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धर्म के आधार पर नागरिकता देने से पाकिस्तान का हिंदू वर्जन बनकर रह जाएगा भारतः थरूर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक संसद से पारित होना निश्चित ही...
धर्म के आधार पर नागरिकता देने से पाकिस्तान का हिंदू वर्जन बनकर रह जाएगा भारतः थरूर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक संसद से पारित होना निश्चित ही महात्मा गांधी के विचारों के ऊपर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगी। धर्म के आधार पर नागरिकता देने से भारत पाकिस्तान का हिंदू वर्जन बनकर रह जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की कोई बेंच मंजूरी नहीं देगी

थरूर ने एक इंटरव्यू में आरोप लगाया कि भाजपा एक समुदाय को अलग-थलग करना चाहती है। वह दूसरी समुदाय के लोगों की तरह उत्पीड़न के शिकार एक समुदाय के सदस्यों को राजनीतिक शरण देने से इन्कार करती है। उन्होंने कहा कि अगर संसद के दोनों सदन इस विधेयक को मंजूरी दे देते हैं तो उन्हें पूरा भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट की कोई भी बेंच देश के संविधान के मूलभूत सिद्धांतों का खुला उल्लंघन करने वाले इस विधेयक को मंजूरी नहीं देगी।

सरकार शरणार्थी नीति बनाने को तैयार नहीं

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह शर्मनाक है कि सरकार ने राष्ट्रीय शरणार्थी नीति बनाने पर विचार करने से पिछले साल और इस साल भी इन्कार कर दिया। जबकि उन्होंने प्राइवेट बिल के तौर पर संसद में पेश किया था और तत्कालीन गृह मंत्री, उनके गृह राज्यमंत्री और गृह सचिव को साझा भी किया था।

अंतरराष्ट्रीय कानून की भी अनदेखी

थरूर ने आरोप लगाया कि वे अचानक शरणार्थियों को नागरिकता मंजूरी देने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। जबकि वे शरणार्थी स्टेटस के निर्धारण मेंं सुधार और शरणार्थियों के साथ अच्छा व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आवश्यक कदम उठाने के लिए राजी नहीं है।

एक समुदाय का मताधिकार छीनने का प्रयास

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस सबसे स्पष्ट हो जाता है कि एक समुदाय को अलग-थलग करने और और इस समूचे समुदाय को मताधिकार विहीन करने के लिए निंदनीय राजनीतिक कवायद है। यह हमारी महान सभ्यता के साथ बड़ा विश्वासघात है। इस कदम से भारत पाकिस्तान का हिंदू संस्करण बनकर रह जाएगा।

बिल संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ

नागरिकता संशोधन विधेयक के बारे में कांग्रेस के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यद्यपि वह पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता नहीं है, लेकिन उनका विश्वास है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर स्पष्ट मत रखती है। यह बिल न सिर्फ समानता और धार्मिक आधार पर भेदभाव न करने के मूल सिद्धांत के खिलाफ है, बल्कि यह देश की मूल संकल्पना पर भी हमला है।

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