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भाजपा फिर से जीतेगी दिल्ली की सातों सीटेंः मनोज तिवारी का दावा

भोजपुरी फिल्मों के अमिताभ बच्चन कहलाने वाले मनोज तिवारी उत्तर-पूर्व दिल्ली से प्रत्याशी होने के साथ...
भाजपा फिर से जीतेगी दिल्ली की सातों सीटेंः मनोज तिवारी का दावा

भोजपुरी फिल्मों के अमिताभ बच्चन कहलाने वाले मनोज तिवारी उत्तर-पूर्व दिल्ली से प्रत्याशी होने के साथ ही दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते राज्य की दूसरी सीटों पर भी प्रचार में लगे हैं। 12 मई को मतदान होने में अब एक सप्ताह से भी कम समय बचने के कारण प्रचार और रणनीतियां बनाने में उनकी व्यस्ततता और बढ़ गई है। दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जीत का दावा करने वाले तिवारी को लगता है कि उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र में इतना काम किया है कि उन्हें जीतने में कोई दिक्कत नहीं होगी। दिल्ली में लोकसभा चुनाव के समीकरण, मुद्दों और संभावनाओं पर मनोज तिवारी ने 'आउटलुक' के सहायक संपादक के. के. कुलश्रेष्ठ को दिए इंटरव्यू में खुलकर बात की। प्रमुख अंशः

पूर्वी दिल्ली से महेश गिरि और उत्तर पश्चिम सीट से उदित राज का टिकट काटे जाने की क्या वजह थी?

हर सीट के लिए पार्टी हाईकमान की अपनी रणनीति होती है। उसी के अनुसार फैसला किया गया। वैसे भी महेश गिरि का पार्टी और बेहतर उपयोग करेगी। सांसद से भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। अभी भी वह पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं। उदित राज नाराजगी और जल्दबाजी में चले गए। लेकिन उन्हें भी पार्टी में मिले प्यार का जल्द अहसास होगा। उन्हें भी पार्टी में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती थी। हम उनके लिए सकारात्मक सोच रखते हैं।

दिल्ली में हर सीट पर व्यापारी मतदाता काफी संख्या में हैं। जीएसटी और नोटबंदी से इस वर्ग को खासी दिक्कतें हुईं। ऐसे में आप सभी सीटों पर जीतने की कैसे उम्मीद कर सकते हैं?

जीएसटी और नोटबंदी अब पुरानी बातें हो चुकी हैं। जीएसटी से तो व्यापारियों को खासा फायदा मिलेगा। सरकार ने आयकर छूट सीमा ढाई लाख से पांच लाख रुपये कर दी। जीएसटी भरने वाले व्यापारियों को दस लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी मिलेगा। हम व्यापारी को पेंशन देने की व्यवस्था भी करने जा रहे हैं। छोटे व्यापारियों को बहुत फायदा मिल रहा है।

भाजपा पर दिल्ली में विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लग रहा है। 

इस समय राज्य सरकार बनने का कोई अवसर नहीं है। ऐसे में यह आरोप निराधार है। खरीद-फरोख्त के काम में आप और कांग्रेस माहिर है। भाजपा इस तरह के काम में कभी संलिप्त नहीं होती है। इस समय चुनाव का माहौल है, ऐसे में लोग अपने राजनीतिक भविष्य को ध्यान में रखकर पार्टी बदलने का फैसला करते हैं। जो लोग भाजपा में आ रहे हैं, वे हमारी नीतियों से प्रभावित होकर आ रहे हैं।

खरीद-फरोख्त न सही, क्या भाजपा आप के विधायकों के प्रभाव का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें नहीं रिझा रही है?

आप के विधायकों को अहसास हो गया है कि अब जनता उनकी पार्टी के साथ नहीं है। भाजपा को विधायकों की खरीद-फरोख्त की जरूरत नहीं है। आप की नाव डूबने वाली है, इसलिए वे अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भाजपा में आ रहे हैं।

क्या आप अपनी सीट पर अपने प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी टक्कर की अपेक्षा कर रहे हैं?

तीन प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार हैं तो अगर भाजपा को 60 फीसदी वोट मिलते हैं तो बाकी 20-20 फीसदी वोट इन दोनों पार्टियों को मिलेंगे, लेकिन वे हमारी टक्कर में कहीं नहीं हैं।

2014 में आपकी जीत का अंतर काफी कम था। इस बार क्या आपको आप से कड़ी टक्कर मिलती नहीं दिख रही है?

नहीं, ऐसा नहीं है। इस बार मुझे 58 से 60 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है। मुझे बड़ी जीत हासिल होने वाली है।

कांग्रेस प्रत्याशी दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित से आप कैसे मुकाबले की उम्मीद कर रहे हैं?

उत्तर-पूर्व सीट वे पहले ही हार चुकी हैं। इस क्षेत्र की दुर्दशा के लिए शीला दीक्षित ही जिम्मेदार हैं। मेरे आने के बाद सिग्नेचर ब्रिज बना। इसके अलावा भी इतने ज्यादा विकास कार्य हुए जिन्हें बताते-बताते मेरी सांस फूलने लगती है। वैसे भी शीला जी की उम्र बहुत ज्यादा हो चुकी है। अब उन्हें गाड़ी से उतारने में दूसरों को मदद करनी पड़ती हैं। आखिर उनका शरीर थक चुका है। जल्दी ही उनके सिर पर हार का ठीकरा फूटने वाला है।

उत्तर-पूर्व दिल्ली सीट पर आपका मुख्य मुकाबला किससे है और आप किस आधार पर जीत के लिए आश्वस्त हैं?

हमारे मुकाबले में कोई नहीं है। हमारा मुकाबला क्षेत्र की दुर्दशा से हैं, हम उसे हराएंगे। सिग्नेचर ब्रिज शीला दीक्षित ने रोक रखा था। पूर्व मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा के समय में इसकी नींव रखी गई। वर्षों तक लटके रहने के कारण इसकी लागत 265 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,100 करोड़ रुपये हो गई। राष्ट्रपति शासन के दौरान हमने ब्रिज के काम को आगे बढ़ाया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसमें अड़ंगा लगाया।

आपने बताया कि आपने पिछले पांच साल में अनेक कार्य कराए। ऐसे कौन से काम हैं, जो आप पूरे नहीं कर पाए?

दिल्ली मेट्रो का चौथा चरण हम शुरू नहीं करवा पाए। इसकी मंजूरी तो हो गई लेकिन अभी काम शुरू नहीं हो पाया। अरविंद केजरीवाल ने राज्य का हिस्सा देने से इन्कार कर दिया, इस वजह से इसमें देरी हुई। मैंने जो योजना बनाई थी, उसके कुछ काम हो गए। कुछ काम शुरू हुए लेकिन पूरे नहीं हो पाए। मसलन ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए खजूरी खास से शास्त्री पार्क के बीच जाने-आने में सुबह-शाम तीन-तीन घंटे का समय लग जाता है। जबकि इसमें सिर्फ आधा घंटा लगना चाहिए। इससे निजात दिलाने के लिए एलिवेटेड रोड बनाने की योजना तैयार की है। इससे सफर महज चंद मिनटों में पूरा हो जाएगा।

कहा जा रहा है कि आपके क्षेत्र में दलित समाज के लोग आपसे नाराज हैं। क्या आपको उनका समर्थन मिलेगा?

हमने सबको एक साथ लाने की कोशिश की है। हमारे साथ सभी समाजों के लोग जुड़े हैं।

आपके खिलाफ पार्टी में कुछ लोग नाराज बताए जा रहे हैं?

पार्टी में कोई नाखुशी नहीं है। विजय गोयल मेरी तारीफ करते हैं। नाराजगी की बातें फैलाई गई थीं। ऐसा कुछ भी नहीं है।

कांग्रेस और आप में गठबंधन नहीं हो पाया, क्या इससे आपकी जीत आसान होगी?

अगर ये दोनों दल गठबंधन कर लेते तो हमें और ज्यादा फायदा होता। कांग्रेस तो खत्म ही हो जाती। ऐसे में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भाजपा के साथ आ जाते। अभी भी उनके पास कुछ भी नहीं बचा है। कांग्रेस ने घिसे-पिटे उम्मीदवार उतारे हैं।

अरविंद केजरीवाल ने आपके बारे में जो कहा है, उसके बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

उन्होंने जो भी कहा, वह पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों का अपमान है। इसका जवाब खुद जनता ही 12 मई को मतदान के दौरान देगी। आप को इसका खामियाजा भुगतना होगा।

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