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कांग्रेस को ज्यादा आक्रामक और सड़क पर दिखने की जरूरत- हार्दिक पटेल

गुजरात नागरिक चुनाव में बुरी तरह हार के एक दिन बाद, राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल...
कांग्रेस को ज्यादा आक्रामक और सड़क पर दिखने की जरूरत- हार्दिक पटेल

गुजरात नागरिक चुनाव में बुरी तरह हार के एक दिन बाद, राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने कहा कि पार्टी को राज्य में खुद को प्रासंगिक बनाने के लिए आक्रामक तरीके से काम करने की जरूरत है। पार्टी की हार की वजह और आगे की रणनीति पर उन्होंने आउटलुक से बात की। पेश है साक्षात्कार के प्रमुख अंश:

कांग्रेस को स्थानीय निकाय चुनावों में बुरी हार का सामना करना पड़ा है। 2015 के नागरिक चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के बाद इस बार पार्टी को क्या हुआ?

पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के नेतृत्व में पाटीदार आंदोलन की वजह से भाजपा 2015 के स्थानीय निकाय चुनावों में पूरी तरह से धूल खा रही थी। छह साल बाद, कांग्रेस की हार से पता चलता है कि हम एक प्रभावी विपक्ष के रूप में काम करने में असफल रहे हैं। अभी हमें बहुत आत्मपरीक्षण करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि सत्ताधारी भाजपा सरकार के खिलाफ हमारा हमला विधानसभा या मीडिया तक सीमित नहीं होना चाहिए। भाजपा के खिलाफ जनता में गुस्सा है, लेकिन इसका फायदा उठाने में हम नाकाम रहे। हमें अपनी लड़ाई सड़कों पर ले जाने की जरूरत है। हम वोट शेयर को देखे तो भाजपा और कांग्रेस के बीच बहुत अंतर नहीं है। इतना ही नहीं एआईएमआईएम और आप जैसी पार्टियों ने भी हमारे खिलाफ काम किया है।

आप दो साल पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे। आप कह रहे हैं कि पार्टी ने आपके कौशल का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नहीं किया है। क्या आपकी राय पार्टी ने मानी थी?

मुझे लगता है कि मेरी क्षमता का पार्टी द्वारा उपयोग नहीं किया गया है , हालांकि  पार्टी में जब से शामिल हुआ हूं तब से लगातार काम कर रहा हूं। केवल मुझे ही नहीं, बल्कि पार्टी को अपने हर कार्यकर्ता की क्षमता का उपयोग रचनात्मक रूप से करना चाहिए। मैं अपनी राय खुलकर व्यक्त करता हूं और मैं यहां पार्टी लाइन को पार नहीं कर रहा। यह जरूरी नहीं कि पार्टी मेरी राय को मानती है या नहीं। मैं यहां चुनाव लड़ने और जीतने के लिए नहीं हूं। मैं पाटीदार आंदोलन के बाद महीनों तक जेल में रहा और मैं चुनाव भी नहीं लड़ सकता। मैं पार्टी के साथ मिलकर और काम करना चाहता हूं।

क्या आप कांग्रेस के साथ रहेंगे?

मेरा मकसद लोगों की सेवा करना है और मैं कांग्रेस के साथ रहूंगा। मैंने आरक्षण के लिए लड़ाई लड़ी और राज्य में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू हुआ। जिसके कारण लाखों युवाओ को लाभ मिला। मैं 23 साल तक किसी भी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं था।

भाजपा पर हमला करने के लिए कांग्रेस को अपनी रणनीति में बदलाव करने की आवश्यकता है क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं?

पार्टी को लोगों को विश्वास दिलाना जरूरी है कि हम उनकी तरफ से लड़ रहे हैं। अभी के युवाओं के सामने बेरोजगारी सबसे बड़े मुद्दे में से एक है। हमें ऐसे मुद्दों को लेकर आक्रामक रूप से संबोधित करने और सड़क पर उतरने की जरूरत है। यह एक या दो व्यक्ति द्वारा करना संभव नहीं है। सभी पार्टी के नेताओ को इसे पहचानना होगा और समिति में आना होगा। हमें अपनी तरफ से 100 प्रतिशत मेहनत करनी होगी जिससे लोग हमपर विश्वास करें।

क्या राज्य में पार्टी के अंदर आपसी कलह हार का बड़ा कारण हैं?

मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। मैं राज्य इकाई का अध्यक्ष नहीं हूं। एक कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में, मेरी एक सीमित भूमिका है। मैं केवल पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं।

क्या युवा नेताओं को पार्टी में उचित पहचान मिली है?

मुझे राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, या किसी अन्य नेता से कोई शिकायत नहीं है। पार्टी में युवा नेताओं को उनका हक दिया जाता है, लेकिन, अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समस्याएं हैं। हर जगह समस्याएं मौजूद हैं। मैं महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के आदर्शों का पालन करता हूं और इसके लिए काम करता हूं।

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की हालत बेहद खराब दिख रही है। कांग्रेस के विधायक गुजरात और अन्य राज्यों में भी भाजपा के साथ जा रहे हैं। क्या आप इससे असंतुष्ट हैं?

पार्टी कार्यकर्ताओं के रूप में हमने इन सभी सालों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। हम बड़ी जीत से खुश नहीं होते हैं। सभी जानते हैं कि भाजपा विधायकों की खरीदारी कर रही है क्योंकि विधानसभा चुनाव है। सरकार उन लाखों किसानों को ध्यान नहीं देती जो कब से विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस नेतृत्व अपने मतभेदों के कारण सार्वजनिक रूप से विभाजित होता दिख रहा है।

पार्टी मुश्किल दौर से गुजर रही है। पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी के एकजुट होने का यही समय है। समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन हमें इसे पार्टी के अंदर ही हल करने की जरूरत है।

भाजपा शहरों के साथ गांवों में भी अपनी जीत को लेकर काफी उत्साहित है।

2015 में हमारा प्रदर्शन इससे बेहतर था इसके बाद भी हम 2017 में सरकार नहीं बना सके। यह परिणाम अगले वर्ष के विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए जीत की गारंटी नहीं है। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस 2022 में सरकार बनाने में सक्षम होगी। यदि भाजपा अपने दम पर जीतने के लिए आश्वस्त है, तो उन्हें हमसे 15 विधायकों को क्यों लेना पड़ा?


नतीजों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पद छोड़ दिया है। कई लोग कहते हैं कि पार्टी किसान आंदोलन को भुनाने में भी नाकाम रही।

सच्चाई यह है कि हमें राज्य में रैलियां या विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। सरकारविरोध प्रदर्शन करने वालों को गिरफ्तार करती है। राज्य सरकार की कोशिश है कि हमारी आवाज लोगों तक न पहुंचे।

 

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