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सीने में जकड़न, आंखों में जलन का मौसम

आज दिल्ली ‘कोहरा है या धुंध’ की बहस के बीच जागी है। दृश्यता 200 मीटर तक गिर गई है। यह मौसम अस्थमा के...
सीने में जकड़न, आंखों में जलन का मौसम

आज दिल्ली ‘कोहरा है या धुंध’ की बहस के बीच जागी है। दृश्यता 200 मीटर तक गिर गई है। यह मौसम अस्थमा के मरीजों के लिए सबसे चिंताजनक है, तो स्वस्थ लोगों के लिए भ्‍ाी यह ख्‍ातरनाक मौसम है।

औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 396 हो गया है जो बेहद खराब है। दिवाली के बाद यह मौसम के लिए दूसरा सबसे खराब दिन है। चिकित्सकों का मानना है कि इस मौसम में अस्थमा के मरीजों को सीने में जकड़न जैसी समस्या बढ़ सकती है, उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है। जबकि स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत के साथ-साथ आंखों में जलन, खुजली और पानी आना जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

इस मौसम में आंखों में ड्रायनेस की समस्या बढ़ जाती है। ऐसा लगता है जैसे आंखों के किनारों पर जख्म हो गए हों। ऐसे में आंखों को न मसलें। आंखों पर सुबह उठते ही ठंडे पानी के छींटे मारना इस मौसम में बहुत जरूरी है। दिन में संभव हो तो दो बार और ऐसा करना चाहिए। इससे आंखों में नमी बनी रहती है। चिकित्सक से पूछ कर आंखों में नमी बनाए रखने वाला कोई ड्रॉप इस्तेमाल करना चाहिए। आंखों में जलन होने पर फौरी राहत के लिए गुलाब जल इस्तेमाल करने के बजाय कोई अच्छा सा आई ड्रॉप ही इस्तेमाल करें।

अस्थमा के मरीजों को जब तक जरूरी न हो ऐसे मौसम में बाहर नहीं निकलना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों को अच्छे फिल्टर वाला मास्क पहनना चाहिए। मास्क को समय-समय पर बदलना बहुत जरूरी है। कुछ दिन सुबह की सैर को टालना ही बेहतर होगा।    

आने वाले दिनों में हवा में नमी का स्तर बढ़ेगा। इससे स्थितियां और कठिन होंगी। दमा के मरीजों को अपना खास खयाल रखना चाहिए। अपनी जरूरी दवाएं और इनहेलर हमेशा साथ रखें।

सामान्य लोगों को भी इस मौसम में बाहर व्यायाम करने से बचना चाहिए। यदि पार्क में व्यायाम करना है तो सूर्योदय से पहले कर लें। सूर्य निकलने के बाद स्मॉग और खतरनाक होता जाता है।

कोशिश करें छोटे बच्चे और बुजुर्ग घर पर ही रहें। 

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