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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: ये पांच आसन वजन घटाने के साथ ही रूह से जोड़ते हैं कनेक्शन, करें ट्राई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में योग कर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। आप ये पांच आसन कर हर दिन योग दिवस मना सकते हैं। ये पांच आसन शरीर को स्लिम बनाने के साथ ही आपकी रूह से भी आपका कनेक्शन जोड़ते हैं।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: ये पांच आसन वजन घटाने के साथ ही रूह से जोड़ते हैं कनेक्शन, करें ट्राई

इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने जीवन की बेहतरी के लिए योग को अपनाने का संकल्प लेने के साथ ही इन पांच आसान योगासनों का हर रोज अभ्यास किया जा सकता है। 

उत्तान पादासन
उत्तान पादासन सीधा पेट की चर्बी को घटाता है। इसको करने के लिए किसी साफ सुथरी जगह है या खुले कमरे में जमीन पर सीधे लेट जाएं। अपने दोनों हाथ शरीर से सटाकर फैला लें। हथेलियां जमीन की तरफ रहें। इसके बाद सांस लेते हुए दोनों पैरों को ऊपर की तरफ उठाएं। जमीन से 45 डिग्री ऊपर रोके रखें। जितनी देर सांस रोक सके पैरों को इसी अवस्था में रोके रखें। इसके बाद धीरे से जमीन पर टिका दें। इसको सुबह-शाम किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे इस योगासन को करते वक्त पेट खाली होना चाहिए।

सर्वांगासन
सर्वांगासन मतलब शरीर के सभी अंगों से जुड़ा संपूर्ण आसन है। इससे सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है, इसीलिए इसे सर्वांगासन कहा जाता है। जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को शरीर के बराबर में रखें। इसके बाद दोनों पैरो को आराम से ऊपर उठाना शुरू कीजिए। इस दौरा ठोड़ी को सीने से लगाए रखे और पैरो को सीधा आकाश की तरफ समकोण की अवस्था में रखें। आसानी से इस अवस्था में जितनी देर रह सकते हैं, रहें, लेकिन जबरदस्ती न करें।

भुजंगासन
भुजंगासन में शरीर की अवस्था फन उठाए हुए नाग की तरह होती है। इसीलिए इसे भुजंगासन, सर्पासन और अंग्रेजी में कोबरा पोज कहते हैं। यह आसन तन और मन दोनों के लिए गजब के परिणाम देने वाला है। तोंद सुखाने के साथ ही सीने और मष्तिस्क रोगों को दूर करने में मददगार होता है। भुजंगासन को करने के लिए मुंह नीचे करके पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद हथेलियों को कंधों और कुहनियों के बीच जमीन पर रखें। फिर नाभि से आगे तक के भाग को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। पैर की उंगलियां और हथेलियां ही जमीन से सटी रहनी चाहिए। इस अवस्थ में कुछ देर रुके रहें। इसे चार से पांच बार दोहराएं।

कपालभाती
सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर कपालभाती प्राणायाम योग किया जाता है। ध्यान रहे इसमें पूरा फोकस सांस को बाहर फेंकने पर रहता है। सांस लेने पर फोकस नहीं करना है, वह स्वत: ही होता रहेगा। सांस को एक फोर्स के साथ बाहर छोड़ना है। वैसे आप भस्त्रिका और कपालभाती दोनों को चरणबद्ध तरीके से एक साथ भी कर सकते हैं। दोनों में बहुत अंतर नहीं है। भस्त्रिका में फोर्स के साथ सांस लेने और छोड़ने की क्रिया की जाती है। इसके बड़े फायदे हैं। चर्बी तो घटाता ही है साथ ही चेहरे की झुर्रियों, झांइयों को दूर कर चेहरे पर चमक पैदा करता है।

ताड़ासन
ताड़ासन यानी जिसमें शरीर की मुद्रा ताड़ वृक्ष की तरह हो। यह एकदम आसान है। किसी भी उम्र के लोग इसे कर सकते है। इसको करने के लिए समतल स्थान पर आराम से खड़े हो जाएं। शरीर को ढीला छोड़ दे। धीरे-धीरे सांस लेते रहे। इसके बाद दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर की और ले जाएं। हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इस स्थिति में आपकी दोनों हाथों की अंगुलियां आपस में मिलनी चाहिए। इसको करते हुए कमर और गर्दन बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। एडियो को जमीन से ऊपर उठा लें। शरीर का पूरा वजन पंजों पर रखें। जितनी देर आराम से इस मुद्रा में रह सकते हैं, रहें।

अगर आप निरंतर योगासन करते रहे तो शरीर और मन के तल पर आप खुद ही बेहतर महसूस करेंगे। ध्यान रहे जब तक पारंगत न हो जाएं किसी प्रशिक्षक के निर्देशन में ही योगासन करें।

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