Advertisement

इंटरव्यू।। "मुंबई की स्थिति बदतर, लॉकडाउन जरूरी, शहरी आबादी ज्यादा हो रही संक्रमित": BMC मेयर किशोरी पेडणेकर

कोरोना की पहली लहर में भी सबसे अधिक महाराष्ट्र संक्रमित हुआ था और  अभी दूसरी लहर में भी सबसे अधिक...
इंटरव्यू।।

कोरोना की पहली लहर में भी सबसे अधिक महाराष्ट्र संक्रमित हुआ था और  अभी दूसरी लहर में भी सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से आ रहे हैं। बीते 24 घंटे में राज्य में कोरोना के 55,411 नए मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 309 और लोगों की मौत इस महामारी से हुई है। राज्य में सबसे अधिक पुणे और मुंबई से मामले दर्ज किए जा रहे हैं। 24 घंटे में पुणे और मुंबई में क्रमश: 9882, 9330 केस की पुष्टि हुई है जबकि मुंबई में 28 लोगों की मौत कोरोना से हुई है। अब तक देश की आर्थिक राजधानी मुंबई कोरोना की वजह से करीब 12,000 लोगों को गंवा चुकी है। आउटलुक के नीरज झा से बातचीत में बृहन्मुम्बई नगर निगम (बीएमसी) की मेयर किशोर पेडणेकर कहती हैं कि शहर की स्थिति बेहद खराब है। अभी हम खतरनाक दौर से गुजर रहे हैं। एक महीने के लिए लॉकडाउन अनिवार्य रूप से लागू किए जाने चाहिए।

बातचीत के प्रमुख अंश...

अभी मुंबई की क्या स्थिति है...

राज्य की स्थिति बेहद चिंताजनक है। मुंबई सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। हम खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके हैं। इसे रोकने के लिए कई स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। अभी राज्य और आर्थिक राजधानी को लॉकडाउन की मांग है। आज टास्क फोर्स की बैठक हो रही है। रात तक स्पष्ट हो जाएगा। लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि एक महीने के लिए राज्य में लॉकडाउन अनिवार्य रूप से लागू किया जाना चाहिए।

सबसे अधिक मामले कहां से आ रहे हैं

पिछली बार हमने देखा था कि सबसे अधिक मामले स्लम एरिया से आ रहे थे लेकिन इस बार ठीक उल्टा है। मामले यहां से भी आ रहे हैं। लेकिन, सबसे अधिक केस शहरी आबादी से आ रहे हैं, जो चिंता की बात है। एक ही घर से सभी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। ये सभी बिना लक्षण के मरीज आ रहे हैं, जो डराने वाला है। किसी को पता नहीं चल रहा है कि वो संक्रमित हैं और इससे अत्यधिक तेजी के साथ महामारी से लोग संक्रमित हो रहे हैं।

महाराष्ट्र और मुंबई में ही सबसे अधिक मामले क्यों सामने आ रहे हैं।

इसे लेकर हमारी स्वास्थ्य जानकारों के साथ मंथन चल रही है। इसका सही कारण हम अभी नहीं बता सकते हैं। एक कारण घनी आबादी का होना है। मामले दूसरे राज्यों में भी आने शुरू हो गए हैं। लेकिन, कई राज्य इसे छुपा भी रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि यहां बिना लक्षण के मरीज सबसे अधिक संक्रमित पाए जा रहे हैं और ये संक्रमण फैला रहे हैं। लोग लापरवाही कर रहे हैं। बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बाजारों और सब्जी मंडियों में भीड़ इकठ्ठ कर रहे हैं। इसलिए हमने राज्य सरकार से कहा है कि महानगर में कम-से-कम एक महीने का लॉकडाउन लगाया जाए। चेन ब्रेक करना मुश्किल हो गया है। इसका एक ही उपाय है कि सभी लोग घर में बैठें। अन्य राज्यों में भी भयावह स्थिति है।

आईसीयू बेड और वेंटीलेटर की क्या स्थिति है

इस संकट से हम जूझ रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों में भी बेड बढ़ाए जा रहे हैं। अलग से पांच हजार तीन सौ बेड्स जोड़ने पर तेजी से काम किया जा रहा है। ये सच है कि डॉक्टरों और नर्सों की कमी है। प्राइवेट अस्पताल में जो स्टाफ काम कर रहे थे वो डर की वजह से छोड़कर घर चले गए। इसे पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से डॉक्टरों और नर्सों को बुलाने की योजना बनाई जा रही है।

आपने कहा है कि वैक्सीन की डोज अपर्याप्त है, अभी क्या स्थिति है।

एक दिन पहले महानगर को एक लाख डोज मिले हैं। लेकिन, आबादी और संक्रमण के हिसाब से ये कम है। ये भोजन में चटनी के बराबर है। मुंबई की आबादी एक करोड़ से अधिक है। इसके अनुपात में हमें वैक्सीन मिलनी चाहिए, जो नहीं मिल रही है। स्थिति पर केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार लगातार बातचीत कर रही है।

इस बार संक्रमित मरीजों की औसत उम्र क्या है। क्या छोटे बच्चे भी पॉजिटिव पाए जा रहे हैं

हां, छोटे बच्चे भी पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। जिस परिवार में एक व्यक्ति संक्रमित हो रहा है तो उस परिवार के सभी लोग पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। लेकिन, अच्छी बात ये है कि ये बच्चे नेगेटिव भी जल्द हो रहे हैं। हालांकि, युवा वर्ग अत्यधिक कोरोना संक्रमित हो रहा हैं। संक्रमित होने से बचने की जरूरत है। उन्हें घर में रखना चाहिए। विटामिन बी और सी, ये सारी चीजें डॉक्टरों की सलाह पर देनी चाहिए। बीएससी और सरकार की तरफ से सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

क्या लॉकडाउन के अलावा कोई अन्य विकल्प है...

नहीं, जितने भी विकल्प हमारे पास मौजूद थे। हम उसका इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन, संक्रमण नहीं रूक रहा है। इसलिए लॉकडाउन अनिवार्य है। अभी सिर्फ लोकल ट्रेनों में जरूरी सेवाएं देने वाले लोग का ही आना-जाना है। वर्क फ्रॉम होम और कई पाबंदियों के बाद भी स्थिति खतरनाक हो रही है।

कब तक स्कूल-कॉलेज के खुलने की सामान्य स्थिति हो सकती है।

अभी इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। सभी क्लासेज ऑनलाइन हीं चलेंगी। स्टेट यूनिवर्सिटी, जो मुंबई में स्थित है उनके खुलने की अभी कोई संभावना नहीं है। हमें सबसे पहले इस संक्रमण को रोकना होगा।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad