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इंटरव्यू/हरीश रावत: ‘जनता ही भाजपा से लड़ रही’

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कहना है कि इस चुनाव...
इंटरव्यू/हरीश रावत: ‘जनता ही भाजपा से लड़ रही’

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कहना है कि इस चुनाव में जनता ही भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस गैरसैंण को राजधानी बनाएगी। उनसे आउटलुक के लिए अतुल बरतरिया ने तमाम मुद्दों पर बातचीत की। संपादित अंशः

 

चुनाव में कांग्रेस किन मुद्दों पर जनता से समर्थन मांग रही है?

कांग्रेस उत्तराखंड को आत्मनिर्भर और आगे बढ़ता हुआ प्रदेश बनाने की बात कर रही है। कांग्रेस वादा कर रही है कि स्वच्छ सरकार और स्वस्थ प्रशासन उत्तराखंड की जनता को दिया जाएगा। राज्य की आय के स्रोत बढ़ाए जाएंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे। सरकारी नौकरियों में रिक्त चल रहे सभी पदों को सत्ता में आते ही भरा जाएगा। बेरोजगारी उन्मूलन के लिए ऐसी योजना पर काम किया जाएगा, जिससे पलायन पर भी अकुंश लगाया जा सके। यह भी मुद्दा है कि भाजपा सरकार ने कोरोना काल में किस तरह से लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया था।

कई सीटों पर असंतोष और बगावत से कैसे निपटेंगे?

यह सच है कि कुछ सीटों पर ऐसे आसार बन रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इसे मैनेज करने की कोशिश कर रही है। जल्द ही इसके नतीजे भी सामने होंगे। आप देखेंगे कि किस तरह से सभी कांग्रेसी एकजुट होकर जनता को इस भाजपा की इस भ्रष्ट सरकार से निजात दिलाने का काम करेंगे।

हरक सिंह रावत के कांग्रेस में आने से क्या कोई फायदा होता देख रहे है?

भाजपा सरकार के एक काबीना मंत्री के पार्टी छोड़ने से उनका मनोबल टूट गया है। मेरा मानना है कि हरक सिंह के आने से कांग्रेस पार्टी को और अधिक मजबूती मिलेगी।

आम आदमी पार्टी भी इस बार सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है, इसे कांग्रेस पार्टी कैसे देखती है?

आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में अभी आई है। उसे इस राज्य को समझने में वक्त लगेगा।

गैरसैंण पर कांग्रेस का क्या रुख है? कांग्रेस सत्ता में आती है तो गैरसैंण का क्या भविष्य रहने वाला है?

कांग्रेस का वादा है कि सत्ता में आते ही गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी बनाया जाएगा।

भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चुनाव लड़ने से इनकार करने को आप कैसे देखते हैं?

इससे साफ जाहिर हो रहा है कि भाजपा में निराशा का माहौल है और उसके नेताओं में आत्मविश्वास खत्म-सा हो रहा है।

इस बार चुनाव में कांग्रेस को कितनी सीटें मिलने की उम्मीद है?

कांग्रेस घमंड में रहकर कोई बात नहीं करती है। हां, जनता जनार्दन से इतना जरूर चाहती है और प्रार्थना करती है कि इतना बहुमत जरूर दीजिए जिससे अगर कोई गिद्ध अपनी चोंच में कुछ को ले भी जाए, तब भी कांग्रेस अपनी सरकार बना सके।

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