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कोरोना का ये वैरिएंट निकला बेहद खतरनाक, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी ले रहा चपेट में, इंदौर में 6 केस मिले

देशभर में कोरोना वायरस भले सुस्त पड़ गया हो, लेकिन उसका खतरा अब भी बरकरार है। ब्रिटेन में तबाही मचाने...
कोरोना का ये वैरिएंट निकला बेहद खतरनाक, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी ले रहा चपेट में, इंदौर में 6 केस मिले

देशभर में कोरोना वायरस भले सुस्त पड़ गया हो, लेकिन उसका खतरा अब भी बरकरार है। ब्रिटेन में तबाही मचाने वाला कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का ही नया रूप AY.4 अब भारत में भी मिल गया है। मध्य प्रदेश में 6 मरीज इस वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं। सीएमएचओ बीएस सैत्य ने बताया कि सभी मरीज पूरी तरह से वैक्सीनेटेड थे।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या AY.4 वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है? इस पर सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) के पूर्व डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने बताया कि अभी इस बात के कोई सबूत नहीं है कि AY.4 डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है। उन्होंने ये भी कहा कि ये नया वैरिएंट नहीं है।

राकेश मिश्रा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया कि अभी इस बात के कोई सबूत नहीं है कि AY.4 के कारण ब्रेकथ्रू इन्फेक्श या री-इन्फेक्शन या संक्रमण बढ़ सकता है। AY.4 कोरोनावायरस के डेल्टा वैरिएंट का ही सब-लाइनेज है। मिश्रा ने कहा कि ये कोई नया वैरिएंट नहीं है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अभी कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करना होगा, क्योंकि कोरोना अभी गया नहीं है।

आजतक की खबर के मुताबिक, दुनियाभर में AY.4 के सबसे ज्यादा मामले ब्रिटेन में सामने आए हैं। अमेरिका में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। INSACOG के 20 सितंबर के बुलेटिन में कहा गया था कि महाराष्ट्र में हुई एक शुरुआती स्टडी में सामने आया था कि AY.4 के क्लिनिकल कैरेक्टरिस्टिक्स B.1.617.2 की तरह ही है। इस बुलेटिन में कहा गया था कि फिलहाल कोई चिंता की बात नहीं है। हालांकि, INSACOG के 13 सितंबर के बुलेटिन में कहा गया था कि डेल्टा और डेल्टा सब-लाइनेज वैरिएंट ऑफ कंसर्न्स बने रहेंगे।

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