के लिए एक चिंताजनक रिपोर्ट आई है। दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 15 शहर भारत से हैं। फिर आप अगर...
दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 15 भारत में, दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी

भारत के लिए एक चिंताजनक रिपोर्ट आई है। दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 15 शहर भारत से हैं। फिर आप अगर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हैं तो अपनों के लिए, अपने लिए फिक्रमंद होना ज्यादा जरूरी है। दरअसल, ग्रीनपीस और एयर विजुअल ने मिलकर 2018 वर्ल्ड एयर क्वालिटी (IQAir AirVisual 2018 World Air Quality Report) नाम से वायु प्रदूषण पर एक नई रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में साल 2018 में पीएम 2.5 के प्रदूषण स्तर के डेटा को सामने लाया गया है। इस रिपोर्ट में लखनऊ नौवें स्थान पर है।

गुरुग्राम सबसे ज्यादा प्रदूषित

रिपोर्ट में शामिल 3000 शहरों के पीएम 2.5 डेटा को देखकर पता चलता है कि पूरी दुनिया के लोगों के स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण की वजह से खतरा मंडरा रहा है। भारत का गुरुग्राम और गाजियाबाद दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। वहीं फरीदाबाद, भिवानी और नोएडा दुनिया के छह सबसे प्रदूषित शहरों में हैं। जबकि दिल्ली दुनिया का 11वां सबसे प्रदूषित शहर है।

हैरानी वाली बात तो यह है कि एक वक्त दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रहा बीजिंग इस बार 2018 के पीएम 2.5 डाटा के आधार पर 122वें स्थान पर चला गया है। हालांकि, अभी भी यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता मानक से पांच गुना अधिक प्रदूषित है।

'वायु प्रदूषण से भविष्य और जीविका खतरे में'

ग्रीन पीस साऊथ ईस्ट एशिया के कार्यकारी निदेशक एब साना कहते हैं, 'वायु प्रदूषण हमारे भविष्य और जीविका को गंभीर खतरे में डाल रहा है। लेकिन हम इसे बदल सकते हैं। मानव मृत्यु के साथ-साथ 225 खरब डॉलर का घाटा मजदूरी के क्षेत्र में हो रहा है और उससे भी ज्यादा स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण का हमारे स्वास्थ्य और जेब दोनों पर प्रभाव पड़ रहा है। हम इस रिपोर्ट से चाहते हैं कि लोग वायु प्रदूषण के प्रभाव को जाने क्योंकि एकबार लोगों को प्रदूषण के कुप्रभाव का ज्ञान हो गया, तभी वे इसे रोकने के लिए आगे आएंगें।'

ऐसे तैयार की गई है रिपोर्ट

आईक्यू एयर के सीईओ फ्रैंक हम्मस कहते हैं, 'यह रिपोर्ट दुनिया भर में लगे हजारों वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन से ली गई डेटा की समीक्षा के बाद तैयार की गई है। अब लोग अपने मोबाइल से एयर विजुअल प्लैटफॉर्म पर इस डेटा को देख सकते हैं। इस रिपोर्ट से यह भी जाहिर होता है कि और भी बहुत सारे शहरों की वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए बड़े स्तर पर निगरानी स्टेशन लगाने की जरूरत है।'

ग्रीनपीस इंडिया की पूजारिनी सेन कहती है, “इस रिपोर्ट ने एकबार फिर साबित किया है कि वायु प्रदूषण से निपटने के हमारे प्रयास दुरुस्त नहीं हैं और हमें पहले से ज्यादा प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। अगर हम भारतीयों को साफ़ हवा में सांस लेते देखना चाहते हैं तो हमें एनसीएपी, जीआरएपी जैसी योजनाओं को और भी प्रभावी, व्यापक और कानूनी सीमाओं के अंदर ज़मीनी स्तर पर लागू करना होगा।”

पूजारिनी कहती हैं, “साफ हवा मुमकिन है। बीजिंग का उदाहरण हमारे सामने है। हमारे पास वायु प्रदूषण से होने वाले संभावित खतरे को पुख्ता करने के लिए पर्याप्त शोध और तथ्य मौजूद हैं। असली सवाल है कि क्या इस समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त राजनीतिक इच्छाशक्ति है? क्या हम प्रदूषित ईंधन और क्षय ऊर्जा स्त्रोतों से दूर जाने को तैयार हैं?”

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