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धर्म,बीफ या जाति नहीं, विकास होगा बंगाल में हमारा चुनावी मुद्दाः कैलाश विजयवर्गी

भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व में अपनी एक अलग पहचान बना चुके मध्य प्रदेश के कैलाश विजयवर्गीय हरियाणा के बाद पश्चिम बंगाल में जीत की रणनीति बनाने में मशगूल है। भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पास पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी है। स्वाभाविक ही है कि उनके पास पश्चिम बंगाल से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार टिकट की आस लगाए उनके पास पहुंचने लगे हैं। पश्चिम बंगाल में उनकी रणनीति पर आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह ने उनसे विस्तृत बातचीत की। पेश हैं अंश-
धर्म,बीफ या जाति नहीं, विकास होगा बंगाल में हमारा चुनावी मुद्दाः कैलाश विजयवर्गी

पश्चिम बंगाल में भाजपा कभी मुख्य प्रतिद्वंद्वी भी नहीं रही, पार्टी की स्थिति भी कमजोर है, कैसे लड़ेगे ?

भाजपा की स्थिति अब वहां बहुत अच्छी है। पहले जरूर संगठन की स्थिति कमजोर थी, लेकिन अब तगड़ी हो गई है। हर जिले पर संगठन को मजबूत कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल के सभी जिलों में हमारे कार्यालय ठीक ढंग से चल रहे हैं, सदस्य सक्रिय हैं। लगातार कार्यक्रम हो रहे हैं। सभी जिलों में हम जाकर कार्यकर्ताओं की बैठक कर रहे हैं। सभी जिलों में धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम लिए गए हैं। यहां तक की बहुत जगहों पर तो प्रदर्शनों पर लाठीचार्ज तक करवा दिया गया। हम लगातार चर्चा में बने हुए हैं।

किन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी भाजपा ?

पश्चिम बंगाल की जनता बढ़ती गुंडागर्दी से त्रस्त है। पहले लोग कम्युनिस्ट पार्टी से तंग थे और उसके बाद ममता की सरकार लंबे-चौड़े वादों-मां, माटी, मानुस के साथ सत्ता में आई। लेकिन ममता के शासनकाल में हालत बद से बदतर हो गई। गुंडगर्दी सिर चढ़कर बोलने लगी। लोग ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इस अपराध के माहौल के खिलाफ हम चुनाव लड़ेंगे। चिटफंड कंपनियों का घोटाला कम से कम डेढ़ लाख हजार करोड़ रुपये का है। इसमें नए तथ्य भी सामने आ रहे हैं। सीबीआई इस पर काम कर रही है। जल्द ही कई नई चीजें सामने आएंगी। इस घोटाले ने राज्य के गरीबों का जीवन तबाह कर दिया है। इसे हम बड़ा मुद्दा बनाएंगे।

यानी आप अपनी जीत निगेटिव वोट पर सोच रहे हैं ?

ये चुनाव हैं। भाजपा यहां एक विकल्प के तौर पर उभर रही है। लोग मार्क्सवादियों को पहले देख चुके और अब तृणमूल को झेल रहे हैं। कांग्रेस में दम नहीं, भाजपा ही तो विकल्प बची है।

लेकिन पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण मुश्किल है, ऐसा आंकलन खुद भाजपा का है ?

हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे। जैसा हमने लोकसभा चुनावों में लड़ा था। बाकी हर राज्य दूसरे राज्य से अलग होता ही है। यहां धर्म पर या जाति पर बोलना लोगों को पसंद नहीं है। यहां बीफ भी मुद्दा नहीं है। 

पश्चिम बंगाल में भाजपा क्या मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं घोषित करेगी ?

अभी तक ऐसा कोई विचार नहीं है। पार्टी में पहले से मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की कोई परंपरा नहीं रही है।

लेकिन आपने असम में तो घोषित किया

पश्चिम बंगाल में अभी जरूरत नहीं है। यहां भी हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।   

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