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स्वदेशी जागरण मंच ने नीति आयोग के सीईओ पर लगाया आरोप, बोला- आरोग्य सेतु ऐप का कर रहे दुरुपयोग

आरोग्य सेतु ऐप पर ई-फार्मेसी को बढ़ावा देने को लेकर संघ परिवार से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने नीति...
स्वदेशी जागरण मंच ने नीति आयोग के सीईओ पर लगाया आरोप, बोला- आरोग्य सेतु ऐप का कर रहे दुरुपयोग

आरोग्य सेतु ऐप पर ई-फार्मेसी को बढ़ावा देने को लेकर संघ परिवार से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की आलोचना की है। मंच के संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा है कि ई-फार्मेसी अवैध है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को टैग करते हुए ट्वीट किया कि आरोग्य सेतु ऐप पर ई-फार्मा कंपनियों को प्रमोट किया जा रहा है। ये कंपनियां काफी डिस्काउंट देती हैं और दवा दुकानों के लिए खतरा बन गई हैं

महाजन बोले- सिर्फ चार कंपनियों को नहीं, सबको मिले समान सुविधा

आउटलुक से बातचीत में महाजन ने कहा, “यह कैसे संभव है कि भारत सरकार के किसी ऐप में ई-कॉमर्स ऑपरेटर का लिंक डाल दें, वह भी सिर्फ चार कंपनियों को सुविधा दें। अनेक छोटे ई-कॉमर्स प्लेयर हैं, उन्हें भी यह सुविधा मिलनी चाहिए। जगह के हिसाब से लोकल लिंक खुल जाना चाहिए। सबको समान अवसर मिले क्योंकि इससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी है।”

उन्होंने कहा, “हम ई-कॉमर्स का विरोध नहीं कर रहे हैं, हमारी आपत्ति इस बात पर है कि ये कंपनियां अपने डीप पॉकेट का इस्तेमाल करके बाजार पर नियंत्रण करना चाहती हैं। सवाल है कि ये कंपनियां कोई भी सामान कम कीमत पर क्यों बेच रही हैं। ई-फार्मेसी कंपनियां भी यही कर रही हैं। इनके पास काफी पैसा है तो ये डिस्काउंट में दवाइयां बेच रही हैं।

अमिताभ कांत ने लिखा था- आरोग्य सेतु पर ई-फार्मेसी की सुविधा

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने 3 मई को ट्वीट किया था कि आरोग्य सेतु पर लोगों को ऑनलाइन मेडिकल कंसल्टेशन (कॉल एवं वीडियो), होम लैब टेस्ट और फार्मेसी की सुविधा मिलेगी।

इसके जवाब में अश्वनी महाजन ने ट्वीट किया, “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देखिए, नीति आयोग के सीईओ आरोग्य सेतु ऐप पर ई-फार्मेसी को बढ़ावा दे रहे हैं जो भारत में गैर कानूनी तरीके से चल रहा है। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि चाइनीज वायरस से लड़ने के लिए तैयार किया गया ऐप विदेशी फंड से चलने वाली ई-फार्मेसी की मदद कर रहा है।” महाजन ने अपने ट्वीट के साथ 12 दिसंबर 2018 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश की प्रति भी लगाई है जिसमें बिना लाइसेंस के ऑनलाइन दवा बेचने पर रोक लगाई गई है। इस खबर पर टिप्पणी के लिए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।

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