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म्यूचुअल फंड के लिए RBI ने की 50 हजार करोड़ रुपये की विशेष सुविधा की घोषणा

म्यूचुअल फंड्स पर लिक्विडिटी दबाव को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को म्यूचुअल...
म्यूचुअल फंड के लिए RBI ने की 50 हजार करोड़ रुपये की विशेष सुविधा की घोषणा

म्यूचुअल फंड्स पर लिक्विडिटी दबाव को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को म्यूचुअल फंड्स के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी की घोषणा की। बता दें कि देश के अग्रणी म्यूचुअल फंड हाउस फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने भारत में छह डेट फंड्स को बंद कर दिया है, जिसके बाद आरबीआई ने म्यूचुअल फंड्स के लिए विशेष तरलता सुविधा देने की घोषणा की है।

50 हजार करोड़ रुपये का लोन उपलब्‍ध कराया जाएगा- आरबीआई

आरबीआई ने सोमवार को म्‍यूचुअल फंड्स के लिए एक विशेष ऋण योजना का ऐलान किया, जिसके तहत उन्‍हें 50 हजार करोड़ रुपये का लोन उपलब्‍ध कराया जाएगा, ताकि उद्योग में तरलता का संकट न खड़ा हो।अपने बयान में केंद्रीय बैंक ने कहा कि कोविड-19 की वजह से पूंजी बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है। कोरोना महामरी ने म्यूचुअल फंड (एमएफ) पर तरलता का दबाव डाला है। आरबीआई ने कहा, ‘एमएफ पर तरलता दबाव को कम करने के उद्देश्य से 50 हजार करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड के लिए विशेष तरलता सुविधा देने का निर्णय लिया गया है’। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी जोर दिया कि वह  कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए जो भी आवश्यक कदम होंगे उसे वह उठाएगा।

हालांकि इस समय यह संकट उच्‍च जोखिम वाले ऋण म्‍यूचुअल फंड्स में ही है, जबकि शेष उद्योग में तरलता बनी हुई है। स्‍पेशल लिक्विडिटी फंड-एमएफ के तहत आरबीआई फिक्‍स रेपो रेट पर 90 दिन की अवधि का एक रेपो ऑपरेशन शुरू करेगा। एसएलएफ-एमएफ ऑन-टॉप और ओपन-एंडेड है और बैंक सोमवार से शुक्रवार तक किसी भी दिन वित्‍त हासिल करने के लिए अपनी बोली जमा कर सकते हैं। यह सुविधा 27 अप्रैल से शुरू हो चुकी है और 11 मई, 2020 तक चालू रहेगी। बाजार परिस्थितियों के मुताबिक केंद्रीय बैंक इसकी समय-सीमा और कोष में वृद्धि करने पर विचार करेगा।

निवेशकों के अटके हजारों करोड़ रुपये

कोरोना वायरस महामारी के चलते यूनिट वापस लेने के दबाव और बॉन्ड बाजार में लिक्विडिटी की कमी का हवाला देकर फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने स्कीमें बंद की हैं। अपने इस फैसले के बारे में कंपनी का कहना है कि कोरोना संकट की वजह से लोगों ने तेजी से अपना पैसा निकाला है, जिससे कंपनी के पास कैश की कमी हुई है अब रिडंप्शन का दबाव बढ़ने से इन सभी फंडों की सिक्युरिटीज बेची जाएंगी। निवेशकों को कई चरणों में पैसा वापस किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि डेट फंड्स में रकम फंसने का डर बढ़ा है। बताया जा रहा है कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन द्वारा बंद की गई छह डेट स्कीमों का कुल मिलाकर एसेट बेस करीब 28 हजार करोड़ रुपये है।

बंद हुईं ये 6 स्कीमें

-    फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन लो ड्यूरेशन फंड

-    फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन इनकम ऑपरच्यूनिटी फंड

-    फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन शॉर्ट बॉन्ड फंड

-    फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन क्रेडिट रिस्क फंड

-    फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन शॉर्ट टर्म इनकम प्लान

-    फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन डायनामिक एक्यूरियल फंड

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