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दिल्ली के पूर्ण राज्य के मुद्दे पर जनता को भटका रहे केजरीवाल-प्रवेश वर्मा

वर्ष 2008 में अस्तित्व में आई पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मौजूदा सांसद...
दिल्ली के पूर्ण राज्य के मुद्दे पर जनता को भटका रहे केजरीवाल-प्रवेश वर्मा

वर्ष 2008 में अस्तित्व में आई पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मौजूदा सांसद प्रवेश वर्मा को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने अपने पुराने उम्‍मीदवार महाबल मिश्रा को इस सीट से प्रत्‍याशी घोषित किया है। आम आदमी पार्टी ने नए उम्‍मीदवार बलबीर सिंह जाखड़ को उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। पश्चिमी दिल्ली संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 16,87,727 मतदाता हैं, जिनमें से 7,67,521 महिलाएं और 9,20,206 पुरुष हैं। वहीं इसमें दस विधानसभा क्षेत्र आते हैं। जिनमे मादीपुर, जनकपुरी, द्वारका, राजौरी गार्डन, विकासपुरी, हरिनगर, उत्तम नगर, नजफगढ़, मटिआला और तिलक नगर शामिल हैं। पिछले पांच साल में किए गए विकास कार्यों के दम पर जीत का दावा कर रहे प्रवेश वर्मा से आउटलुक के वरिष्ठ संवाददाता आर एस राणा ने बात की। मुख्य अंशः

आपके क्षेत्र में सीलिंग को लेकर काफी विरोध हुआ था, इस पर आपका क्या कहना है?

मायापुरी में जो सीलिंग हुई वो दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी जो दिल्ली सरकार का एक विभाग है उसके द्वारा की गई थी। यह विभाग दिल्ली सरकार के आदेश पर काम करता है। उन्होंने बिना कोई नोटिस दिए सीधे आकर सीलिंग शुरू कर दी। व्यापारियों को अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि एनजीटी ने दिल्ली सरकार को जो डेडलाइन दी थी उसकी समय सीमा समाप्त होने तक दिल्ली सरकार ने व्यापारियों के लिए कोई कदम नहीं उठाया। केजरीवाल सरकार जो जनता के सामने बड़े-बड़े वादे करती है, वही अपने अधिकारीयों को सीलिंग करने का आदेश भी देती है।

मैं उस घटना के समय व्यापारियों के साथ था और व्यापारियों को लेकर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी के पास गया था, ताकि उनकी समस्याओ का हल निकल सके। मंत्री जी ने व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि व्यापारियों को राहत देने के लिए शॉर्ट और लॉन्ग टर्म प्लानिंग शुरू करे। साथ में यह भी आश्वासन दिया कि दिल्ली के व्यापारियों को राहत देने के लिए, दिल्ली के मास्टरप्लान में भी बदलाव करने पड़े तो भारत सरकार करेगी।

सीलिंग को लेकर दिल्ली सरकार, केंद्र को जिम्मेदार मानती है, जबकि केंद्र इसकी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार पर डाल रही है?

देखिये सचाई जनता के सामने है। मायापुरी में अभी हाल ही में जो घटना घटी, क्या वह दिल्ली सरकार के विभाग द्वारा नहीं की गई थी? क्या अरविन्द केजरीवाल जी इस बात को नहीं मांनेंगे की दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी, दिल्ली सरकार के आधीन है? उनका यह दोगलापन जनता के सामने नहीं चलेगा। उस घटना का एमसीडी से कोई लेना-देना नहीं था और न ही केंद्र सरकार से। एनजीटी ने दिल्ली सरकार को बहुत समय पहले ही यह आदेश दिया था की वह वहां की स्क्रैप मार्किट को स्थानांतरित करे, लेकिन दिल्ली सरकार की नाकामी की वजह से ही व्यापारियों को नुकसान भुगतना पड़ा। सीलिंग की उस घटना के लिए अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।

अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करना एक बड़ा मुद्दा है, इस पर आप क्या कहेंगे?

अनाधिकृत कॉलोनी की समस्या दिल्ली में एक गंभीर मुद्दा है। अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी, शौचालय, बिजली के साथ ही अन्य जरूरी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। अनाधिकृत कॉलोनियों की समस्या का बढ़ना, कांग्रेस के 15 साल भी रहे। दिल्ली की तत्कालीन सरकार ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया, इसके बाद केजरीवाल सरकार ने भी इस दिशा में कोई काम नहीं किया। दिल्ली की जनता को इस समस्या से निजात केवल भारतीय जनता पार्टी ही दे सकती है।

पीने का पानी, परिवहन और जाम की समस्या से आए दिन दिल्लीवासियों को जूझना पड़ता है?

ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए हमने उत्तम नगर टर्मिनल के साथ वाला रोड बनवाया, द्वारका एक्सप्रेसवे का काम शुरू हो गया है। ईस्टर्न पेरीफेरल और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे बनवाकर दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या को राहत दिलाई है। आने वाले पांच सालों में हम इस पर और काम करेंगे, जैसे कि मौजूदा सड़कों को चौड़ी करना हो या नए अंडर पास बनाना हो। दिल्ली देश की राजधानी है और देश भर के लोग यहां रहने आते है। सुचारु आवागमन के लिए डीटीसी परिवहन व्यवस्था दिल्ली की रीढ़ है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि डीटीसी में 5,500 बसों की कमी है। जहां तक पीने के पानी का सवाल है तो आज भी लोगों की वही समस्या है जो कांग्रेस सरकार के समय थी।

आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को प्रमुखता से रखा है, इस पर आपका क्या कहना है?

अगर आप देखे तो जिस दिन से अरविन्द केजरीवाल की सरकार बनी, उसी दिन से वह अपनी असफलताओं के लिए रोज कोई न कोई बहाने बनाते आ रहे हैं। अपनी खुद की जिम्मेदारी के लिए दूसरों पर दोष मढ़ते आ रहे है। आज जब उनके पास चुनाव लड़ने के लिए कोई मुद्दा नहीं है तो जनता को गुमराह करने के लिए पूर्ण राज्य का मुद्दा लेकर आ गए। दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने से पहले उनको इस समय जो उनके पास जिम्मेदारियां है उनका हल करना चाहिए। जैसे कि अनाधिकृत कॉलोनी, सीवर लाइन, परिवहन व्यवस्था, पर्यावरण, शिक्षा में सुधार और सड़कों के साथ ही स्वास्थय व्यवस्था आदि। उनको बस सत्ता का मोह है।

पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से आप मौजूदा सांसद हैं, आपने अपने क्षेत्र में पांच प्रमुख काम क्या किए हैं?

मेरे द्वारा कराए गए मुख्य कार्यो में नजफगढ़ में 100 करोड़ रुपये की लागत से 100 बेड के अस्पताल का निर्माण, दिल्ली मेट्रो को ढांसा स्टैंड तक विस्तार कराने के साथ ही 650 ओपन जिम लगवाकर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र को देश की सबसे ज्यादा ओपन जिम वाली लोकसभा सीट बनाना प्रमुख है। इसके अलावा 40 छठ घाटों का निर्माण कराने के साथ ही तीन नए स्पोर्ट्स स्टेडियम बनवाना है। पिछले पांच साल में अपने क्षेत्र में 12 सामुदायिक भवन बनवाए हैं और 40 नई एमसीडी स्कूल बिल्डिंग बनवाना हैं। इसके अलावा 400 से ज्यादा गरीब लोगो को प्रधाममंत्री राहत कोष की मदद से इलाज करवाना शामिल है।

दोबारा चुनाव जीतने पर आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?

मेरी प्राथमिकता में ट्रैफिक जाम की समस्या का हल, एयर पॉल्यूशन और वेस्ट कैंपस का निदान कराना है। इन सब पर मैंने काम शुरू कर दिया है, जिनको आगे लेकर जाना है। ट्रैफिक जाम को हल करने के लिए सड़कों को चौड़ा करने और अंडर-पास बनवाने के कामों पर विशेष ध्यान दूंगा। जहां तक वेस्ट कैंपस का सवाल है तो मैंने ही सबसे पहले संसद में इस मुद्दे को उठाया था। वेस्ट कैंपस के लिए जमीन तय की जा चुकी है और उस जमीन को सड़क से जोड़ने का काम होना है। एयर पॉल्यूशन के मुद्दे पर हमारी सरकार "कॉम्प्रिहेंसिव एक्शन प्लान फॉर एयर पॉल्यूशन कण्ट्रोल इन दिल्ली" के माध्यम से तेजी से काम कर रही है। इसके लिए दिल्ली में कार पूलिंग, साइकिल के लिए अलग पथ और परिवहन व्यवस्था को विस्तारित करने जैसे कई मुद्दों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

आपके क्षेत्र में प्रमुख समस्याएं क्या हैं?
आज दिल्ली में सबसे बड़ी समस्या सीवर लाइन की है। दिल्ली की हालात यह है कि थोड़ा पानी गिरे तो सड़क पर पानी भर जाता है। दिल्ली के लोग पानी निकासी की समस्या से त्रस्त हैं। दिल्ली सरकार इस समस्या को हल करने के बजाय अपना समय और पैसा सिर्फ विज्ञापनों में खर्च कर रही है। मैंने खुद इस विषय पर दिल्ली सरकार का सहयोग लेने की कोशिश की ताकि जनता की परेशानी दूर हो सके लेकिन उनकी तरफ कोई सहयोग नहीं मिला। दिल्ली सरकार को आम लोगों की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है। उनके लिए तो बस अपनी राजनीति और अपना अहंकार ही सब कुछ है।

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