हालांकि नया विवाद एक गलतफहमी के चलते हुआ है। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार दरअसल झगड़ा गांव के बाल्मिकी समाज और जाट समुदाय के बीच हुआ था। एक कार्यक्रम के तहत जाट समुदाय से किसी व्यक्ति ने दलित समुदाय के एक व्यक्ति को जलील करते हुए पानी का गिलास लाने के लिए कहा। इसपर दलित समाज का वह व्यक्ति बिफर गया। दोनों में मुंहजुबानी झगड़ा हुआ जो बढ़ गया। फिर दोनों समुदायों में पथराव हुआ लेकिन आसपास के गांवों में यह खबर फैला दी गई कि मुस्लिम लोगों ने मंदिर में कीर्तन कर रही महिलाओं पर पथराव किया है।
अब नए विवाद में बताया गया कि बुधवार को जब विवादित मस्जिद के पास बने मंदिर में कुछ हिंदू महिलाएं जागरण कर रही थीं और कुछ मुस्लिम लोगों ने उनकी तरफ पत्थर उछाले। महिलाओं ने जब अपने समुदाय में यह शिकायत रखी तो दोनों समुदायों में स्थिति फिर से तनावपूर्ण हो गई।
मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि इसके बाद हिंदू चरमपंथियों ने उनके घरों में फिर से आगजनी और मारपीट की। योनुस अल्वी का कहना है कि लगभग 2,000 लोग नंगी तलवारें लहराते हुुए हमला बोलने आए। इस समय अताली से लगभग 60 मुस्लिम परिवारों ने घर छोड़ बल्लभगढ़ के मदरसे में शरण ले रखी है। अल्वी का कहना है कि पहले से एक डरा सहमा समुदाय बहुसंख्यक लोगों पर आखिर कैसे पथराव कर सकता है।
क्या है अताली में विवाद
हरियाणा के फरीदाबाद के गांव अताली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर दो समुदायों के बीच संघर्ष में बहुत से लोग घायल हो गए थे। कई घर जला दिए गए थे। विवाद उस समय गहरा गया था जब मस्जिद की छत का निर्माण किया जा रहा था। दोनों समुदायों के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसने हिंसक रूप ले लिया। एक समूह ने दूसरे समुदाय के लोगों के घरों पर मिट्टी का तेल डालकर उसमें आग लगाई। मुस्लिम लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा। इस मामले में मुस्लिम लोगों का कहना है कि इस जमीन पर वह बीते 50 सालों से नमाज पढ़ रहे हैं जबकि हिंदू समुदाय का कहना है कि जमीन गांव की पंचायत की है। मामला अदालत में विचाराधीन है।