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केवल 9 फीसदी भारतीय बच्चों को ही मिल पाता है उचित पोषण: नीति आयोग

बच्चों में कुपोषण की परेशानी भारत के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। अब नीति अयोग सलाहकार आलोक कुमार ने...
केवल 9 फीसदी भारतीय बच्चों को ही मिल पाता है उचित पोषण: नीति आयोग

बच्चों में कुपोषण की परेशानी भारत के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। अब नीति अयोग सलाहकार आलोक कुमार ने बुधवार को कहा कि 6 से 24 महीने के आयु वर्ग के केवल नौ प्रतिशत बच्चों को भारत में पर्याप्त पोषण मिलता है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, यूनिसेफ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कुमार ने कहा, "भारत में एक तिहाई बच्चे बड़े हो रहे हैं और कुपोषण से निपटना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। इसका मुख्य कारण पोषण संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता का अभाव है। इसके लिए हर घर तक पहुंचने के लिए एक अभियान मोड में व्यवहार परिवर्तन की जरूरत है।"

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को व्यवहारिक परियोजनाओं को अपनाना चाहिए और पौष्टिक भोजन के लिए पैकेज और समाधान के साथ आना चाहिए।

इस दौरान यूनिसेफ इंडिया में ओआईसी के उप प्रतिनिधि अर्जन डी वक्त ने कहा, "निजी क्षेत्र के पास न केवल संसाधन हैं, बल्कि देश में पोषण जागरूकता में सुधार करने की शक्ति भी है। आखिरकार, निजी क्षेत्र किसी देश के कार्यबल के सबसे बड़े हिस्से को रोजगार देता है और कार्यक्रम के माध्यम से, यह सीधे उसके पोषण की स्थिति को प्रभावित कर सकता है।"

"इम्पैक्ट 4 न्यूट्रीशन" लॉन्च

टाटा ट्रस्ट्स, साइट एंड लाइफ, सीएसआरबॉक्स, सीएलएल और वीकेन जैसी निजी कंपनियों ने यूनिसेफ और नैसकॉम फाउंडेशन के साथ हाथ मिलाया और एक कार्यक्रम "इम्पैक्ट 4 न्यूट्रीशन" लॉन्च किया, जो कुपोषण और स्टंटिंग को खत्म करने और भारत की पोषण और स्वास्थ्य स्थिति को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने का लक्ष्य रखता है।

 

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